माजरा एम्स : शर्त से तीन एकड़ की दूरी, 207 एकड़ जमीन की रजिस्ट्रियां पूरी

नरेन्द्र वत्स. रेवाड़ी: माजरा में प्रस्तावित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान के शिलान्यास को लेकर अब राजनीति तेज हो सकती है। एम्स संघर्ष समिति 5 फरवरी को इसके सांकेतिक शिलान्यास की घोषणा कर चुकी है। क्षेत्र के दो मंत्री जल्द पीएम नरेंद्र मोदी से शिलान्यास कराने की बात बार-बार दोहरा रहे हैं। हकीकत यह है कि एम्स के लिए सरकार की ओर से रखी गई 210 एकड़ जमीन की शर्त अभी तक पूरी नहीं हो पाई है। केंद्र सरकार ने अभी तक 150 एकड़ से कम जमीन का पट्टा कराया है। अभी 60 एकड़ जमीन का पट्टा होना शेष है। एम्स निर्माण समिति के अथक प्रयासों से शर्त के अनुसार मांगी गई जमीन पूरी होने के करीब पहुंच चुकी है।
तमाम अड़चनों का सामना करते हुए एम्स निर्माण समिति और माजरा के ग्रामीणों ने सरकार के नाम लगभग 198 एकड़ जमीन रजिस्ट्रियां शुरू होने के कुछ दिनों के अंतराल में ही करा दी थी। इस जमीन का गत वर्ष केंद्र सरकार के स्वास्थ्य एवं कल्याण विभाग की टीम ने भौतिक कब्जा भी ले लिया था। बची हुई जमीन महज 12 एकड़ थी, लेकिन छोटे-छोटे टुकड़ों में इस जमीन के मालिक 30 से ज्यादा थे। इनमें एमआरआई, सेना में कार्यरत जवान और नाबालिग बच्चे शामिल थे। एम्स निर्माण समिति की ओर से पूरी जमीन सरकार के नाम कराने के प्रयास निरंतर जारी रखे। छोटे टुकड़ों में जमीन की रजिस्ट्री सरकार के नाम कराने की प्रक्रिया निरंतर चलते रहने के बाद अब 207 एकड़ जमीन सरकार के नाम हो चुकी है।
गत 19 जनवरी को केंद्र सरकार की स्वास्थ्य एवं कल्याण विभाग की टीम ने 149 एकड़ 4 कनाल व 11 मरला जमीन का पट्टा एक रुपए सालाना के हिसाब से अपने नाम करा लिया है। हालांकि लगभग 50 एकड़ जमीन और भी सरकार के नाम थी, परंतु इस जमीन के बीच छोटे टुकड़ों की रजिस्ट्रियां नहीं हो पाना पूरी जमीन के पट्टे की राह में आड़े आ गया था। एम्स निर्माण समिति की ओर से हाल ही में छोटे-छोटे टुकड़ों के मालिकों को बुलाकर सरकार के नाम कुल 207 एकड़ जमीन करा दी है। बची हुई जमीन को भी सरकार के नाम कराने के प्रयास समिति की ओर से किए जा रहे हैं।
पूरी जमीन नाम कराने के प्रयास तेज
एम्स निर्माण समिति की ओर से पूरी जमीन की रजिस्ट्री सरकार के नाम कराने के प्रयास तेजी से किए जा रहे हैं। इसके लिए एक एनआरआई, पांच मायनर व दो गांव की लड़कियां शामिल हैं। समिति की ओर से कुछ नाराज भू-मालिकों को मनाने के प्रयास भी सिरे चढ़ाए जा चुके हैं। जल्द ही जमीन के बचे हुए हिस्से की रजिस्ट्री भी सरकार के नाम होने के पूरे आसार हैं। इसके बाद इस जमीन का पट्टानामा भी कराया जाएगा।
ग्रामीणों को जल्द शिलान्यास का इंतजार
ग्रामीणों को एम्स का शिलान्यास जल्द होने का बेसब्री से इंतजार है। केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह गत दिनों इसके लिए पीएम नरेंद्र मोदी से मिलकर शिलान्यास का समय देने की मांग कर चुके हैं, जबकि कैबिनेट मंत्री डा. बनवारी लाल सीएम मनोहर लाल के मार्फत पीएम से शिलान्यास का समय मांगने का आग्रह कर चुके हैं। शिलान्यास कराने के लिए लगभग 198 एकड़ जमीन सरकार के नाम होने के बाद से ही प्रयास किए जा रहे हैं, लेकिन अभी तक समय निश्चित नहीं हुआ है।
आंदोलन की राह पर संघर्ष समिति
एक ओर जहां एम्स निर्माण समिति जमीनों की रजिस्ट्रियां पूरी कराने के लिए पसीना बहा रही है, तो दूसरी ओर एम्स संघर्ष समिति शिलान्यास जल्द कराने के लिए सरकार पर दबाव बना रही है। 'हर घर से एक ईंट' के साथ संघर्ष समिति ने खुद ही एम्स का सांकेतिक शिलान्यास करने का निर्णय लिया हुआ है। इसके लिए क्षेत्र के लोगों से जनसमर्थन जुटाने के प्रयास भी लगातार किए जा रहे हैं।
जल्द शिलान्यास का आग्रह
हमने सरकार की जमीन पूरी करने की शर्त लगभग पूरी कर दी है। केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह और प्रदेश के कैबिनेट मंत्री डा. बनवारी लाल का रवैया सकारात्मक रहा है। अब सरकार से आग्रह किया जा रहा है कि शिलान्यास के कार्य में देरी नहीं की जाए। -जगदीश यादव, प्रधान, एम्स निर्माण समिति।
जल्द कराया जाएगा शिलान्यास
एम्स का शिलान्यास कराने के लिए सरकार पूरी तरह से गंभीर है। शिलान्यास की प्रक्रिया को लगातार आगे बढ़ाया जा रहा है। जो औपचारिकताएं बची हुई हैं, उन्हें भी पूरा किया जा रहा है। जल्द ही एम्स का शिलान्यास होने की पूरी उम्मीद है। -डा. बनवारी लाल, कैबिनेट मिनिस्टर।
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