पिस्तौल के बल पर बैंक में लूटपाट करने के दोषी को दस साल की जेल व 20 हजार रुपये जुर्माना

रेवाड़ी जिले के गांव नांगल शहबाजपुर में वर्ष 2012 में पिस्तौल के बल पर बैंक में लूटपाट करने वाले एक दोषी को अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश राजकुमार जैन की अदालत ने दस साल की जेल व 20 हजार रुपये जुर्माना की सजा सुनाई है। जुर्माना नहीं भरने पर दोषी को अतिरिक्त सजा भी भुगतनी होगी।
पुलिस के अनुसार, गांव गोलियाका निवासी अशोक लांबा ने पुलिस को दी शिकायत में बतलाया था कि वह गांव नांगल शहबाजपुर स्थित गुड़गांव ग्रामीण बैंक में सहायक मैनेजर के पद पर कार्यरत हूं। 13 अक्टूबर 2012 को वह बैंक था। इसके अतिरिक्त बैंक कर्मचारी रामधन, रोकपाल व अशोक कुमार, ग्राहक शीशराम, दुलीचंद, धर्मबीर व अन्य लोग भी मौजूद थे। दोपहर साढ़े 12 बजे तीन युवक बैंक में घुस आए। दो युवकों के पास पिस्तौल थी और तीसरे के पास बैग था। बदमाशों ने हवाई फायर कर गोली मारने की धमकी दी थी और कैशियर से 29700 रुपये लूट कर भाग गए थे।
बावल थाना पुलिस ने लूट का मामला दर्ज कर गांव भिवानी के गांव रणकौली निवासी प्रदीप उर्फ दीपू उर्फ प्रेम को गिरफ्तार किया था। जांच के बाद पुलिस ने आरोपी के खिलाफ अदालत में चालान पेश किया। पुलिस आरोपियों के विरुद्ध अदालत में साक्ष्य पेश किया और गवाहों के बयान भी दर्ज कराए। अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश राजकुमार जैन की अदालत ने आरोपी प्रदीप उर्फ दीपू उर्फ प्रेम को दोषी करार देते हुए दस साल की जेल व 20 हजार रुपये जुर्माना की सजा सुनाई है। जुर्माना नहीं भरने पर दोषी को छह महीने की सजा और भुगतनी होगी।
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