डायरिया होने का खतरा : नहरों में आ रहा मटमैला पानी, क्लोरीन डालने से भी नहीं हो रहा साफ

डायरिया होने का खतरा : नहरों में आ रहा मटमैला पानी, क्लोरीन डालने से भी नहीं हो रहा साफ
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शहर में जगह-जगह पाइपलाइन में लीकेज है। इससे लोगों के घरों तक दूषित पानी पहुंच रहा है। विभाग द्वारा क्लीनिंग के दौरान खूब क्लोरीन का इस्तेमाल करने के बावजूद मटमैला पानी आता है। जिसे लोग उपयोग ही नहीं कर पा रहे हैं। दूषित पेयजल के कारण बीमारियां फैलने की आशंका बनी हुई है।

बहादुरगढ़ शहर में हो रही पेयजल आपूर्ति (Drinking Water Supply) में बड़ी लापरवाही बरती जा रही है। जिससे लोग दूषित का उपयोग करने को मजबूर हैं। बारिश के मौसम में पानी को लेकर सबसे ज्यादा शिकायतें सामने आ रहीं हैं। नहरों में ही मटमैला पानी आ रहा है और क्लोरीन के इस्तेमाल के बावजूद लोगों के घर दूषित जल ही पहुंच रहा है। ऐसे में दूषित पानी से डायरिया (Diarrhea) होने का खतरा रहता है।

जलापूर्ति एवं अभियांत्रिकी विभाग द्वारा कराई जा रही पेयजल सप्लाई में पानी की शुद्धता को लेकर लापरवाही उजागर हो रही है। एक तरफ जहां नहरों में ही मटमैला पानी आ रहा है और दूसरी तरफ शहर में जगह-जगह पाइपलाइन में लीकेज है। इससे लोगों के घरों तक दूषित पानी पहुंच रहा है। विभाग द्वारा क्लीनिंग के दौरान खूब क्लोरीन का इस्तेमाल करने के बावजूद मटमैला पानी आता है। जिसे लोग उपयोग ही नहीं कर पा रहे हैं। दूषित पेयजल के कारण बीमारियां फैलने की आशंका बनी हुई है। अत्यधिक बरसात के बाद खेतों में भरे पानी को भी लोग नहरों में डाल रहे हैं। यमुना समेत विभिन्न नदियों में आई बाढ़ के कारण भी खूब मिट्टी मिला पानी नहरों में आ रहा है। इस पानी को साफ करने में भी विभाग की हालत खराब हो रही है। पाइपलाइन बिछाते समय जिम्मेदारों द्वारा लापरवाही पूर्वक नालियों में डाली गई पाइपलाइन में लीकेज भी दूषित जलापूर्ति का बड़ा कारण है। यह समस्या समय के साथ वृहद रूप लेती जा रही है। लेकिन जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा ध्यान नहीं दिया जा रहा है। दूषित पेयजल के कारण कई तरह की बीमारियां होती हैं। सबसे ज्यादा बीमारी पेट से संबंधित होती हैं। दूषित पानी पीने से टाइफाइड व डायरिया समेत अन्य पेट संबंधी रोग के मरीज बढ़ रहे हैं।

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