युवक की मौत के बाद जागा रेवाड़ी प्रशासन, अब पकड़े जाएंगे आवारा पशु

रेवाड़ी। फोटोग्राफर की मौत (Death) के बाद रेवाड़ी प्रशासन नींद से जागा है। उपायुक्त यशेन्द्र सिंह ने कार्यकारी अधिकारी नगर परिषद रेवाड़ी व नपा सचिव धारूहेड़ा व बावल को कड़े निर्देश देते हुए कहा है कि वे रेवाड़ी, बावल, धारूहेड़ा में घूमने वाले आवारा पशुओं (Stray animals) को पकड़वाकर रेवाड़ी को स्ट्रे कैटल फ्री करें ताकि लोगों को आवारा पशुओं से होने वाली परेशानियों व भय से छुटकारा मिल सके, यदि ऐसा नहीं किया तो संबंधित अधिकारी सेक्शन 188 के तहत होने वाली कार्यवाही के लिए तैयार रहें।
डीसी यशेन्द्र सिंह लोकनिर्माण विश्राम गृह में स्ट्रे कैटल से संबंधित आवश्यक बैठक ले रहे थे। उन्होंने कार्यकारी अधिकारी नगर परिषद को निर्देश दिए कि सिर्फ कुर्सी पर बैठे-बैठे या सोचने से पशु नहीं पकड़ जाएंगे, उसके लिए प्लान बनाकर तुरंत कार्यवाही करें। डीसी ने स्पष्ट निर्देश दिए कि सरकार ने लोगों की समस्याओं को दूर करने के लिए आप लोगों को नियुक्त किया हुआ है तथा नागरिकों को जिला प्रशासन से बहुत उम्मीद है। लोगों की उम्मीदों पर खरा उतरने के लिए कार्य करें, अन्यथा कड़ी कार्यवाही की जाएगी। उन्होंने कहा कि मंगलवार को फिर इस बारे में मीटिंग बुलाई होगी, जब तक घूमने वाले आवारा पशुओं के लिए आवश्यक कार्यवाही करना सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि इस बात का विशेष ध्यान रखें कि अन्य जिलों या राज्यों से कोई भी पशुओं को हमारे जिला में न छोड़कर जाए इसके लिए कड़ी निगरानी करवाना सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि पशुपालन विभाग भी आवारा पशुओं को पकडऩे में तुरंत आवश्यक कार्यवाही अमल में लाएं।
यशेन्द्र सिंह ने कहा कि जिला में पशुओं को सडक़ों पर आवारा नहीं घूमने दिया जाएगा, जिसके लिए धारा 144 लगाई गई है। जिलाधीश ने आदेशों में पशु पालकों व मालिकों को स्पष्ट निर्देश दिए है कि वे अपने पशुओं को बांध कर रखें तथा खुला न छोड़ें। उन्होंने कहा कि आदेशों की अवहेलना करने पर आईपीसी 1860 के सेक्शन 188 के तहत कार्यवाही अमल में लाई जाएगी। उपायुक्त ने कार्यकारी अधिकारी नगर परिषद, सचिव नगर पालिका, उप निदेशक पशुपालन, उपमंडल अधिकारी ना. बावल व रेवाड़ी तथा संबंधित एसएचओ अपने-अपने संबंधित नगर परिषद व नगर पालिका क्षेत्रों में आदेशों की सख्ती से पालना करवाना सुनिश्चित करें, अन्यथा वे स्वयं इसके लिए जिम्मेवार होंगे। उन्होंने बताया कि उप निदेशक पशुपालन एवं डेयरी विभाग इस कार्य के लिए नोडल ऑफिसर होंगे जो सरकार द्वारा जारी निर्देशानुसार व एसओपी के तहत कार्यवाही करेंगे। उन्होंने निर्देश दिए कि वे प्रतिदिन पकड़े गए आवारा पशुओं का पूरा विवरण उपायुक्त कार्यालय में भिजवाना सुनिश्चित करें।
उपायुक्त यशेन्द्र सिंह ने इसके उपरांत सीएम विंडो व परिवार पहचान पत्र बारे भी समीक्षा बैठक लेते हुए विस्तार से चर्चा की। बैठक में एडीसी राहुल हुड़ा ने कहा कि परिवार पहचान पत्रों में यदि कोई त्रुटि है तो उसे ठीक करवाने के लिए 3 सितंबर से लेकर 5 सितंबर तक एक विशेष कैंप लगाया जाएगा, जिसमें परिवार पहचान पत्र में कोई गलती है तो उसे ठीक करवाया जा सकता है। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे अभी से इसकी तैयारियों में जुट जाएं और आवश्यक सैटअप इत्यादि करवाना सुनिश्चित करें ताकि किसी को कोई परेशानी न आए।
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