हरियाणा में 2017 कैदियाें को राहत, बढ़ाई गई पैरोल

पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के न्यायाधीश एवं कार्यकारी अध्यक्ष, हरियाणा राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण न्यायमूर्ति राजन गुप्ता की अध्यक्षता में 13वीं हाई पावर्ड कमेटी की बैठक की गई। हाई पावर्ड कमेटी के आदेशों के तहत पहले रिहा किए गए ऐसे 2017 दोषियों/विचाराधीन कैदियों की पैरोल/अन्तरिम जमानत की अवधि बढ़ाने की अनुमति दी गई।
सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि बैठक में कमेटी ने प्रथम चरण, द्वितीय चरण व तृतीय चरण के तहत अपराधियों के आत्मसर्पण के सम्बन्ध में जेल अधिकारियों द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट की भी समीक्षा की गई जिसमें पाया गया कि 879 दोषियों में से 851 ने आत्मसमर्पण कर दिया है तथा 8 दोषियों की उच्च न्यायालय ने पैरोल बढ़ा दी है। इसके अलावा 1 दोषी को सरकार द्वारा समय से पहले रिहा कर दिया गया है तथा 11 दोषियों की मृत्यु हो गई तथा 8 अपराधी फरार हो गए। कमेटी ने स्वैच्छिक सहमति पर केन्द्र सरकार द्वारा तय मानदण्डों के तहत पात्र सभी कैदियों को कोविड टीकाकरण की अनुमति प्रदान कर दी है। इसके अलावा, जिला विधिक सेवा प्राधिकरणों के अध्यक्षों/जिला एवं सत्र न्यायाधीशों को सप्ताह में एक बार जेलों का दौरा करने के लिए भी कहा गया है।
समिति ने बीते 11 फरवरी को आयोजित बैठक में जेल अधिकारियों को 2580 दोषियों जो जघन्य अपराधों में शामिल थे, के पुन: प्रवेश के लिए निर्देश दिए। अब जेलों में कैदियों की वर्तमान तादाद को देखते हुए तथा कोविड-19 की वृद्धि तथा 2580 दोषियों की पुन: भर्ती के मद्देनजर दिनांक 31-05-2021 तक हाई पावर्ड कमेटी ने 2017 (658 $ 1359) दोषियों/विचाराधीन कैदियों की पैरोल/अन्तरिम जमानत बढ़ा दी है, जिन्हें 7 साल की सजा हुई अथवा जिनको उन अपराधों के लिए मुकदमों का सामना करना पड़ रहा है जिनमें अधिकतम कारावास की अवधि 7 साल तक की है। जेल अधिकारियों को 10-05-2021 तक आत्मसमर्पण योजना प्रस्तुत करने का निर्देश भी दिया गया है। रिलीज की तारीख के आधार पर आत्मसमर्पण की तारीख तय की जानी चाहिए अर्थात जिस दोषी/विचाराधीन कैदी को पहले छोड़ा गया है, वह पहले आत्मसमर्पण करेगा।
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