रोडवेज बसों को रैन बसेरे के रूप में किया जाएगा उपयोग

हरिभूमि न्यूज. जींद
रेलवे तथा बस अड्डा से रैन बसेरा आमजन की पहुंच से दूर होने के चलते आमजन को कड़ाके की ठंड से बचाने के लिए रोडवेज विभाग ने पहल शुरू की है। रोडवेज ने यात्रियों की सुविधा के लिए दो कंडम बसों को रैन बसेरे के रूप में तबदील किया है। इन बसों में बिस्तर, रजाई व अन्य व्यवस्थाओं का इंतजार रेडक्रॉस सोसायटी द्वारा किया जाएगा। रोडवेज ने रैन बसेरा के रूप में एक बस बस स्टैंड परिसर के अंदर गेट के पास व एक बस जींद जंक्शन के टिकट घर के पास खड़ी है। इससे रात के समय यात्रियों व अन्य जरूरतमंद लोगों को ठंड से बचने के लिए आश्रय मिलेगा। बस स्टैंड परिसर व जंक्शन परिसर में खड़ी अस्थायी रैन बसेरे की बसों में व्यवस्था के लिए दो कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है। ठंड के मौसम में रेलवे स्टेशन व बस स्टैंड पर रैन बसेरे की स्थापना से दूरदराज के यात्रियों को राहत मिलेगी। साथ ही बेघरों के लिए भी सुविधा होगी। यहां कोई भी निशुल्क ठहर सकता है।
कोरोना महामारी को देखते हुए सैनिटाइजेशन का भी प्रबंध है। यहां रेडक्रॉस के कर्मचारी नियुक्त किए गए हैं जो आने वाले लोगों का नाम व आधार नंबर दर्ज करेंगे। अब सर्दी ने अपना प्रकोप बरपाना शुरू कर दिया है। न्यूनतम व अधिकतम तापमान में आई गिरावट से सर्दी बढ़ गई है। अब अधिकतम तापमान 20 डिग्री और न्यूनतम तापमान चार डिग्री तक रहा है है। ऐसे में सर्दी का प्रभाव भी बढ़ गया है। सर्दी ने अपना प्रकोप दिखाना तो शुरू कर दिया तो रेडक्रॉस ने जरूरतमंद व बेसहारा लोगों को सर्दी से बचाव के इंतजाम तक भी किए हैं। इसके परिणाम स्वरूप दो रोडवेज बसों को अस्थाई रैन बसेरे के रूप में बदला गया है।
जींद रोडवेज वर्कशॉप के मैनेजर लक्की गुप्ता ने बताया कि रेडक्रॉस द्वारा बसों में बिस्तर, तकिया व अन्य व्यवस्थाओं का इंतजाम किया जाएगा। यह अस्थायी रेन बसैरे ठंड के मौसम में यात्रियों के लिए काफी कारगर साबित होंगे। रोडवेज ने दो कंडम बसों को अस्थाई रेन बसैरे के रूप में रेडक्रॉस सोसायटी को सौंपा है। इसमें एक बस बस स्टैंड पसिर में व दूसरी बस जींद जंक्शन परसिर में खड़़ी गई है। रात के समय जरूरतमंद यात्री इन अस्थायी रेन बसैरे में विश्राम कर सकेंगे
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