स्वास्थ्य विभाग का कारनामा : महिला की मौत के दो महीने बाद लगा दी काेरोना वैक्सीन की दूसरी डोज

हांसी : देश में कोरोना वायरस के खिलाफ वैक्सीन को कारगर हथियार माना जा रहा है. हालांकि देश में कई जगहों पर फर्जी वैक्सीनेशन के केस भी देखने को मिले हैं। ताजा मामला हांसी का है। एक महिला की मृत्यु मई महीने में बुखार के चलते हो गई थी। उस समय महिला को वैक्सीन की पहली ही डोज लगी थी, परंतु जब उसके पति ने ऑनलाइन चेक किया तो उसमें उसकी पत्नी को वैक्सीन की दूसरी डोज भी लगी हुई थी और यह दूसरी डोज महिला की मौत के दो महीने बाद लगाई हुई दिखाई गई है।
सर्टिफिकेट के अनुसार महिला को दूसरी डोज जुलाई महीने में लगाई गई है जबकि उसकी मौत मई महीने में ही हो गई थी। अब कोरोना की तीसरी लहर के मद्देनजर सरकार की ओर से आदेश जारी किए गए हैं कि वैक्सीन की दोनों डोज के बाद ही किसी सार्वजनिक स्थान पर एंट्री मिलेगी। बिना सर्टिफिकेट के चालान काटने के आदेश जारी किए गए है। आदेशों के बाद जिन लोगों ने वैक्सीन की दूसरी डोज नहीं लगवाई है उसके लिए अधिकांश लोग अब फर्जी प्रमाण पत्र बनवा रहे हैं। यहीं नहीं स्वास्थ्य विभाग की ओर से भी गांव व मौहल्लों में वैक्सीनेशन के लिए कैंप लगाए जा रहे हैं। इन कैंपों में भी बिना वेक्सीन के ऑनलाइन एंट्री की जा रही है।
हांसी शहर में अब जो मामला सामने आया है वह बोघा राम कॉलोनी का है। मृतक महिला के पती सुरेश ने बताया कि पहली डोज लगवाते समय उसने व उसकी पत्नी ने एक ही मोबाइल नंबर पर रजिस्ट्रेशन करवाया था। सार्वजनिक स्थानों पर अब हर जगह सर्टिफिकेट चैक किया जा रहा है। ऐसे में शुक्रवार को वह अपने फोन से अपना वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट निकाल रहा था। सुरेश ने अपना सर्टिफिकेट डाउनलोड कर लिया। इसके बाद उसने अपनी पत्नी का सर्टिफिकेट डाउनलोड किया। सुरेश ने बताया कि सर्टिफिकेट के अनुसार उसकी पत्नी को कोरोना की दूसरी डोज जुलाई महीने में लगी थी, जबकि उसकी पत्नी की मौत मई में ही हो चुकी है। सर्टिफिकेट के अनुसार डोज हिसार के सिविल अस्पताल में लगाई गई है।
© Copyright 2025 : Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS
-
Home
-
Menu
© Copyright 2025: Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS