बेहतर काम के मिलेंगे नंबर : हरियाणा में हर SP का रिपोर्ट कार्ड होगा तैयार, गृह मंत्री विज ने मांगा ब्योरा

योगेंद्र शर्मा. चंडीगढ़
हरियाणा गृह विभाग के अंतर्गत आने वाले पुलिस अफसरों की एसीआर ( वार्षिक गोपनीय रिपोर्ट ) में नंबर उनके कामकाज के मूल्यांकन के आधार पर दिए जाएंगे। सूबे के गृहमंत्री अनिल विज ( Home Minister Anil Vij ) ने गृह विभाग के अफसरों और अपने स्टाफ को साफ कर दिया है कि जिन एसपी ( Sp ) और उनके ऊपर के अफसरों की एसीआर की फाइल उनके पास में आए, उसके साथ में उनके कामकाज की समीक्षा रिपोर्ट भी भेजनी होगी अर्थात कामकाज के आधार पर ही नंबर दिए जाएंगे। गृहमंत्री अनिल विज ने एसीआर ( एनुअल सीक्रेट रिपोर्ट ) के मामले में मात्र औपचारिकता नहीं निभाने का आदेश दिया है। अर्थात जिलों में तैनात एसपी की अगर एसीआर के लिए फाइल आएगी, तो अफसर की तैनाती से लेकर अभी तक के लंबित मामले, निस्तारण किए हुए मामले, कमान संभालने के वक्त लंबित मामलों के साथ साथ में सारा ब्योरा देना होगा।
गृह मंत्री अनिल विज ने विभागीय अफसरों और अपने स्टाफ को साफ कर दिया है कि बिना समीक्षा रिपोर्ट, मामलों के निस्तारण की संख्या और प्रदेश मुख्यालय से समय समय पर भेजे गए मामलों को लेकर अफसर की कार्यशैली कैसी रही है, इस बात का उल्लेख विस्तार से किया जाए। कुछ इस तरह की फाइलों को लेकर विज ने उनके जिलों से कामकाज का ब्योरा मंगाने,. समीक्षा रिपोर्ट देने को कहा है, अर्थात अपनी मनमानी करने, जनता की नहीं सुनने और समय समय पर मंत्रालय की ओर से दिए गए दिशा निर्देशों को लंबित डालने वालों के लिए आने वाले दिनो में उनकी एसीआर मुसीबत का सबब बनेगी, क्योंकि गृहमंत्री विज इस तरह के अफसरशाही को नापने के चक्कर में हैं।
पूर्व में मांगा जा चुका ब्योरा
कईं माह पहले भी गृहमंत्री ने राज्य के विभिन्न जिलों में तैनात सभी जिलों में तैनात पुलिस अधीक्षकों से गृह मंत्रालय की ओर से पिछले एक साल में भेजे मामलों में की गई कार्रवाई का ब्योरा मांगा था। काफी संख्या में अफसरों ने इस संबंध में रिपोर्ट भेजी थी। लेकिन इस काम में भी कईं जिलों में तैनात कईं अफसरों ने गंभीरता नहीं दिखाई। विज ने एक बार फिर से जिलेवार लंबित मामले और उनकी ओर से जारी आदेश के बाद में क्या-क्या कदम उठाए गए, इस बारे में स्थिति पर रिपोर्ट मांग ली है। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री मनोहरलाल द्वारा वरिष्ठ मंत्री अनिल विज को गृह विभाग का जिम्मा सौंपा है। कानून व्यवस्था दुरुस्त करने के साथ ही पुलिस कर्मियों के कल्याण के लिए विज ने कईं कदम उठाए हैं। गृह विभाग संभालने के बाद से गृह एवं सेहत मंत्री अनिल विज लगातार खुद भी लोगों की सुनवाई अंबाला और चंडीगढ़ अपने आफिस में कर रहे हैं।
पुलिस थानों., जिला स्तर पर भी सुनवाई नहीं होने से निराश काफी संख्या में फरियादी गृहमंत्री के पास आते रहे हैं। कोविड से पहले जहां भारी संख्या में लोगों के आने के कारण अंबाला छावनी स्थित गृहमंत्री के कैंप आफिस में लंबी कतार लग जाती थी। अभी भी जब कोविड थोड़ा कम असर दिखा रहा है, तो भी ढाई-तीन सौ मामले रोजना ही पहुंचते हैं। खास बात यह है कि खुद गृह विभाग में इस कार्य के लिए दो से तीन लोगों का स्टाफ लगा हुआ है। औसतन हर माह विज के पास में हर माह पांच हजार शिकायतें पहुंच रही हैं।
जिलेवार मामलों का ब्रेकअप और कार्रवाई
गृह मंत्री अनिल विज ने राज्य के सभी जिलों में तैनात पुलिस अधीक्षकों को भेजी शिकायतों और उन पर अभी तक हुई कार्रवाई की डिटेल मांगी है। गृहमंत्री के आफिस में भी सभी प्रार्थनापत्रों का पंजीकरण नंबर मामला, रेफरेंस रखा जाता है। पुलिस प्रमुख और एडीजीपी ला एंड आर्डर को इस संबंध में विज ने निर्देश जारी कर दिए हैं। अब सभी एसपी को अपने जिले का ब्योरा पुलिस मुख्यालय को भेजना होगा। इस तरह से विज किसी भी जिले में लंबित मामलों और एक्शन को लेकर गंभीर नजर आ रहे हैं।
समीक्षा के बाद लिया था कई का स्पष्टीकऱण
विज सभी जिलों के कामकाज की समीक्षा कर कईं माह पहले काफी एसपी से स्पष्टीकरण मांग लिया था।। गृहमंत्रालय की ओर से दिए जाने वाले दिशा निर्देशों को हलके में लेने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। यहां पर यह भी याद दिला दें कि उस दौरान इन जिलों में एक हजार से ऊपर मामले लंबित चल रहे थे। विज ने यह भी साफ कर दिया था कि कईं जिलों में दबाव बनाकर समझौते कराए जा रहे हैं। लेकिन उन्होंने यह भी साफ कर दिया है कि समझौते कराने की बजाय पुलिस गंभीर मामलों में एक्शन बताए क्या किया
लापरवाही और लंबित मामले बर्दाश्त नहीं : विज
प्रदेश के गृहमंत्री विज का कहना है कि लापरवाही और मामलों को लंबित डाले रखने की कार्यशैली बर्दाश्त नहीं होगी। विज ने कहा कि इसीलिए विभागी अफसरों को साफ कर दिया है कि एसीआर भी उनके कामकाज का मुल्यांकन करने के बाद ही लिखी जाएगी।
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