हरियाणा के किसानों के लिए अच्छी खबर, आंदोलन में दर्ज केस वापस लेगी खट्टर सरकार, केंद्र से मिली मंजूरी

हरियाणा के किसानों के लिए राहत की खबर है। प्रदेश सरकार ने किसान आंदोलन में दर्ज किए गए सभी केस वापस लेने की कार्रवाई तेज कर दी है। केंद्र सरकार ने भी ये केस वापस लेने के लिए अपनी मंजूरी दे दी है। हरियाणा के स्वास्थ्य एवं गृह मंत्री अनिल विज ने इसकी पुष्टि की है। अनिल विज ने कहा कि सरकार कोशिश कर रही है कि किसानों पर दर्ज सभी मुकद्दमों को वापस लिया जाए, कुछ मामले केंद्र की अनुमति मिलने के बाद वापस लिए जा चुके हैं।
बता दें कि एक साल से भी लंबे समय तक चला किसान आंदोलन 11 दिसंबर को खत्म हुआ था। इसके बाद से ही हरियाणा सरकार ने किसानों पर दर्ज केसों को समाप्त करने, मरने वाले किसानों के परिवारों की मदद के साथ-साथ में बाकी विषयों को लेकर भी अफसरों के साथ होमवर्क शुरू किया था। उसी समय फैसला हुआ था कि हत्या और रेप जैसे गंभीर चार केसों को छोड़कर सभी केसों को वापस लिया जाएगा। कुल मिलाकर हरियाणा में दर्ज मामलों को वापस लेने और किसानों पर कार्रवाई नहीं करने का फैसला उसी दिन हो गया था, जिस दिन किसान प्रतिनिधि राजधानी चंडीगढ़ में सीएम मनोहरलाल व उनके अफसरों से मिलने के लिए पहुंचे थे। मरने वाले किसानों के परिजनों को मुआवजे की राशि कम से कम पांच लाख रुपये देने का भी फैसला हुआ था। अब केंद्र की मंजूरी के बाद हरियाणा सरकार केस वापस लेने की तैयारी में है। जिसके बाद गंभीर किस्म के केसों को छोड़कर बाकी मुकदमों को रद किया जाएगा।
गृह मंत्री अनिल विज ने बताया कि किसान आंदोलन में 272 मुकद्दमे दर्ज हुए थे जिनमें से 82 मुकदमें हम वापिस ले चुके हैं। ऐसे ही, 82 मामले ही रेलवे व जीटी रोड से संबंधित थे, जिसकी इजाजत के लिए हमने केंद्र से अनुमति मांगी थी। केंद्र से इसकी इजाजत मिल गई है और हरियाणा देश का पहला प्रदेश है जिसको केंद्र से इजाजत मिली है, बहुत जल्द हम इसे वापस लेने जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि कुछ मामले हाईवे से संबंधित हैं तो कुछ पर हाईकोर्ट की स्टे है, लेकिन हम कोशिश कर रहे हैं कि सभी मुकद्दमों को वापस लिया जाए।
यह मामले हैं गंभीर किस्म के
किसान आंदलोन के दौरान प्रदेश में चार मुकदमे गंभीर किस्म के हैं। जिसमें एक बंगाल की लड़की के साथ में दुष्कर्म का मामला है, वहीं दूसरी तरफ तीन हत्याओं के मामले हैं। इन केसों को वापस करने से राज्य सरकार के अफसरों ने साफ इनकार कर दिया था। इनको छो़ड़कर राज्य में लगभग 272 के करीब केस दर्ज हैं, इन सभी को वापस लेने पर सहमति बन गई है। बता दें कि हरियाणा देश का पहला ऐसा राज्य है जिसे किसानों पर दर्ज केस वापस लेने की अनुमति केंद्र सरकार से मिली है।
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