Redemisivir कर रहे ब्लैक, 899 का Injection 17 हजार में, अस्पताल पहुंच गए अफसर, जानें फिर क्या हुआ

Redemisivir कर रहे ब्लैक, 899 का Injection 17 हजार में, अस्पताल पहुंच गए अफसर, जानें फिर क्या हुआ
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अफसरों ने तीन अस्पतालों का निरीक्षण किया। सभी से कोविड मरीजों का डाटा मांग लिया गया है। पूछा गया है कि किन मरीजों को रेमडेसिविर दिया गया और कितनी कीमत वसूली गई। अन्य क्या दवाएं दी गई, कितने टेस्ट करवाए उपचार के लिए कितना खर्च लिया जा गया।

हरिभूमि न्यूज : रोहतक

रेमडेसिवर इंजक्शन की ब्लैक मार्केटिंग शुरू हो चुकी है। इसका पता लगा तो हड़कंप मच गया। अफसर शाम को ही प्राइवेट अस्पतालों में पहुंच गए। तीन अस्पतालों का निरीक्षण किया। सभी से कोविड मरीजों का डाटा मांग लिया गया है। पूछा गया है कि किन मरीजों को रेमडेसिविर दिया गया और कितनी कीमत वसूली गई। अन्य क्या दवाएं दी गई, कितने टेस्ट करवाए उपचार के लिए कितना खर्च लिया जा गया। इन सभी का ब्योरा अस्पतालों की ओर से बृहस्पतिवार को दिया जाएगा। हालात ये हैं कि ब्लैक मार्केटिंग करने वाले एक इंजक्शन 16-17 हजार रुपये में बेच रहे हैं, जबकि सरकार ने इसकी कीमत 899 रुपये निर्धारित की है। शिकायत मिली तो अधिकारी हरकत में आ गए। दूसरी ओर खुफिया एजेंसियों ने भी काला बाजारी की रिपोर्ट सरकार को भेजी है। बुधवार शाम को एसडीएम राकेश कुमार के नेतृत्व में स्वास्थ्य विभाग की एक टीम बनाई गई। इसमें डिप्टी सिविल सर्जन डॉ. केएल मलिक और ड्रग कंट्रोलर मनदीप मान शामिल किए गए।

टीम शाम को ही निकली और एडवांटा हॉस्पिटल, काएनोस हॉस्पिटल और ऑस्कर हॉस्पिटल का औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान एसडीएम राकेश कुमार सैनी ने अस्पताल संचालकों से उनके यहां उपचाराधीन कोविड-19 मरीजों के नाम, उनकी अब तक की गई स्वास्थ्य की जांच, उपचार के लिए दी गई दवाइयां और वसूली गई राशि का पूरा ब्योरा मांगा है। सभी अस्पताल संचालकों ने कल यानी बृहस्पतिवार तक पूरा ब्योरा देने का आश्वासन दिया है।

कालाबाजारी पर नजर रखे हैं

प्राइवेट अस्पतालों में उपचाराधीन कोरोना मरीजों के अभिभावकों के माध्यम से मिल रही शिकायतों को देखते हुए शाम तीन अस्पतालों का निरीक्षण किया। सभी से जांच, दवाओं और मरीजों से वसूले गए रुपयों का ब्योरा मांगा गया है। कालाबाजारी पर नजर है, सख्त कार्रवाई होगी। - राकेश कुमार, एसडीएम, रोहतक।

शिकायत पर तुरंत कार्रवाई करेंगे

रेमडेसिविर इंजक्शन की काला बाजारी करने वालों को किसी सूरत में बक्शा नहीं जाएगा। सरकार ने रेट निर्धारित किए हैं, कोई ज्यादा दाम वसूलता है तो हमसे शिकायत करें, तुरंत कार्रवाई की जाएगी। वैसे अभी तक 17 हजार रुपये में इंजक्शन बिकने जैसी शिकायत नहीं मिली है। हम नजर रखे हुए हैं, रेमडेसिविर की ब्लैक मार्केटिंग न हो, पूरा ध्यान रख रहे।- मनदीप मान, ड्रग कंट्रोलर।

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