फर्जीवाड़ा : एक ही व्यक्ति के नाम पर 8 गांवों में 320 क्विंटल बाजरा का रजिस्ट्रेशन

फर्जीवाड़ा : एक ही व्यक्ति के नाम पर 8 गांवों में 320 क्विंटल बाजरा का रजिस्ट्रेशन
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इस मामले की जानकारी उपायुक्त आरके सिंह के संज्ञान में आई तो उन्होंने तुरंत एक्शन लेते हुए मार्केट कमेटी के अधिकारियों से इसके बारे में जवाब तलब किया।

हरिभूमि न्यूज : नारनौल

सरसों खरीद में फर्जीवाड़ा (Fraudulent) होने के बाद सरकार ने बाजरे की सरकारी खरीद में धांधली रोकने के लिए अनेक प्रयास किए गए। जिसके तहत प्रदेश में पहली फसल की ऑफलाइन गिरदावरी के साथ-साथ ई-गिरदावरी भी करवाई गई। वहीं मेरी फसल-मेरा ब्यौरा (Meri Fasal Mera Byora) पोर्टल को भी अपडेट कर कई बदलाव किए गए। बावजूद सरकार के यह सभी प्रयास धरे के धरे गए, जब मंगलवार को 7 अक्टूबर के लिए अटेली अनाज मंडी में बाजरा खरीदने के लिए जारी किए गए शेड्यूल में एक ही व्यक्ति के नाम पर 8 अलग-अलग गांवों में रजिस्ट्रेशन दिखाया गया है। जब इस मामले की जानकारी उपायुक्त आरके सिंह के संज्ञान में आई तो उन्होंने तुरंत एक्शन लेते हुए मार्केट कमेटी के अधिकारियों से इसके बारे में जवाब तलब किया।

हरियाणा सरकार किसानों के बाजरे का एक-एक दाना पूरी पारदर्शिता के साथ खरीद करने का दावा कर रही है। परंतु अटेली मंडी में 7 अक्टूबर को खरीद करने के मंगलवार को जारी किए गए शेड्यूल ने सरकार के तमाम दावों के साथ-साथ बाजरा खरीद की पारदर्शिता की भी पोल खोलकर रख दी है। अटेली मंडी मार्केट कमेटी के तहत खरीद करने के लिए 7 अक्टूबर के लिए जारी किए गए शेड्यूल में राकेश नामक एक ही व्यक्ति के नाम पर 8 अलग-अलग गांवों में रजिस्ट्रेशन दिखाया गया है।

हैरानी की बात तो यह है कि इस व्यक्ति के नाम पर हर गांव में 40 क्विंटल प्रति रजिस्ट्रेशन दिखाकर कुल 320 क्विंटल बाजरा दिखाया गया है। जबकि यह व्यक्ति गांव गिरधरपुर का है। बावजूद मंगलवार को 7 अक्टूबर के लिए जारी किए शेड्यूल में इस व्यक्ति के नाम क्रम संख्या तीन पर गांव बासडुडा, क्रम नंबर 16 पर गांव बुडोली, क्रम नंबर 19 पर गांव फतहपुर टप्पा डहीना, क्रम नंबर 24 पर गांव गढी रूथल, क्रम नंबर 27 पर गांव गिरधरपुर, क्रम नंबर 29 पर गांव कुतुबपुर, क्रम नंबर 31 पर गांव जाडरा व क्रम 65 पर गांव सीहा में रजिस्ट्रेशन दिखाया गया है। सभी रजिस्ट्रेशनों पर 40-40 क्विंटल बाजरा अंकित है। बुधवार के लिए जारी किए गए शेड्यूल को देखते ही किसानों में हडकंप मच गया। कुछ किसानों का आरोप है यह सब मार्केट कमेटी की मिलभगत से हो रहा है तथा यह बाजरा एक ही फर्म पर बेचने की तैयारी थी, लेकिन इसका भंडाफोड़ हो गया। ऐसे में सवाल उठता है कि इतनी पारदर्शिता के बाद भी कहा चुक हो गई।

यह कहते हैं मार्केट कमेटी सचिव

मार्केट कमेटी अटेली के सचिव युद्धराज यादव ने बताया कि शेड्यूल की लिस्ट एनआइसी के हैड ऑफिस से जारी की जाती है और वैरीफाई का काम पटवारियों का है। उन्होंने बताया कि एक व्यक्ति के नाम पर 8 गांवों में अलग-अलग रजिस्ट्रेशन के इस मामले की जानकारी विभाग के मुख्यालय को दे दी गई है, ताकि इसका समाधान हो सके।

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