Haryana : रिटायर्ड जस्टिस जैन को राहत, पेंशन की रिकवरी पर 9 सितंबर तक रोक लगाई

हरिभूिम ब्यूरो : चंडीगढ़
हाईकोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस एस के जैन को हाईकोर्ट ने राहत देते हुए उन्हें कथित तौर पर तय मेडिकल अलाउंस और पेंशन की राशि से अधिक जारी की गई पेंशन राशि की रिकवरी के आदेशों पर 9 सितंबर तक रोक लगाते हुए हरियाणा सरकार (Haryana Government) सहित हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल और स्टेट बैंक ऑफ इंडिया को नोटिस जारी कर जवाब मांग लिया है।
जस्टिस एस एन सत्यनारायण एवं जस्टिस अर्चना पूरी की खंडपीठ ने यह आदेश रिटायर्ड जस्टिस जैन द्वारा एडवोकेट सुमित गोयल के जरिए दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए हैं । दायर याचिका में रिटायर्ड जस्टिस जैन ने हाईकोर्ट को बताया कि 31 अक्टूबर 1991 में हरियाणा सुपीरियर जुडिशियल सर्विस से सेवानिवृत हुए थे। 18 मार्च 1992 में उन्हें बतौर हाई कोर्ट जज नियुक्त कर दिया गया और उनका इलाहबाद तबादला कर दिया गया। 29 अक्टूबर 1995 में वह इस पद से सेवानिवृत हो गए थे । हरियाणा सुपीरियर जुडिशियल सर्विस वे हाईकोर्ट के जज के तौर पर उसकी पेंशन तय कर दी गई जिसे बाद में रोक दिया गया।
इसके बाद उन्होंने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर अपनी एचएसजेएस ( जज) की सेवा में दस वर्ष की वेटेज मांगते हुए इसी आधार पर पेंशन तय किए जाने की मांग की जिसे हाईकोर्ट ने ख़ारिज कर दिया। इसके बाद उन्होंने हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे दी। सुप्रीम कोर्ट ने 2015 में उनकी याचिका का निपटारा करते हुए आदेश दे दिए कि इस दौरान उन्हें जो अधिक पेंशन जारी की गई उसकी रिकवरी न की जाए। सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के बावजूद बैंक ने उन्हें नोटिस भेज दिया कि उन्हें मेडिकल अलाउंस और पेंशन की जो जो राशि अधिक जारी की गई है उसकी रिकवरी की जाएगी।
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