सेवानिवृत्त प्राध्यापक करवाएंगे 11वीं व 12वीं के बच्चों का सिलेबस पूरा

हरिभूमि न्यूज : भिवानी
सीनियर सेकेंडरी स्कूलों में शिक्षकों की कमी झेल रहे विद्यार्थियों के लिए राहत भरी खबर है। उनको स्लेबस पूरा कराने की समस्या नहीं रहेगी। अब शिक्षा विभाग रिटायर्ड (सेवानिवृत) प्राध्यापकों से 11 वीं व 12 वीं के बच्चों का सिलेबस पूरा करवाया जाएगा। शिक्षा विभाग ने सेवानिवृत अध्यापकों की नियुक्ति के लिए पोर्टल खोल दिया है साथ में यह भी स्पष्ट किया गया है कि इनकी सेवाए 30 अप्रैल तक रखी जाएंगी। इस बारे में नियुक्ति करने की पॉवर स्कूल मुखिया को दी गई है।
हालांकि सेवानिवृत प्राध्यापक का पूरा रिकार्ड शिक्षा विभाग की पोर्टल पर ऑनलाइन रहेगा, लेकिन शिक्षक की नियुक्ति व उसको मानदेय देने की जिम्मेदारी स्कूल मुखिया की ही रहेगी। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार शिक्षा विभाग ने पहली बार स्कूल मुखियाओं को प्राध्यापकों की रिक्तियों पर सेवानिवृत प्राध्यापक रखने की छूट दी है। निर्देशों में कहा है कि स्कूल मुखिया स्कूल में जितने प्राध्यापकों के पद रिक्त हैं। उन पर नियुक्ति कर सकता है। यह नियुक्ति केवल 30 अप्रैल तक होगी। उसके बाद अपने आप उनकी सेवाएं समाप्त हो जाएंगी।
31 मई तक होगा शैक्षणिक सत्र
पहली बार शिक्षा विभाग ने शैक्षणिक सत्र को 31 मई तक बढाया गया है। अब से पहले शैक्षणिक सत्र 31 मार्च तक का होता रहा है। शिक्षा विभाग ने शैक्षणिक सत्र को 31 मई तक कोरोना वायरस संक्रमण के चलते किया है। चूंकि इस बार स्कूलों में बच्चों को पढाई नहीं हो पाई। बच्चों को केवल ऑनलाइन ही पढाया गया है। जिसके चलते उनका आधा अधूरा ही सिलेबस हो पाया है। अब शिक्षा विभाग ने दो माह का अतिरिक्त शैक्षणिक सत्र को इसलिए बढाया है कि ताकि बच्चों की कक्षाओं का सिलेबस पूरा करवाया जा सकता है। फिलहाल 30 अप्रैल तक सेवानिवृत प्राध्यापक बच्चों को पढाएंगे। उसके बाद एक माह तक बच्चे पढाए गए सिलेबस की दोहराई करेंगे।
पॉलिसी की अवेहलना हुई तो नपेंगे स्कूल प्रभारी
शिक्षा विभाग ने सभी जिला शिक्षा अधिकारी व स्कूल मुखियाओं को भेजे निर्देशों में कहा कि वे सेवानिवृत प्राध्यापकों की नियुक्ति करने से पहले विभाग की पॉलिसी का अवलोकन कर ले। पॉलिसी में दिए गए नियमों के हिसाब से उनकी नियुक्ति करें। इस बारे में कोई अनियमितता बर्दाश्त नहीं होगी। अगर किसी स्कूल मुखिया ने नियमों से बाहर जाने का प्रयास किया तो उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाएगी। साथ ही यह भी स्पष्ट किया गया है कि जिन सेवानिवृत प्राध्यापकों की नियुक्ति की जाएगी। उनसे केवल शैक्षणिक कार्य ही करवाए। बैठकों, सेमिनार व अन्य गैर शिक्षण के कार्य न करवाए जाए।
ऑनलाइन कार्यग्रहण करने वाले को मिलेगा मानदेय
केवल उन्हीं सेवानिवृत प्राध्यापकों को मानदेय दिया जाएगा जिनका कार्यग्रहण ऑनलाइन होगा। ऑफ लाइन कार्यगहण करने वाले को किसी तरह का कोई मानदेय नहीं दिया जाएगा। शिक्षक के कार्य का अवलोकन स्कूल मुखिया करेगा और उस पर अपने कॉमेंट भी दर्ज करेगा। भेजे निर्देशों में कहा गया है कि उक्त शिक्षक की भी दैनिक डायरी तैयार की जाएगी। उसी के आधार पर उसका कार्य संतोष व असंतोषजनक के बारे मंे टिप्पणी की होगी।
150 प्राध्यापकों के पद पड़े रिक्त
उल्लेखनीय है कि जिले के विभिन्न सरकारी स्कूलों में करीब डेढ सौ के आसपास प्राध्यापकों के पद रिक्त पड़े हैं। रिक्त पद होने की वजह से तीनों संकाय(कला संकाय, वाणिज्य व विज्ञान संकाय) के बच्चों की पढाई पूरी तरह से प्रभावित हो रही है। हसला के वाइस प्रेजीडेंट रमेश मल्हान ने बताया कि शिक्षा विभाग ने सेवानिवृत प्राध्यापकों को 30 अपे्रल तक नियुक्त करने की बजाए कम से कम एक साल के लिए नियुक्ति करें। ताकि शिक्षक बच्चों को सही ढंग से पढा सके,लेकिन दो महीनों के लिए नियुक्ति सही नहीं है। शिक्षकों की कमी की वजह से कई स्कूलों में बच्चों का सिलेबस पूरा नहीं हो पाया है।
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