Rewari : भिवाड़ी से प्रदूषित धारूहेड़ा, आतिशबाजी ने बढ़ाया प्रदूषण

- दीवाली के बाद लगातार बढ़ रहा प्रदूषण का स्तर
- क्षेत्र में दिनभर वातावरण में छाया रहा स्मॉग, लोग रहे परेशान
Rewari : राजस्थान के समीपवर्ती औद्योगिक कस्बा भिवाड़ी लगातार जिले से ज्यादा प्रदूषित रहता है, परंतु दीवाली पर्व पर हुई आतिशबाजी के बाद शहर ने प्रदूषण के मामले में भिवाड़ी को पीछे छोड़ दिया। आतिशबाजी का असर अब वातावरण में साफ देखने को मिल रहा है। आसमान में छाया स्मॉग लोगों को जमकर परेशान कर रहा है। स्मॉग कम करने के लिए कृतिम बरसात की तरह दिन भर छिड़काव कराया गया। इसके बाद शाम तक प्रदूषण का स्तर कुछ कम हो सका। आतिशबाजी का असर अभी कुछ दिन तक और देखने को मिल सकता है।
गत सप्ताह धारूहेड़ा का एयर क्वालिटी इंडेक्स 400 के आसपास चला गया था। भिवाड़ी में एक्यूआई इससे कहीं अधिक चल रहा था। बरसात होने के बाद प्रदूषण साफ हो गया। हवा साफ होने के बाद एक्यूआई कम होकर 150 से भी नीचे आ गया था। कई दिनों बाद लोगों को साफ हवा में सांस लेने का मौका मिला था। दीवाली पर्व तक एक्यूआई काफी कम चल रहा था। जिला प्रशासन की ओर से दीवाली पर्व पर पटाखे बेचने और इनके इस्तेमाल पर पूर्ण रोक लगाई हुई थी। पुलिस ने पटाखे बेचने वाले कई दुकानदारों के खिलाफ तो कार्रवाई की, परंतु इनका इस्तेमाल करने वाले लोगों पर कोई एक्शन नहीं लिया गया। परिणाम यह हुआ कि दीवाली को देर रात पटाखों का शोर सुनाई देता रहा। दीवाली के दूसरे व तीसरे दिन भी पटाखों का शोर रहा। आतिशबाजी के कारण गत सोमवार से ही एक्यूआई बढ़ना शुरू हो गया। मंगलवार सुबह एक्यूआई 377 पर पहुंच गया, जो भिवाड़ी के एक्यूआई को भी पीछे छोड़ गया। भिवाड़ी में मंगलवार सुबह एक्यूआई 373 रहा।
स्मॉग को साफ करने के लिए पानी का सहारा
बढ़ते वायु प्रदूषण को कम करने के लिए प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड की ओर से संबंधित विभागों को लगातार नोटिस दिए जा रहे हैं। प्रदूषण की समस्या सबसे ज्यादा एनएच-8 से गुजरने वाले लाखों वाहनों से बढ़ती है। साथ ही एनएच के टूटे हुए सर्विस रोड से उड़ने वाली धूल भी प्रदूषण बढ़ने का कारण बनती है। एचएसपीसीबी के निर्देश पर मंगलवार को एनएचएआई ने धूल उड़ाने वाले स्थानों पर पानी का छिड़काव कराया गया। जिस स्थान पर एक्यूआई मापने का यंत्र लगा हुआ है, उसके आसपास फव्वारा सिस्टम से पानी का छिड़काव कराया गया। धारूहेड़ा नगर पालिका क्षेत्र भी नपा की ओर से पानी का छिड़काव कराया गया।
ठंड बढ़ने के साथ बढ़ेगी प्रदूषण की समस्या
आने वाले दिनों में ठंड बढ़ने के पूरे आसार हैं। मौसम ठंडा होने व हवा में नमी होने के बाद प्रदूषण की समस्या और बढ़ने की पूरी संभावना है। प्रदूषण बढ़ाने वाले तत्व ठंड और नमी के कारण वायुमंडल की ऊपरी स्तह तक जाने की बजाय पृथ्वी के आसपास मंडराते रहते हैं, जिस कारण प्रदूषण बढ़ जाता है। हवा की गति कम होने के कारण भी प्रदूषण की समस्या बढ़ती है। मंगलवार को हवा की गति 5 किलोमीटर प्रति घंटा से भी कम रही, जिस कारण लोगों को दिन भर स्मॉग के कारण परेशानी का सामना करना पड़ा। सभी की निगाहें एक बार फिर आसमान पर टिकी हुई हैं। अगर फिर से बरसात होती है, तो इससे प्रदूषण कम हो सकता है।
प्रदूषण कम करने के प्रयास जारी
एचएसपीसीबी आरओ हरीश कुमार ने बताया कि दीवाली पर पटाखों के कारण एक बार फिर से प्रदूषण की समस्या बढ़ी है। जगह-जगह पानी की छिड़काव कराया जा रहा है। टैंकरों और फायर ब्रिगेड की गाड़ियों से अधिक प्रदूषण वाले स्थानों पर छिड़काव कराया जा रहा है, ताकि प्रदूषण का स्तर कम हो सके।
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