Stubble Burning : अवशेष जलाने की घटनाओं में हरियाणा में 64 %, उत्तर प्रदेश में 52% और पंजाब में 23 प्रतिशत की कमी

Stubble Burning : अवशेष जलाने की घटनाओं में हरियाणा में 64 %, उत्तर प्रदेश में 52% और पंजाब में 23 प्रतिशत की कमी
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अतिरिक्त सचिव डॉ. अभिलक्ष लिखी ने किसानों से आह्वान किया है कि वे इस वर्ष भी अपने फसल अवशेषों का उचित प्रबंधन करें, ताकि प्रदूषण के स्तर में और अधिक कमी लाई जा सके।

हिसार : केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के तहत कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के अतिरिक्त सचिव डॉ. अभिलक्ष लिखी ने कहा है कि दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में वायु प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए फसल अवशेषों के प्रबंधन के लिए आरंभ की गई सेंट्रल सेक्टर योजना के बेेहद सकारात्मक परिणाम सामने आए हैं। उन्होंने बताया कि योजना के सफल क्रियान्वयन से वर्ष 2016 के मुकाबले वर्ष 2020 में हरियाणा, उत्तर प्रदेश और पंजाब राज्य में धान के अवशेष जलाने की घटनाओं की संख्या में क्रमश: 64 प्रतिशत, 52 प्रतिशत और 23 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई थी। अतिरिक्त सचिव डॉ. अभिलक्ष लिखी ने किसानों से आह्वान किया है कि वे इस वर्ष भी अपने फसल अवशेषों का उचित प्रबंधन करें, ताकि प्रदूषण के स्तर में और अधिक कमी लाई जा सके। इस मौके पर उन्होंने उत्तरी क्षेत्र फार्म मशीनरी प्रशिक्षण एवं परीक्षण संस्थान में इन-सीटू और एक्स-सीटू फसल अवशेष प्रबंधन के लिए उपयोग की जाने वाली मशीनों और उपकरणों का निरीक्षण करते हुए किसानों के साथ बातचीत भी की।

डॉ. लिखी ने कहा कि दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में वायु प्रदूषण के नियंत्रण और फसल अवशेषों के प्रबंधन के लिए जरूरी मशीनरी को सब्सिडी पर देने के लिए कृषि, सहकारिता एवं किसान कल्याण विभाग ने पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और दिल्ली के राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में सेंट्रल सैक्टर योजना वर्ष 2018-19 में शुरू की थी। इसके तहत फसल अवशेष प्रबंधन मशीनों की खरीद के लिए व्यक्तिगत तौर पर किसानों को लागत का 50 प्रतिशत और परियोजना लागत का 80 प्रतिशत अनुदान दिया जाता है। यह अनुदान व्यक्तिगत तौर के अलावा किसानों की सहकारी समितियों, पंजीकृत किसान समितियों, एफपीओ और पंचायतों को कस्टम हायरिंग सेंटर की स्थापना के लिए दिया जाता है। इस अवसर पर उत्तरी क्षेत्र फार्म मशीनरी प्रशिक्षण एवं परीक्षण संस्थान के निदेशक डॉ मुकेश जैन व अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

अतिरिक्त सचिव ने टीटीसी का दौरा किया

डॉ. अभिलक्ष लिखी ने खेती में ड्रोन व रोबोटिक तकनीकों के समावेश किए जाने की बात पर बल दिया है। इसके अतिरिक्त उन्होंने फसलों में पोषकता के साथ-साथ पेस्टिसाइड व इंसेक्टिसाइड मैनेजमेंट को भी खेती के लिए वर्तमान की सबसे बड़ी जरूरत बताया है। वे बुधवार को हिसार में उत्तरी क्षेत्र फार्म मशीनरी प्रशिक्षण एवं परीक्षण संस्थान दौरा कर रहे थे। डॉ. लिखी ने खेती में ड्रोन व रोबोटिक तकनीकों के समावेश से पोषकता, पेस्टिसाइड व इंसेक्टिसाइड मैनेजमेंट को लेकर उत्तरी क्षेत्र फार्म मशीनरी प्रशिक्षण एवं परीक्षण संस्थान के निदेशक डॉ मुकेश जैन को एग्रीटैक कंपनियों के साथ मिलकर कार्य करने के निर्देश दिए हैं।

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