अनियमित कॉलोनियों पर लटकी रहेगी तलवार, नियमित कराने को नहीं मिले पर्याप्त आवेदन

अनियमित कॉलोनियों पर लटकी रहेगी तलवार, नियमित कराने को नहीं मिले पर्याप्त आवेदन
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शहरी क्षेत्रों में वर्षों पुरानी कॉलोनियों को नियमित कराने के लिए आवेदन की अंतिम तिथि में दो दिन का समय शेष रह गया है। परंतु अभी तक कई कॉलोनियों को नियमित कराने के आवेदन तक नहीं किए गए हैं।

नरेन्द्र वत्स. रेवाड़ी: प्रदेश सरकार की ओर से शहरी क्षेत्रों में वर्षों पुरानी कॉलोनियों को नियमित कराने के लिए आवेदन की अंतिम तिथि में दो दिन का समय शेष है, परंतु अभी तक कई कॉलोनियों को नियमित कराने के आवेदन तक नहीं किए गए हैं। समय सीमा समाप्त होने के बाद ऐसी कंपनियों पर तोड़फोड़ की कार्रवाई शुरू किए जाने की आशंका बनी रहेगी।

डीटीपी कार्यालय की ओर से सरकार को प्रेषित की गई सूची में जिले में अनियमित कॉलोनियों की संख्या 111 दर्शाई गई थी। इनमें 37 कंपनियां नगर परिषद, बावल और धारूहेड़ा नगर पालिका के अधीन आती हैं। इन सभी कॉलोनियों को नियमित कराने के लिए पंजीकृत आरडब्ल्यूए और कॉलोनाइजरों के माध्यम से आवेदन किया जा सकता है। कॉलोनियों को नियमित करने के लिए प्रदेश सरकार की ओर से गत वर्ष 19 जुलाई को अधिसूचना जारी की गई थी। इसके बाद पुरानी अनियमित कॉलोनियों को नियमित कराने के लिए आवेदन की समय सीमा 6 माह निर्धारित की गई थी।

अगर डेट नहीं बढ़ाई जाती है, तो सरकार की ओर से निर्धारित समय सीमा 19 जनवरी को खत्म हो जाएगी। बीते शुक्रवार तक डीटीपी कार्यालय को कॉलोनियां नियमित कराने के लिए 67 आवेदन मिल चुके थे। इनमें से जिला स्तरीय स्क्रूटनी कमेटी की ओर से 15 कॉलोनियों को रेगुलर करने योग्य मानते हुए उनकी फाइलें कमिश्नर ऑफिस को भेजी जा चुकी हैं। 2 फाइलों को ऑब्जेक्शन लगाकर लौटा दिया जा चुका है। अभी भी कई कॉलोनियां ऐसी हैं, जिन्हें नियमित कराने के लिए डीटीपी कार्यालय को आवेदन नहीं किए गए हैं। सरकार यह पहले ही स्पष्ट कर चुकी है कि नियमित नहीं कराई जाने वाली कॉलोनियों को इस योजना के बाद सख्ती के साथ तोड़ा सकता है। इसके बावजूद बची हुई कॉलोनी के लोग आवेदन करने में दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैं। ऐसे में रेगुलर होने से वंचित कॉलोनियों पर तोड़फोड़ की तलवार लटकी ही रह जाएगी।

खूब चलाया जागरूकता अभियान

कॉलोनियां नियमित कराने के लिए आवेदन की गति योजना शुरू किए जाने के बाद धीमी रही थी। इसके बाद डीटीपी विभाग के अधिकारियों ने ऐसी कॉलोनियों में कैंप लगाकर लोगों को कॉलोनियां नियमित कराने के लिए प्रेरित किया था। लोगों को इन कॉलोनियों में जाकर नियमित कराने की प्रक्रिया से भी अवगत कराया गया था। इसके बावजूद आवेदन करने की गति धीमी रही। डेट नहीं बढ़ाए जाने की सूरत में अभी भी कई कॉलोनियां नियमित कराने की श्रेणी में आने से वंचित रह सकती हैं।

पंजीकरण के लिए हुई परेशानी

कॉलोनियों को नियमित कराने के लिए रजिस्ट्रार सहकारी समिति कार्यालय से उनका पंजीकरण आवश्यक किया हुआ है। पुरानी कॉलोनियों में रहने वाले लोगों ने कॉलोनी नियमित कराने के लिए पहले आरडब्ल्यूए का गठन का किया। इसके बाद उन्हें रजिस्ट्रार कार्यालय से पंजीकृत कराने के लिए आवेदन किए। इस दौरान आरडब्ल्यूए के सदस्यों को पंजीकरण में ही भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा था। ऑनलाइन आवेदनों को ऑब्जेक्शन लगाकर लौटाने के कई मामले सामने आए थे।

प्रॉपर्टी डीलरों ने उठाया फायदा

सरकार की ओर से अनियमित कॉलोनियों को नियमित करने की घोषणा के बाद प्रॉपर्टी डीलरों ने इसका जमकर फायदा उठाया। इस योजना में बाद में विकसित की जाने वाली कॉलोनियों को नियमित करने का कोई प्रावधान नहीं है। इसके बावजूद डीलरों ने लोगों को कॉलोनी नियमित कराने की गारंटी देते हुए जमकर अवैध कॉलोनियों में प्लॉट बेचने का काम किया। कई प्रापर्टी डीलरों का यह खेल अभी तक चल रहा है, जिसके चलते अवैध प्लाटिंग का कार्य भी लगातार जारी है।

अभी भी आवेदन के लिए मौका

जिन कॉलोनियों के लोगों ने अभी तक आवेदन नहीं किए हैं, उनके पास अभी भी आवेदन करने के लिए समय है। सरकार के समय सीमा नहीं बढ़ाए जाने की सूरत में डीटीपी विभाग की ओर से बाद में ऐसी कॉलोनियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू की जा सकती है, जिन्हें नियमित कराने के लिए आवेदन नहीं किए होंगे। -मंदीप सिहाग, डीटीपी।


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