Rewari : सीएमओ के सामने छलका थेलेसिमिया पेशेंट का दर्द, फफक-फफककर रोने लगी मासूम पीड़िता

- डिसएबिलिटी सर्टिफिकेट के लिए डॉक्टर ने दिखाया पीजीआई रास्ता
- पीड़िता को ऑफिस में पास बैठाकर सीएमओ ने बनवाया सर्टिफिकेट
Rewari : सामान्य अस्पताल में अपनी मां के साथ डिसएबिलिटी सर्टिफिकेट बनवाने के लिए थेलेसिमिया पेशेंट का दर्द सीएमओ के समक्ष उस समय छलक उठा, जब डॉक्टरों ने उसका सर्टिफिकेट बनाने की बजाय उसे रोहतक पीजीआई का रास्ता दिखा दिया। पीड़िता ने रोते हुए सीएमओ डाॅ. सुरेंद्र यादव को बताया कि सर्टिफिकेट बनवाने के लिए वह कई दिनों से अस्पताल के चक्कर लगा रही है। अब उसके आवेदन पर रोहतक पीजीआई (PGI) लिखकर वहां जाने को कहा गया गया है। सीएमओ ने पीड़िता को अपने पास बैठाकर पहले उसे दिलासा दिया। उसके बाद संबंधित डॉक्टर को उसका सर्टिफिकेट तुरंत बनाने के निर्देश दिए।
बुधवार दोपहर सुरहेली निवासी एक लड़की अपनी मां के साथ सीएमओ कार्यालय पहुंची। वहां रोते हुए लड़की ने बताया कि उसने गत वर्ष जनवरी माह में सामान्य अस्पताल से ही डिसएबेलिटी सर्टिफिकेट बनवाया था। अब उसे इस साल के लिए नए सर्टिफिकेट की जरूरत है। सर्टिफिकेट के बिना उसका आगे एडमिशन होना आसान नहीं है। एडमिशन की तारीख भी नजदीक आ रही है। पीड़िता ने बताया कि कई दिन से चक्कर लगाने के बाद अस्पताल के संबंधित डॉक्टर ने उसे बताया कि यह सर्टिफिकेट पीजीआई रोहतक में ही बन पाएगा। जब गत वर्ष यह सर्टिफिकेट यहां बन गया था, तो इस साल सर्टिफिकेट बनाने के लिए रोहतक क्यों भेजा जा रहा है। लड़की ने नम आंखों से कहा कि उसे सर्टिफिकेट के लिए जानबूझकर परेशान किया जा रहा है। पहले वह अपनी मां के साथ एक डॉक्टर से दूसरे डॉक्टर के पास चक्कर लगाती रही। बाद में उसे रोहतक जाने का फरमान सुना दिया। एडमिशन का समय नजदीक आने के कारण उसे सर्टिफिकेट बनवाने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
सीएमओ गाइडलाइंस के हिसाब से दिए निर्देश
पीड़िता का दर्द सुनने के बाद सीएमओ ने दोनों मां-बेटी को अपने कार्यालय में बैठाया। इसके बाद फिजीशियन व दूसरे डॉक्टरों से बात करते हुए निर्देश दिए कि सरकारी गाइडलाइंस को देखते हुए थेलेसिमिया पेशेंट का डिसएबिलिटी सर्टिफिकेट यहीं बनाया जाए। इसके बाद सर्टिफिकेट को ऑनलाइन अपलोड किया जाए, ताकि उसे हर साल नया सर्टिफिकेट बनाने की आवश्यकता नहीं पड़े। सीएमओ की ओर से की गई तुरंत कार्रवाई की पीड़िता और उसकी मां ने सराहना करते हुए कहा कि ऐसे अधिकारी होने के बाद लोगों को अपनी समस्याएं लेकर धक्के नहीं खाने पड़ते।
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