कलेक्टर रेट के चक्कर में रजिस्ट्री बंद, तहसील कार्यालयों से बैरंग लौट रहे लोग

नरेन्द्र वत्स. रेवाड़ी : नए साल में जमीनों के नए कलेक्टर रेट निर्धारित होने हैं। इस प्रक्रिया के चलते तहसील में रजिस्ट्रियों पर दो दिन से रोक लगाई हुई है, जिससे लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। ब्लड रिलेशन में होने वाली ट्रांसफर डीड पर भी रोक लगी हुई है। अभी तक कलेक्टर रेट फ्रीज नहीं होने के कारण राजस्व विभाग के अधिकारी भी असमंजस की स्थिति का सामना कर रहे हैं।
जिला प्रशासन की ओर हर साल जमीनों के कलेक्टर रेट निर्धारित किए जाते हैं। पहले कलेक्टर रेट साल में एक बार निर्धारित किए जाते थे। इसके लिए मार्च या अप्रैल माह निर्धारित होते थे। भाजपा की सरकार सत्ता में आने के बाद यह साल में दो बार तय किए जाते हैं। आमतौर पर 1 जनवरी से नए कलेक्टर रेट लागू हो जाते हैं, परंतु इस बार साल के पहले 3 दिनों में भी यह तय नहीं हो पाए हैं। नए कलेक्टर रेट निर्धारित नहीं होने के कारण तहसील कार्यालयों में रजिस्ट्री कराने के लिए आने वाले लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
प्रशासन की ओर से अभी तक लोगों को यह सूचना भी प्रेषित नहीं की गई है कि रजिस्ट्रियों का कार्य कब शुरू होगा। सूत्रों के अनुसार राजस्व विभाग के अधिकारियों के ग्रुप में भी कई जिलों में रजिस्ट्रियां बंद होने संबंधी मामला उठ चुका है, परंतु इस ग्रुप में जुड़े वरिष्ठ अधिकारियों की ओर से स्थिति स्पष्ट नहीं की गई है। राजस्व विभाग के अधिकारियों को असमंजस की स्थिति का सामना करना पड़ रहा है।
दो बार मीटिंग के बाद निर्णय नहीं
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार नए कलेक्टर रेट निर्धारित करने के लिए डीसी की अध्यक्षता में दो बार मीटिंग हो चुकी है, लेकिन इन मीटिंग में रेट ही फाइनल नहीं हो पाए हैं। यह मामला सिर्फ रेवाड़ी का ही नहीं है, बल्कि पूरे प्रदेश में कलेक्टर रेट निर्धारित नहीं होने के कारण रजिस्ट्रियों का कार्य रुका हुआ है। इससे रजिस्ट्री कराने के लिए तहसील कार्यालयों में आने वाले लोगों को खाली हाथ लौटना पड़ना रहा है।
सेल डीड को लेकर असमंजस
जमीनों की खरीद-फरोख्त के लिए निर्धारित तारीख पर रजिस्ट्री नहीं होने से संबंधित लोगों की सांसें अटकने लगी हैं। जिन लोगों ने 1 जनवरी के आसपास के दिन रजिस्ट्री के लिए डीड में निर्धारित किए हुए थे, उन लोगों को ज्यादा परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। दोनों पार्टियां रजिस्ट्री के लिए तहसील कार्यालयों में पहुंच रही हैं। बाद में उन्हें रजिस्ट्री नहीं होने की बात कहकर लौटाया जा रहा है।
ब्लड रिलेशन ट्रांसफर भी अटके
तहसील कार्यालयों में ब्लड रिलेशन में जमीन ट्रांसफर कराते समय स्टांप शुल्क की आवश्यकता नहीं होती। ब्लड रिलेशन में जमीन ट्रांसफर बिना शुल्क के होती है। इसके बावजूद तहसील कार्यालय में ऐसे ट्रांसफर भी रोक दिए गए हैं। हालांकि कई अन्य तहसीलों में ब्लड रिलेशन में ट्रांसफर पर रोक नहीं लगाई हुई है, परंतु स्थानीय तहसील में यह कार्य भी बंद पड़ा हुआ है।
अभी लग सकता है और समय
तहसीलदार और राजस्व विभाग के अधिकारियों की बैठक के बाद डीसी मीटिंग में नए कलेक्टर रेट निर्धारित करते हैं। इसके बाद निर्धारित रेटों पर स्वीकृति के लिए सरकार को पत्र भेजा जाता है। सरकार से स्वीकृति मिलने के बाद ही नए रेट लागू किए जाते हैं। अभी तक डीसी की ओर से ही नए रेट फाइनल नहीं किए जा सके हैं। ऐसे में लोगों को रजिस्ट्रियां कराने में अभी और इंतजार करना पड़ सकता है।
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