Rewari : दूषित पानी का रुख खेतों की ओर, कई एकड़ में खड़ी फसलें जलमग्न

- धान व सब्जियों की फसलों पर फिर रहा दूषित पानी
- भूमिगत जल के प्रदूषित होने से स्वास्थ्य को भी खतरा
Rewari : राजस्थान की ओर से धारूहेड़ा क्षेत्र में आने वाला दूषित पानी हर स्तर पर लोगों को नुकसान पहुंचाने का काम कर रहा है। पानी के खटावली गांव के खेतों की ओर पहुंचने के बाद धान और सब्जियों की फसलों पर खतरा मंडराने लगा है। दूषित पानी खतरनाक स्टेज पर पहुंच चुका है, परंतु राजस्थान सरकार की ओर से पानी रोकने या इस पूरी तरह से ट्रीट करने की दिशा में कोई कदम नहीं उठाए जा रहे। 28 जुलाई को सीएम मनोहरलाल (CM Manohar Lal) के आगमन पर दूषित पानी का मुद्दा जोरदार ढंग से उठ सकता है।
लगभग दो दशक पुरानी दूषित पानी की समस्या लगातार विकराल रूप धारण कर रही है। कस्बे के लोगों के लिए दूषित पानी स्वास्थ्य के लिए बड़ा खतरा बन रहा है। एक बार पानी आने के बाद कई दिनों तक इसकी दुर्गंध खत्म नहीं हो पाती। आसपास के गांवों के लोगों के लिए भी दूषित पानी बड़े खतरे से कम नहीं है। पानी की संपर्क में आने वाले लोग चर्म रोग के शिकार हो रहे हैं। बरसात के समय लोगों का दूषित पानी से बचे रहना मुमकिन नहीं होता। सड़क पर फैलकर कॉलोनियों में प्रवेश करने वाला यह पानी नेशनल हाइवे नं. 48 पर एकत्रित होने के बाद दिल्ली-जयपुर राष्ट्रीय राजमार्ग पर फैल जाता है।
नेशनल हाइवे पर इस पानी के कारण जाम जैसे हालात बने रहते हैं। लोगों को जाम से निकलने में लंबा इंतजार करना पड़ता है। दूषित पानी जमीन में जाकर हैंडपंपों से बाहर निकलता है। हैंडपंपों से निकलने वाले दूषित पानी पशुओं को पिलाने लायक भी नहीं रहता। पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड की ओर से राजस्थान के जिम्मेदार अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के बाद मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है। एनएचएआई और एचएसआईआईडीसी की ओर से अभी तक एफआईआर दर्ज कराने की कार्रवाई नहीं की गई है।
भारी आफत साथ लाएगी इस बार बरसात
धारूहेड़ा क्षेत्र में दूषित पानी के हालात इस तरह से खतरनाक हो चुके हैं कि इस बार होने वाली तेज बरसात दूषित पानी के भराव से बाढ़ जैसे हालात पैदा कर सकती है। पानी रोकने के लिए बनाया गया मिट्टी का बांध टूट चुका है, जिससे पानी खेतों की ओर पहुंचने लगा है। खटावली के एक दर्जन से अधिक किसानों की धान और सब्जियों की फसल में दूषित पानी एकत्रित हो चुका है, जिससे इन फसलों के खराब होने की आशंका बन गई है।
सीएम से क्षेत्र के लोगों को बड़ी उम्मीद
जन संवाद कार्यक्रम के तहत 28 जुलाई से रेवाड़ी में तीन दिवसीय प्रवास के दौरान दूषित पानी का मुद्दा खुलकर उठ सकता है। जलभराव की स्थिति जिस एरिया में उत्पन्न होती है, उससे चंद मीटर की दूरी पर सीएम को ठहरना है। अगर उस समय मौसम विभाग की भविष्यवाणी सटीक साबित होती है, तो सीएम खुद अपनी आंखों से लोगों की बदहाल जिंदगी का नजारा देख सकेंगे। क्षेत्र के लोगों को सीएम मनोहरलाल से समस्या के समाधान की उम्मीद है।
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