सेवा का अधिकार आयोग ने बैंक मैनेजर पर लगाया 20,000 रुपये का जुर्माना

चंडीगढ़ : हरियाणा सेवा का अधिकार आयोग ने हरियाणा ग्रामीण बैंक, हसनगढ़, हिसार के एक बैंक मैनेजर के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करते हुए मुख्यमंत्री अंत्योदय परिवार उत्थान योजना के तहत पात्र लाभार्थी को समय पर सेवा देने में देरी के मामले में 20,000 रुपये का जुर्माना लगाया है।
इस संबंध में अधिक जानकारी देते हुए आयोग के सचिव ने बताया कि एक ऐसे मामले जो सेवा के अधिकार में ऑटो अपील प्रणाली के माध्यम से अपील की गई थी, जहां अपीलकर्ता ने 'मिनी डेयरी/हाई-टेक डेयरी इकाईयों की स्थापना योजना' के तहत ऋण लाभ के लिए आवेदन किया। उन्होंने कहा कि आयोग ने तुरंत मामले का संज्ञान लिया और विस्तृत जांच के आदेश दिए।
सचिव ने कहा कि बैंक प्रबंधक को स्वत: संज्ञान नोटिस भेजा गया था और संबंधित सब-डिविजनल अधिकारी, उप निदेशक और महानदेशक, पशुपालन और डेयरी विभाग को सुनवाई के लिए बुलाया गया। जांच में बैंक और पशुपालन एवं डेयरी विभाग के बीच समन्वय में विभिन्न असमानताओं का खुलासा हुआ। यह भी विश्लेषण किया गया कि ऋण वितरित करने वाले बैंकों द्वारा आवेदनों के निपटने में पारदर्शिता की कमी पाई गई।
आयोग ने सभी तथ्यों को ध्यान में रखते हुए अपीलकर्ता को संतोषजनक जवाब नहीं देने पर बैंक प्रबंधक पर 20,000 रुपये का जुर्माना लगाया। आयोग के आयुक्त ने कहा कि हरियाणा सरकार द्वारा शुरू की गई महत्वाकांक्षी योजना मुख्यमंत्री अंत्योदय परिवार उत्थान योजना जो राज्य के गरीब लोगों के जीवन स्तर को ऊपर उठाने के लिए चलाई गई है। इस योजना को परिवार पहचान पत्र (PPP) पोर्टल से जोड़ा गया है। इसके तहत ऐसे परिवारों के आर्थिक उत्थान के लिए अत्यंत गरीब परिवारों की वार्षिक आय कम से कम 1.80 लाख रुपये करने का लक्ष्य रखा गया है।
उन्होंने कहा कि आयोग सार्वजनिक कार्यों के प्रति अपने दृष्टिकोण में ढिलाई बरतने वाले अधिकारियों/कर्मचारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करना जारी रखेगा।
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