Rewari : वीएलडीए व एनिमल अटेंडेंट के सहारे नाहड़ पशु चिकित्सालय

Rewari : वीएलडीए व एनिमल अटेंडेंट के सहारे नाहड़ पशु चिकित्सालय
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  • चिकित्सालय में 6 पोस्ट, कार्यरत मात्र 2, रिक्त पद 4
  • अस्पताल पर 5 गांवों के पशुओं का जिम्मा, वेटरनरी सर्जन भी नहीं

Rewari : नाहड़ के राजकीय पशु चिकित्सालय में पिछले कई महीनों से पूरा स्टॉफ नहीं है। पशु अस्पताल वीएलडीए व एनिमल अटेंडेंट के सहारे चल रहा है, जिसके कारण पशुपालकों को पशुओं के इलाज के लिए परेशानी उठानी पड़ रही है। गांव पशु चिकित्सालय में कार्यरत वीएलडीए को सरकार की ओर से सर्वे का कार्य भी सौंपा हुआ है। सरकारी कार्य से बाहर जाने व छुट्टी लेने पर अस्पताल का कार्य बाधित हो जाता हैं।

ग्रामीण रामकुमार यादव, राजाराम, धर्मवीर, दिनेश, योगेश, लाला मिस्त्री व राममेहर ने सरकार से स्टॉफ सदस्यों की पूर्ति करने की मांग की है। गांव कोहारड़ निवासी नित्यानंद व अनीता ने बताया कि उनकी गाय को एलर्जी हो गई है, जिससे अन्य पशुओं को भी एलर्जी होने की संभावना बन रही है। पशु चिकित्सव न होने के कारण उन्हें समस्या का सामना करना पड़ रहा है। नाहड़ बहू झोलरी मार्ग स्थित पशु चिकित्सालय का उद्घाटन 1983 में उपायुक्त रोहतक आरडी गर्ग ने किया था। इसके बाद 2019 में डाॅ. अरविंद शर्मा सांसद रोहतक, पूर्वमंत्री विक्रम सिंह यादव व पूर्व सरपंच प्रदीप शेखावत की अगुवाई में पशु चिकित्सालय की चार दीवारी व इंटरलॉकिंग टाइल्स रास्ते के निर्माण कार्य का उद्घाटन किया गया। मरम्मत, टाइल्स तथा शेड पर लाखों रुपए खर्च किए गए, लेकिन स्टाफ के अभाव में पशु चिकित्सालय दर्शनीय स्थल बनकर रह गया है।

पशु अस्पताल में 6 पोस्ट में से 4 खाली

ब्लॉक स्तरीय पशु चिकित्सालय नाहड़ के अंतर्गत पांच गांव आते हैं, जिसमें नाहड़, कोहारड़, मुमताजपुर, जुड्डी व भड़ंगी शामिल हैं। नाहड़ पशु अस्पताल में 6 पोस्ट स्वीकृत हैं, लेकिन फिलहाल दो स्टॉफ सदस्य ही कार्यरत है तथा चार पोस्ट खाली पड़ी हुई हैं। अस्पताल में फिलहाल एक वीएलडीए तथा एक एनिमल अटेंडेंट कार्यरत है। अस्पताल में एक वेटरनरी सर्जन, एक बीएलईओ, एक वीएलडीए व एक चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी की पोस्ट वेकेंट है। रेवाड़ी में डिप्टी डायरेक्टर, कोसली में एसडीओ तथा नाहड़ में डॉक्टर की पोस्ट खाली है।

अस्पताल में ओपीडी हो रही बाधित

पशु चिकित्सालय में वेटरनरी सर्जन तथा दूसरे स्टाफ सदस्यों के अभाव में ओपीडी बाधित हो रही है। पशु अस्पताल में रोजाना 15 से 20 सामान्य ओपीडी हो जाती हैं। खंड स्तर पर होने के कारण पांच गांवों के अलावा अन्य गांवों के पशुपालक भी पशुओं के लिए दवाई लेने के लिए आ जाते हैं। क्रिटिकल बीमारी के लिए लोगों को इधर-उधर भटकना पड़ता है तथा पशुओं का इलाज प्राइवेट डॉक्टरों से पैसे देकर कराना पड़ता है।

ऑनलाइन ट्रांसफर से पोस्ट हुई वेकेंट

उप मंडल अधिकारी पशुपालन विभाग डॉ. अनीता यादव ने बताया कि विभाग की ओर से राजकीय पशु चिकित्सालय नाहड़ के वेटरनरी सर्जन की अप्रैल माह में प्रतिनियुक्ति की गई थी, तभी से यहां पोस्ट वेकेंट है। ऑनलाइन ट्रांसफर से भी पोस्ट वेकेंट हुई हैं। इसके लिए विभाग को पत्र लिखा जा चुका है। मार्च व अप्रैल के बीच ऑनलाइन ट्रांसफर ड्राइव के दौरान ही सभी पोस्टें भरी जाएंगी। वेटरनरी सर्जन के लिए भी व्यवस्था करने के प्रयास किए जा रहे हैं।

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