मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारा व गिरिजाघर में होने वाली शादियों का रखना होगा रिकॉर्ड

मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारा व गिरिजाघर में होने वाली शादियों का रखना होगा रिकॉर्ड
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पुलिस अधीक्षक चंद्रमोहन ने हाईकोर्ट की ओर से जारी किए गए दिशा-निर्देशों को जिले में सख्ती से पालना करने के निर्देश दिए हैं। एसपी ने सभी थाना प्रभारियों से कहा है कि इन निर्देशों को उल्लंघना करने वालों पर सख्त कार्यवाही की जाएगी।

हरिभूमि न्यूज : नारनौल

पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट ने मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारा व गिरिजाघर में होने वाले विवाह को लेकर दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। संज्ञान में आया है कि बड़ी संख्या में मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारा व गिरिजाघर बिना किसी रिकॉर्ड के बाल विवाह करवा रहे हैं। इस संबंध में हाईकोर्ट ने सभी के लिए दिशा-निर्देश जारी किए हैं।

पुलिस महकमा की ओर से जारी विज्ञप्ति में बताया गया है कि माननीय न्यायालय की ओर से जारी किए गए निर्देशों के अनुसार मंदिर के सभी पुजारी/पंडित, मस्जिद के मौलवी/काजी, गुरुद्वारा के ग्रंथी और गिरिजाघर के पादरी विवाहों पर एक उचित रजिस्टर बनाएंगे। जिसमें विवाह संपन्न की प्रति फाईल रखेंगे। विवाह प्रमाण पत्र में लड़के और लड़की की फोटो के अतिरिक्त आधार कार्ड, वोटर आईडी कार्ड, मैट्रिकुलेशन प्रमाण पत्र, जन्म प्रमाण पत्र आदि का सख्ती से उल्लेख किया जाए। ऐसे दस्तावेजों की एक फोटो कॉपी काउंटर फाईल के पीछे चिपकाई जाए। जिसका मंदिर के पुजारी/पंडित, मस्जिद के मौलवी/काजी, गुरुद्वारा के ग्रंथी और गिरिजाघर के पादरी की ओर से रखरखाव किया जाएगा।

हाई कोर्ट ने निर्देश जारी करते हुए कहा है कि किसी भी नाबालिग व्यक्ति के शपथ पत्र को विवाह करने के प्रयोजन के लिए आयु के वैध दस्तावेज के रूप में नहीं लिया जाएगा। मंदिर के सभी पुजारी/पंडित, मस्जिद के मौलवी/काजी, गुरुद्वारा के ग्रंथी और गिरिजाघर के पादरी साल के हर तीन महीने तिमाहियों के बाद काउंटर फाइल के साथ अपना रजिस्टर उस क्षेत्राधिकार के संबंधित थाना के एसएचओ के सम्मुख पेश करेंगे और रजिस्टर में दर्ज पार्टियों की उम्र के सत्यापन का निरीक्षण संबंधित एसएचओ की ओर से किया जाएगा।

इस संबंध में पुलिस अधीक्षक चंद्रमोहन ने हाईकोर्ट की ओर से जारी किए गए दिशा-निर्देशों को जिले में सख्ती से पालना करने के निर्देश दिए हैं। एसपी ने सभी थाना प्रभारियों से कहा है कि इन निर्देशों को उल्लंघना करने वालों पर सख्त कार्यवाही की जाएगी। मंदिर के पुजारी/पंडित, मस्जिद के मौलवी/काजी, गुरुद्वारा के ग्रंथी और गिरिजाघर के पादरी बाल विवाह में सम्मिलित पाए जाते हैं तो उनके खिलाफ संबंधित थाना में बाल विवाह निषेध अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कर कार्यवाही की जाएगी।

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