Rewari : समुदाय विशेष के लोग कर रहे घर वापसी, गांवों में प्रवेश नहीं करने का फरमान जारी

- कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस प्रशासन की पैनी नजर
- बाहर से आकर काम धंधा करने वाले लोग जाने लगे अपने घर
Rewari : नूूंह में ब्रजमंडल यात्रा के दौरान हुई हिंसा के बाद हिंदू संगठनों की ओर से लगातार विरोध किया जा रहा है। इसी के चलते बड़ी संख्या में समुदाय विशेष के अप्रवासी लोगों ने अपनी घर वापसी शुरू कर दी है। ग्रामीण क्षेत्रों में आकर खेती और अन्य कार्य करने वाले लोग वापस जाने शुरू हो गए हैं। शहर में काम-धंधा करने वाले लोग भी ट्रेन व बसों से वापस जा रहे है। पुलिस प्रशासन की ओर से शांति व सौहार्द कायम रखने के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं, परंतु इसके बावजूद अनिष्ट की आशंका को देखते हुए यह लोग वापस जा रहे हैं। इसी बीच दो गांवों की पंचायतों (Panchayats) ने प्रस्ताव पास करते हुए समुदाय विशेष के लोगों की इन गांवों में एंट्री पर रोक लगाने का फरमान जारी कर दिया है।
नूंह प्रकरण के बाद से सामुदायिक सौहार्द बिगड़ने की आशंका को देखते हुए पुलिस प्रशासन की ओर से पुख्ता प्रबंध किए हुए हैं। एक-दो स्थानों पर असमाजिक तत्वों की ओर से माहौल बिगाड़ने के प्रयास जरूर किए गए, परंतु पुलिस ने उनके खिलाफ तुरंत कार्रवाई करते हुए स्थिति को संभाल लिया। जिले के 100 से अधिक गांवों में समुदाय विशेष के लोगों ने जमीन पट्टे पर लेकर सब्जियों की खेती की हुई है। धवाना में ऐसे कुछ परिवारों की झोपड़ियां जलाने के बाद अन्य गांवों में भी खेती कर रहे लोगों ने बच्चों के साथ घर जाना शुरू कर दिया है। डीसी मोहम्मद इमरान रजा और एसपी दीपक सहारण ने इन लोगों को आश्वास्त किया कि उनकी सुरक्षा के पूरे इंतजाम किए हुए हैं, परंतु कभी भी हमले की आशंका इन्हें माहौल सामान्य होने तक घर लाने के लिए मजबूर कर रही है। कई गांवों में प्रबुद्ध लोग भी अप्रवासियों को कुछ समय के लिए घर लौट जाने की सलाह दे रहे हैं। जिन लोगों के खेतों में यह ठहरे हुए हैं, उन्हें भी आलोचना और गुस्से का शिकार होना पड़ रहा है। दूसरी ओर धार्मिक संगठनों से जुड़े कुछ युवाओं का बार-बार बाइकों के ग्रुप बनाकर सड़कों पर निकलना भी आशंका पैदा कर रहा है।
शहरी क्षेत्र से सैकड़ों लोग वापस रवाना
रेवाड़ी, धारूहेड़ा और बावल में बड़ी संख्या में समुदाय विशेष के लोग रह रहे हैं। इनमें से कुछ लोग दुकान चलाते हैं, तो कुछ रेहड़ियां लगाकर आजीविका कमाते हैं। ऑटो रिक्शा चलाने वाले लोगों की संख्या भी काफी है। हेयर ड्रेसर का काम भी कई लोग करते हैं। नूंह प्रकरण के बाद इन लोगों ने आपस में फोन पर बात करने के बाद हालात पूरी तरह सामान्य होने तक यहां से अपने मूल निवास की ओर निकलने का निर्णय लिया। एक अनुमान के अनुसार अकेले कस्बा धारूहेड़ा से 2 हजार से अधिक लोग जा चुके हैं। शहर से भी बड़ी संख्या में लोग अपने घरों को जा चुके हैं।
पंचायतों ने सर्वसम्मति से पारित किए प्रस्ताव
इसी बीच जिले की कारोली और नांगल मूंदी की ग्राम पंचायतों ने सर्वसम्मति से प्रस्ताव पास किए, जिनमें बाहर से आकर फेरी लगाकर धंधा करने वाले समुदाय विशेष के लोगों की गांव में एंट्री पर बैन लगा दिया गया है। प्रस्ताव में यह भी लिखा गया कि पंचायत का मकसद किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचाना नहीं है, बल्कि फेरी के बहाने पशु चोरी व आपराधिक वारदातों को अंजाम देने वाले लोगों को रोकना है। पूर्व में मेवात क्षेत्र के समुदाय विशेष के लोग जिले में इस तरह की वारदातों को अंजाम देते आए हैं। कुछ और पंचायतों की ओर से भी ऐसे कदम उठाने की तैयारी की जा रही है।
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