मांगों को लेकर रोडवेज कर्मचारी प्रदेश के सभी डिपो में 14 फरवरी को देंगे धरना

चंडीगढ़ : हरियाणा रोडवेज एसोसिएशन और संयुक्त कमेटी ने अपनी लंबित मांगों को लेकर आंदोलन की रणनीति तैयार कर ली है। इस क्रम में परिचालकों व लिपिकों का वेतनमान 35,400 रुपये करने व लम्बित मांगों को लेकर 14 फरवरी को सभी डिपो पर धरना देंगे।
पुरानी पेंशन स्कीम व परिवहन सेवा विस्तार के लिए बजट में प्रावधान नहीं करने से भारी निराशा है। हरियाणा रोडवेज कर्मचारी सांझा मोर्चा के आह्वान पर परिचालकों व लिपिकों का वेतनमान 35,400 करने व लम्बित मांगों को लेकर रोडवेज कर्मचारी प्रदेश के सभी डिपो में 14 फरवरी को धरना देंगे। हरियाणा रोडवेज वर्कर्स यूनियन सम्बन्धित सर्व कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष इन्द्र सिंह बधाना, प्रदेश महासचिव सरबत सिंह पूनिया, वरिष्ठ उपप्रधान नरेन्द्र दिनोद, उप महासचिव नवीन राणा व बलबीर जाखड़, प्रैस प्रवक्ता श्रवण कुमार जांगड़ा, कार्यालय सचिव जयकुंवार दहिया ने प्रैस ब्यान में बताया परिचालकों व लिपिकों का वेतनमान 35400 करने की मांग लम्बे अरसे से की जा रही है, परन्तु सरकार व विभाग के उच्चाधिकारी लम्बित मांगों को लेकर बिल्कुल भी गम्भीर नहीं है। बल्कि अर्जित अवकाश में कटौती करने आदि अधिकारों पर डाका डाला जा रहा है। जिससे रोडवेज कर्मचारी सरकार से खफा हैं।
प्रांतीय नेताओं ने बताया परिचालकों व लिपिकों का वेतनमान 35,400 करने, पुरानी पेंशन स्कीम बहाल करने, चालक-परिचालकों, निरीक्षकों व कर्मशाला कर्मचारियों के अर्जीत अवकाश पहले की तरह लागू करने, निजीकरण पर रोक लगाने, विभाग में 10 हजार सरकारी बसें शामिल करने, खाली पदों पर पक्की भर्ती करने, खाली पदों पर प्रमोशन करने, 5000 रुपए जोखिम भत्ता देने, एक माह के वेतन के समान सभी कर्मचारियों को बकाया 6 वर्षों के बोनस का भुगतान करने, 1992 से 2003 के मध्य लगे कर्मचारियों को नियुक्ति तिथि से पक्का करने, 2016 में लगे चालकों को पक्का करने व सभी कर्मचारियों को हरियाणा सरकार के कलैंडर में दर्ज सभी सार्वजनिक अवकाश देने, रिटायरमेंट कर्मचारियों की फ्री यात्रा जारी रखने आदि मांगों को लेकर सांझा मोर्चा के आह्वान पर 12 मार्च को प्रदेश के हजारों रोडवेज कर्मचारी फरीदाबाद में परिवहन मंत्री आवास का घेराव करेंगे।
कर्मचारी नेताओं ने कहा केंद्र सरकार ने पुरानी पेंशन बहाली, सरकारी बसें बढ़ाने, सरकारी परिवहन सेवाओं का विस्तार करने, 30 लाख खाली पदों पर स्थाई भर्ती करने, कच्चे कर्मचारियों को पक्का करने आदि महत्वपूर्ण मुद्दों पर बजट में बिल्कुल भी चर्चा नहीं करके व आयकर में ऊंट के मुंह में जीरे के समान छुट देकर कर्मचारियों व बेरोजगारों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया है।
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