रेवाड़ी एम्स का निर्माण कार्य जल्द शुरू होने के चांस कम, शिलान्यास से पहले ही होती रहेगी राजनीति

हरिभूमि न्यूज. रेवाड़ी
माजरा में प्रस्तावित एम्स का जल्द निर्माण कार्य शुरू कराने के लिए आए दिन कैबिनेट मिनिस्टर डा. बनवारीलाल की ओर से दावे किए जा रहे हैं। एम्स निर्माण के प्रति प्रशासन की गंभीरता आए दिन डीसी की अन्य विभागों के अधिकारियों के साथ होने वाली बैठकों में साफ झलकती है। प्रशासन किसानों की जमीन का अधिग्रहण करने के लिए सरकार से 81 करोड़ रुपए की राशि जारी होने के दावे कर रहा है। इसके बावजूद प्रशासन इस जमीन की कीमत का भुगतान कर, इसे सरकार के नाम कराने में सक्रियता नहीं उठा रहा। विपक्ष ने अब एक्स निर्माण को लेकर राजनीति करना शुरू कर दिया है।
केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने गत वर्ष पटौदा में आयोजित शहीदी दिवस समारोह के दौरान दावा किया था कि वर्ष 2022 में एम्स का शिलान्यास हो जाएगा। उन्होंने शिलान्यास के मौके पर पीएम नरेन्द्र मोदी को आमंत्रित करने की बात भी कही थी। पहले यह मामला भू-मालिकों की मुआवजा राशि को लेकर अटका रहा। इसके बाद जब भू-मालिक सहमत हो गए, तो सरकार ने अभी तक इस जमीन को अपने नाम नहीं कराया है।
एम्स संघर्ष समिति भी प्रशासन से लगातार मांग कर रही है कि सरकार किसानों की जमीन अपने नाम कराकर इसके मुआवजे का भुगतान करे। प्रशासन की ओर से आए दिन इस मामले को लेकर मीटिंग की जाती रही हैं। इसके बावजूद अभी तक किसानों की जमीन सरकार के नाम नहीं हो पाई है। जमीन अधिग्रहण में जितना देरी होगी, उतना ही एम्स के निर्माण कार्य में देरी होगी।
भूमि अधिग्रहण में हो रही अनावश्यक देरी: विद्रोही
एम्स निर्माण को लेकर कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता वेदप्रकाश विद्रोही ने सवाल उठाते हुए कहा कि जब सरकार की ओर से जमीन अधिग्रहण करने के लिए करोड़ों रुपए का फंड जारी हो चुका है, तो जमीन सरकार के नाम कराने में देरी क्यों की जा रही है। रविवार को एक बयान में विद्रोही ने कहा कि प्रशासन को तुरंत किसानों की जमीन की राशि का भुगतान करते हुए इसे सरकार के नाम ट्रांसफर कराना चाहिए, ताकि एम्स निर्माण शुरू होने में अनावश्यक देरी नहीं हो।
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