Rewari : कोहरे में खून से लाल होने को तैयार सड़कें, बदहाल सड़कों पर पट्टियां तक नहीं

- जिले की अधिकांश सड़कों पर पीली व सफेद पट्टियां तक नहीं
- कोहरे में बड़े हादसों का कारण बन सकती हैं सड़कें
Rewari : दिसंबर माह के शुरू में हुई बरसात के बाद कोहरा अपना रंग दिखाने लगा है। रात को और सुबह के समय कोहरे के कारण सड़कों की बदहाली किसी बड़े हादसे का कारण बन सकती हैं, परंतु संबंधित विभागों को अभी इसकी कोई परवाह नहीं है। प्रमुख सड़कों पर बने बड़े पैच भी हादसों का कारण बन सकते हैं, लेकिन अधिकारियों को टूटी सड़कों से होने वाले हादसों की कोई फिक्र नहीं है।
जिले में बड़ी संख्या में प्रमुख सड़कों की हालत जर्जर बनी हुई है। महेंद्रगढ़ रोड सहारनवास से लेकर कनीना तक कई कई जगह बदहाल बना हुआ है। नारनौल के बाद यह जिले का प्रमुख रोड है। डहीना के आसपास सड़क गड्ढों में तब्दील हो चुकी है। सहारनवास तक सड़क का निर्माण किया जा चुका है, परंतु रेलवे अंडरपास के पास पुलिया के ऊपर सड़क पर आर-पार खाई बनी हुई है। तेज रफ्तार वाहन चालकों के लिए इस खाई से बचना कोहरे के समय आसान नहीं होगा। यह खाई डिवाइडर के दोनों ओर बनी हुई है। इससे पूर्व सड़क निर्माण करते हुए पुलिया के ऊपर का हिस्सा ज्यादा ऊंचा उठा दिया गया था, जिसे खोदकर खाई का रूप दे दिया गया। सड़क पर गत वर्ष बनाई गई पट्टियां गायब हो चुकी हैं। राजेश पायलट चौक से गोकलगढ़ जाने वाला बाईपास रोड टूटकर बदहाल हो चुका है। इस रोड पर रात के समय गड्ढों के कारण कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है। बेरली रोड, पटौदी रोड, दिल्ली रोड, गढ़ी बोलनी रोड व बावल रोड कई स्थानों पर टूटे हुए हैं। यही हाल ग्रामीण क्षेत्र की सड़कों का बना हुआ है। बरसात के समय यह रोड कई बार खतरनाक साबित हो चुके हैं। अब कोहरे के सीजन में इन सड़कों पर हादसों की पूरी आशंका बनी हुई है। कई सड़कों की लंबे समय से रिपेयर तक नहीं हुई है।
शहर की सड़कों की हाल भी दयनीय
नगर परिषद की सीमा में आने वाली सड़कों की दशा भी खतरनाक हो चुकी है। नाईवाली चौक, महाराणा प्रताप चौक, झज्जर चौक, कुतुबपुर, बावल रोड शहर के कई अन्य एरिया में सड़कों पर बने मोटे पैच रात के समय बड़े हादसे का कारण बनने को तैयार हैं। नगर परिषद की अधिकांश सड़कों से पट्टियां गायब हैं। डिवाइडरों के आसपास भी पट्टियां नहीं हैं, जिससे कोहरे के दौरान वाहनों के डिवाइडर पर चढ़ने की आशंका बनी रहेगी। इन सड़कों की दशा सुधारने के लिए ट्रैफिक पुलिस की ओर से नगर परिषद अधिकारियों को पत्र तक लिखे जा चुके हैं, परंतु नप अधिकारियों की सेहत पर इसका कोई असर देखने को नहीं मिल रहा।
बेसहारा पशुओं की व्यवस्था नाकाम
नगर परिषद की ओर से बेसहारा गोवंश को शहर से बाहर छोड़ने के नाम पर ठेका दिया हुआ है, परंतु आज तक शहर को इन पशुओं से छुटकारा नहीं मिल सका है। पशुओं को शहर से बाहर छोड़ने के नाम पर गोलमाल की पूरी आशंका नजर आ रही है। नाईवाली चौक से बस स्टैंड की ओर जाने वाले रोड पर दिन-रात पशुओं का जमावड़ा रहता है। सड़क पर पशुओं के कारण एक ओर शाम के समय वाहनों का जाम लग जाता है, तो दूसरी ओर कोहरे के दौरान पशुओं के वाहनों की चपेट में आकर घायल होने की आशंका बनी रहेगी। नप अधिकारियों को ऑफिस से चंद मीटर की दूरी पर मौजूद रहने वाले पशु नजर ही नहीं आ रहे।
हादसे टालने में मददगार पट्टियां
सड़कों पर लगाए जाने वाले रिफ्लेक्टर और पीली-सफेद पट्टियां कोहरे के दौरान सड़क हादसों को कम करने में काफी मददगार साबित होते हैं। पट्टियों से घने कोहरे के दौरान चालक के लिए सड़क का अनुमान लगाना आसान हो जाता है। बीच में बनी पट्टियां वाहनों को टकराने से बचाव करती हैं। एक बार पट्टियां बनाने के बाद यह कई माह तक बनी रहती हैं। इस समय कई सड़कों पर पट्टियां गायब हो चुकी हैं। नई बनने वाली कई सड़कों पर अभी तक पट्टियां नहीं बनी हैं, जिससे कोहरा गहराने के बाद हादसों की ज्यादा आशंका रहेगी।
तेजी से कराया जा रहा कार्य
पीडब्ल्यूडी एसई आदित्य देशवाल ने कहा कि कोहरे को देखते हुए लोक निर्माण विभाग ने सड़कों पर पेंटिंग से लेकर पैचवर्क तक कार्य तेजी से शुरू करा दिया है। जिन सड़कों पर पट्टियां नहीं हैं, उन पर जल्द ही पट्टियां बनवाई जाएंगी। इसके लिए सड़कों को चिन्हित किया जा चुका है।
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