भर्ती घोटाला : प्रदेश यूथ कांग्रेस अध्यक्ष दिव्यांशु ने पद संभालते ही खोला मोर्चा, सीएम आवास पर प्रदर्शन, किसी ने नहीं लिया ज्ञापन

भर्ती घोटाला : प्रदेश यूथ कांग्रेस अध्यक्ष दिव्यांशु ने पद संभालते ही खोला मोर्चा, सीएम आवास पर प्रदर्शन, किसी ने नहीं लिया ज्ञापन
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यूथ कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल ने Hpsc और Hssc भर्ती घोटाले की जांच Cbi या हाई कोर्ट के सिटिंग जज से करवाने की मांग थी। लेकिन मुख्यमंत्री आवास पर 2 घंटे इंतजार करवाने के बाद भी यूथ कांग्रेस कार्यकर्ताओं से मिलने ना मुख्यमंत्री पहुंचे और ना ही उनके स्टाफ का कोई सदस्य।

चंडीगढ़। प्रदेश यूथ कांग्रेस ( State Youth Congress ) अध्यक्ष दिव्यांशु बुद्धिराजा ने पद संभालते ही भर्ती घोटालों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। उनके नेतृत्व में मांग पत्र लेकर यूथ कांग्रेस का प्रतिनिधिमंडल मुख्यमंत्री के आवास ( Cm House ) पहुंचा। इसमें एचपीएससी ( Hpsc ) और एचएसएससी ( Hssc ) भर्ती घोटाले की जांच सीबीआई या हाई कोर्ट के सिटिंग जज से करवाने की मांग थी। लेकिन मुख्यमंत्री आवास पर 2 घंटे इंतजार करवाने के बाद भी यूथ कांग्रेस कार्यकर्ताओं से मिलने ना मुख्यमंत्री पहुंचे और ना ही उनके स्टाफ का कोई सदस्य।

इस पर रोष जाहिर करते दिव्यांशु बुद्धिराजा ने कहा कि मुख्यमंत्री के रवैए से साफ है कि वो मामले की जांच से भाग रहे हैं। लेकिन यूथ कांग्रेस ने सरकार को 72 घंटे का अल्टीमेटम दिया है। अगर उनकी मांग नहीं मानी गई तो यूथ कांग्रेस 3 दिन बाद एचपीएससी की चढ़ाई करेगी। बुद्धिराजा ने कहा कि सरकार भर्ती घोटाले में शामिल उच्च पदों पर बैठे अधिकारियों और सत्ताधारियों को बचाने में लगी हुई है। सरकार एचपीएससी भर्ती घोटाले को भी एचएसएससी 'कैश फॉर जॉब' घोटाले की तरह रफा-दफा करना चाहती है। इतने दिन बाद भी रिमांड के दौरान विजिलेंस घोटाले के आरोपियों से उपयुक्त बरामदगी नहीं कर पाई। कोर्ट की तरफ से आरोपियों का रिमांड खारिज करते हुए जो टिप्पणी की गई है उससे साफ है कि विजिलेंस सरकार के दबाव में पूरे मामले को दबाना चाहती है। इसमें कहा गया है कि विजिलेंस की मंशा ही नहीं है कि वह दोषियों को उनके अंजाम तक पहुंचाए।

प्रदेश यूथ कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि भ्रष्टाचारियों को बचाने के लिए मुख्यमंत्री बार-बार झूठ बोल रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार के दौरान कोई भी भर्ती रद्द नहीं हुई। जबकि कुछ दिन पहले ही पेपर लीक होने के चलते कॉन्स्टेबल भर्ती को रद्द किया गया था। उससे पहले इसी सरकार के दौरान पीजीटी संस्कृत और टीजीटी इंग्लिश जैसी भर्तियों को रद्द किया गया। इतना ही नहीं नायब तहसीलदार और आईटीआई इंस्ट्रक्टर से लेकर कलर्क, बिजली निगम के एलडीसी समेत दो दर्जन भर्तियां के पेपर लीक हुए हैं। लेकिन सरकार ने ना भर्तियों को रद्द किया और ना ही पेपर लीक करने वालों पर कोई कार्यवाही की।



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