Exclusive : रेवाड़ी के युवक से लाखों की ठगी के बाद कर रहे थे ऐश, साइबर पुलिस ने वेस्ट बंगाल से दबोचे 2 आरोपी

Exclusive : रेवाड़ी के युवक से लाखों की ठगी के बाद कर रहे थे ऐश, साइबर पुलिस ने वेस्ट बंगाल से दबोचे 2 आरोपी
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नवंबर माह में घर बैठे हर सप्ताह 10 हजार रुपए कमाने का लालच देकर रेवाड़ी के पीथनवास के एक युवक के साथ 40.30 लाख रुपये की ठगी में संलिप्त दो आरोपियों को साइबर थाना पुलिस ने गिरफ्तार किया है।

नरेन्द्र वत्स : रेवाड़ी

नवंबर माह में घर बैठे हर सप्ताह 10 हजार रुपए कमाने का लालच देकर रेवाड़ी के पीथनवास के एक युवक के साथ 40.30 लाख रुपये की ठगी में संलिप्त दो आरोपियों को साइबर थाना पुलिस ने गिरफ्तार किया है। ठगी के मास्टरमाइंड एक आरोपी के बेटे को दबोचने के लिए पुलिस ने जाल बिछा दिया है। पूछताछ के बाद यह बात सामने आई है कि मास्टरमाइंड का बाप ठगी के पैसे से गोल्ड लोन और कार का लोन चुकता करने के बाद बचे हुए पैसों से ऐश कर रहा था।

सुनील ने 7 नवंबर को साउथ रेंज साइबर थाना पुलिस को दर्ज शिकायत में बताया था कि उसके पास एक फोन कॉल आया था। कॉल करने वाले ने उसे हर सप्ताह डेटिंग से 10 रुपए कमाने का लालच दिया था। उसने पहले रजिस्ट्रेशन के नाम पर 1500 रुपए, लाइसेंस के नाम पर 24600 रुपए और मेडिकल सर्टिफिकेट के नाम पर 33400 रुपए अलग-अलग खातों में जमा कराए थे। इसके बाद शामित बदमाश ने उसके साथ लाखों रुपए की ठगी करता चला गया। उसकी समझ में जब तक ठगी का खेल आता, तब तक वह अपने खाते से 4030650 रुपए गंवा चुका था। यह राशि अलग-अलग बैंक खातों में ट्रांसफर हुई थी। पुलिस ने केस दर्ज करने के बाद आरोपियों का पता लगाने के लिए बैंक खातों को खंगालना शुरू कर दिया था।

पश्चिम बंगाल से दबोचे दो आरोपी

मामले की जांच कर रहे एएसआई अमित कुमार ने यह जानकारी हासिल की कि ठगी की यह रकम किन खातों में ट्रांसफर हुई है। इसके बाद पुलिस की टीम ने पश्चिम बंगाल के वेस्ट मिदानपुर के तुर्कगढ़ निवासी जोगेंद्रनाथ और टालड़ा रतनचक निवासी अनलजना को गिरफ्तार कर लिया। दोनों से पूछताछ करने पर पता चला कि ऑनलाइन ठगी का मास्टरमाइंड जोगेंद्रनाथ का बेटा प्रसन्नजीत है, जो कोलकाता में एक दुकान चलाने की आड़ में ठगी का धंधा करता है। पुलिस जब उसे काबू करने के लिए पहुंची तो वह फरार हो चुका था। पुलिस ने उसका लैपटॉप अपने कब्जे में लिया है, लेकिन पासवर्ड के अभाव में अधिक जानकारी जुटाने में दिक्कतें आ रही हैं। इसके लिए प्रसन्नजीत को गिरफ्तार करने के प्रयास शुरू किए गए हैं।

ठगी के बाद बाप को किया मालामाल

पूछताछ में यह बात सामने आई है कि प्रसन्नजीत ने ठगी की रकम में से 16.50 लाख रुपए अपने पिता जोगेंद्रनाथ को दिए थे। इस रकम से जोगेंद्रनाथ ने 5 लाख रुपए का गोल्ड लोन चुकता कर दिया। फाइनेंस पर ली गई गाड़ी की किस्तों के बकाया 3.25 लाख का हिसाब कर दिया। उसकी गाड़ी को सीज करने के लिए साइबर थाना पुलिस ने पश्चिम बंगाल के संबंधित पुलिस स्टेशन को सूचना प्रेषित कर दी है। ठगी की रकम से जोगेंद्रनाथ ने एक सोने का कड़ा बनवाया था, जिसे पुलिस ने अपने कब्जे में ले लिया है। बाकी पैसों से वह जमकर ऐश करता रहा।

खाते यूज करने के बदले मोटी रकम

अनलजना से पूछताछ के बाद यह बात सामने आई है कि ठगी की वारदात को अंजाम देने के बाद प्रसन्नजीत अनलजना के खातों में पैसा ट्रांसफर करता था। इसके बाद लगभग 60 फीसदी रकम खाते से निकलवाकर प्रसन्नजीत के हवाले कर दी जाती थी। उसके पास प्रसन्नजीत ने ठगी की इस रकम में से 6 लाख रुपए ट्रांसफर किए थे। उसने खाते से 3 लाख रुपए कैश निकलवा लिए। 1 लाख से अधिक एटीएम से निकाल लिए और शेष रकम एक अन्य खाते में ट्रांसफर कर दी।

प्रसन्नजीत के लिए बिछा जाल

जांच अधिकारी अमित कुमार ने बताया कि प्रसन्नजीत को काबू करने के लिए पुलिस की एक टीम संभावित ठिकाने पर दबिश देने के लिए गई थी, परंतु वह पहले ही वहां से फरार हो चुका था। उसका लैपटॉप कब्जे में लेने के बाद पासवर्ड तुड़वाने के प्रयास किए जा रहे हैं। लैपटॉप खुलने के साथ ही ठगी के कई अन्य मामलों का राज भी खुल सकता है।

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