Rewari : ग्रामीणों ने झाड़ली पावर प्लांट को जाने वाले रेलवे ट्रैक को किया जाम

- ग्रामीण बोले, पावर प्लांट से निकलने वाले गंदे पानी से बर्बाद हो रही फसल व जमीन
- पिछले 11 साल से नहीं हो रहा समस्या का समाधान
Rewari : झाड़ली में चल रहे थर्मल पावर प्लांट से निकलने वाले गंदे पानी की वजह से आसपास के गांवों की जमीन खराब हो रही है। वीरवार को गुस्साए गांव लिलोढ़ के ग्रामीणों ने झाड़ली थर्मल पावर प्लांट की ओर जाने वाले रेलवे ट्रैक को जाम कर दिया। बड़ी संख्या में कई गांवों के ग्रामीण रेलवे ट्रैक पर बैठ गए। सूचना मिलने के बाद कोसली के एसडीएम जयप्रकाश पुलिस बल के साथ मौके पहुंचे तथा ग्रामीणों को समझाने का प्रयास किया, लेकिन ग्रामीण प्लांट के पानी से खराब हुए खेतों का मुआवजा और गंदे पानी के स्थाई समाधान की मांग पर अड़े रहे।
झज्जर जिले के गांव झाड़ली में एनटीपीसी का बिजली पावर प्लांट लगा हुआ है। पावर प्लांट तक कोयला ले जाने के लिए ट्रैक बना हुआ है। पावर प्लांट से निकलने वाले गंदे पानी की वजह से झज्जर जिले के तीन गांवों के साथ गांव लिलोढ़ की जमीन भी लगातार खराब हो रही है। वीरवार को गांव लिलोढ़ सहित आसपास के गांवों के ग्रामीणों ने रेलवे ट्रैक को जाम कर दिया। ग्रामीणों ने बताया कि झाड़ली पावर प्लांट के शुरू होने से आसपास के गांव गौरिया में करीब 300 एकड़ और लिलोढ़ की 250 एकड़ से ज्यादा जमीन खराब हो चुकी है। ग्रामीणों ने कहा कि प्लांट से केमिकलयुक्त पानी निकलता है, जिससे जमीन बंजर होने के साथ कई वर्षो से फसलें भी बर्बाद हो रही है, लेकिन अभी तक समस्या का समाधान नहीं हो पाया है।
शीतकालीन सत्र में विधायक ने उठाया मुद्दा
विधानसभा के शीतकालीन सत्र में 19 दिसंबर को कोसली विधायक लक्ष्मण सिंह यादव भी इस समस्या को उठा चुके है। रेवाड़ी और झज्जर डीसी के साथ-साथ प्लांट के अधिकारियों को भी इस समस्या को लेकर कई बार अवगत कराया जा चुका है, लेकिन 2012 के बाद से 11 वर्ष में भी समस्या का कोई समाधान नहीं हो पाया है। कोसली विधायक लक्ष्मण सिंह ने विधानसभा सत्र में सरकार से किसानों को फसल और जमीन का मुआवजा देने व गंदे पानी की समस्या का समाधान करने की मांग की थी। कोसली विधायक ने बताया कि लिलोढ़ गांव का जलस्तर 25 फुट से दो फुट आ गया है। कंपनी ने 2012 से 2016 तक किसानों को मुआवजा दिया था। अब किसानों का मुआवजा भी बंद है और समस्या का समाधान भी नहीं हो रहा है। यह किसानों के साथ सीधा-सीधा धोखा है। विधानसभा सत्र में कृषि मंत्री ने समस्या का समाधान करने व मुआवजा दिलाने का आश्वासन भी दिया था। कृषि मंत्री ने कहा कि सेम की समस्या के समाधान के लिए पक्के टैंक में जमा किए पानी को पंप से उठाकर अन्य स्थान पर ले जाकर कृषि के लिए उपयोग में लाया जाएगा तथा पिछले मुआवजे को लेकर जांच कराने के बाद किसानों को मुआवजा दिलाया जाएगा।
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