कांटों से सजी होगी रेवाड़ी रोडवेज जीएम की कुर्सी, विवादों से रहा है चोली दामन का साथ

कांटों से सजी होगी रेवाड़ी रोडवेज जीएम की कुर्सी, विवादों से रहा है चोली दामन का साथ
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सरकार ने रोडवेज विभाग में बड़े फेरबदल करते हुए कार्यकारी जीएम नवीन कुमार की जगह अशोक कौशिक को रेवाड़ी का नया जीएम नियुक्त कर दिया। इससे पहले अशोक कौशिक चंडीगढ़ में वर्कशॉप मैनेजर की जिम्मेदारी निभा रहे थे। जिन्हें पदोन्नत कर रेवाड़ी का जीएम नियुक्त किया गया है।

हरिभूमि न्यूज. रेवाड़ी

अपनी कार्यप्रणाली को लेकर अक्सर विवादों में रहने वाले रेवाड़ी डिपो जीएम का ट्रांसफर कर प्रदेश सरकार ने चेहरा तो बदल दिया है, परंतु क्या चेहरे के साथ डिपो की व्यवस्था भी बदलेगी। अब अक्सर डिपो की कार्यप्रणाली पर अक्सर दबी जुबान में सवाल उठाने वाले कर्मचारियों के मन में हिचकौले मार रही हैं।

सरकार ने रोडवेज विभाग में बड़े फेरबदल करते हुए कार्यकारी जीएम नवीन कुमार की जगह अशोक कौशिक को रेवाड़ी का नया जीएम नियुक्त कर दिया। इससे पहले अशोक कौशिक चंडीगढ़ में वर्कशॉप मैनेजर की जिम्मेदारी निभा रहे थे। जिन्हें पदोन्नत कर रेवाड़ी का जीएम नियुक्त किया गया है। वर्कशॉप मैनेजर से जीएम बनकर रेवाड़ी आए नवीन कुमार लॉकडाउन लगने तक तक सभी को साथ लेकर चले, परंतु लॉकडाउन के बाद उनके कार्यप्रणाली को लेकर अक्सर डिपो के अंदर ही आवाज उठती रही। रेवाड़ी की बजाय नारनौल में अधिक समय बीताने भी उनकी इसी कार्यप्रणाली का हिस्सा माना जा रहा था। ऐसे में यह कहा जा सकता है कि चंडीगढ़ से रेवाड़ी आ रहे अशोक कौशिक को रेवाड़ी जीएम की कुर्सी कांटों से सजी मिलेगी। जिसका विवादों के साथ चोली-दामन का साथ रहा है।

बिना टिकट यात्री के लिए चालक को माना दोषी

गत वर्ष अगस्त माह में रेवाड़ी डिपो की बस अलवर से रेवाड़ी आ रही थी। उड़नदस्ते की टीम ने गोठड़ा-ठप्पा के पास बस की जांच की। जिसमें एक यात्री के पास अपनी टिकट तो थी, परंतु अपने साथ लिए सामान की टिकट नहीं मिली। जिससे बाद उड़नदस्ते की टीम ने बिना टिकट मिले सामान के लिए यात्री या परिचालक को जिम्मेदार मानने की बजाय चालक को दोषी मानते हुए रिपोर्ट बना दी। पड़ताल में पता चला कि बस चालक उड़नदस्ते की अगुवाई कर रहे इंस्पेक्टर के विरोधी कर्मचारी खेमे से था। महाप्रबंधक ने भी तथ्यों की पड़ताल किए बिना ही उड़नदस्ते की रिपोर्ट के आधार पर चालक को चार्जशीट कर दिया। जिस पर जमकर सवाल उठे।

यहां भी नहीं मिला न्याय

दिसंबर माह में उड़नदस्ते के कर्मचारियों पर बुकिंग ब्रांच में बैठकर बसों की जांच करने के आरोप लगे। जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर भी वायरल हुआ। इस मामले में भी बुकिंग ब्रॉच में बैठकर बसो की जांच करने वालों की बजाय कार्यालय में वीडियो बनाने के नियमों का हवाला देकर विरोधी खेमे के कर्मचारियों का ही बलि का बकरा बना दिया गया है।

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