ग्लैंडर्स जांच को भेजे गए सैंपलों की रिपोर्ट आई, दो संदिग्ध केस मिले

ग्लैंडर्स जांच को भेजे गए सैंपलों की रिपोर्ट आई, दो संदिग्ध केस मिले
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इन दिनों घोड़े की प्रजातियों वाले पशुओं में ग्लैंडर्स नाम का संक्रमण फैल रहा है। यह संक्रमण बेहद खतरनाक है। इसकी चपेट में आने से पशुओं की मौत होने की आशंका रहती है। संक्रमित पशुओं के संपर्क में आने से इंसान भी प्रभावित हो सकते हैं।

हरिभूमि न्यूज : बहादुरगढ़

बामड़ोली सहित बहादुरगढ़ के 20 किलोमीटर क्षेत्र से घोड़े की प्रजातियों के लिए गए सेंपलों की रिपोर्ट आ गई है। लगभग सभी सेंपलों की जांच नेगेटिव आई है। दो संदिग्ध केस भी सामने आए हैं। इन दोनों घोड़ों की फिर से जांच होगी। लगभग 72 घंटे बाद रिपोर्ट आएगी। इसके बाद विभाग आगामी कार्रवाई शुरू करेगा।

दरअसल, दरअसल, इन दिनों घोड़े की प्रजातियों वाले पशुओं में ग्लैंडर्स नाम का संक्रमण फैल रहा है। यह संक्रमण बेहद खतरनाक है। इसकी चपेट में आने से पशुओं की मौत होने की आशंका रहती है। संक्रमित पशुओं के संपर्क में आने से इंसान भी प्रभावित हो सकते हैं। पखवाड़े भर पहले गांव बामड़ोली स्थित एक ईंट भट्ठे पर काम में लगाए गए खच्चर में यह संक्रमण पाया गया था। इसके बाद मामले को गंभीरता से लेते हुए पशु पालन विभाग ने बामड़ोली के ईंट भट्ठे पर सैंपलिंग की। बामड़ोली के पांच किलोमीटर में प्रत्येक अश्व प्रजाति के पशु की जांच की गई।

इसके अलावा बहादुरगढ़ के 20 किलोमीटर दायरे में भी रेंडम जांच कर सेंपल लिए गए। कुल 144 सेंपल लिए गए थे। इन्हें हिसार स्थित राष्ट्रीय अश्व अनुसंधान केंद्र भेजा गया था। अब इनकी रिपोर्ट आ गई है। इनमें से 142 की रिपोर्ट नेगेटिव आई है। शेष दो केस संदिग्ध मिले हैं। ये दोनों केस घोड़ों के हैं। विभाग की ओर से इन दोनों के सेंपल फिर से लेकर जांच के लिए भेजे जाएंगे। विभाग के एसडीओ रवींद्र सहरावत ने कहा कि ग्लैंडर्स संक्रमण बेहद खतरनाक है। अपने पशुओं को इस संक्रमण से बचाने के लिए पशुपालक सावधानी बरतेें।

अच्छी बात ये भी है कि बहादुरगढ़ से भेजे गए लगभग सभी सेंपलों की रिपोर्ट नेगेटिव आई है। जो दो केस संदिग्ध मिले हैं। इनकी पुष्टि के लिए फिर से दोबारा सेंपल लेंगे। इनकी रिपोर्ट 72 घंटे बाद आ जाएगी। उम्मीद है सकारात्मक परिणाम आएगा। रिपोर्ट में जो कुछ सामने आता है, उसके बाद आगे की कार्रवाई शुरू होगी।

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