रोहतक अखाड़ा हत्याकांड : क्राइम अगेंस्ट वुमेन स्पेशल कोर्ट में होगी केस की सुनवाई, एक साथ मार दिए थे छह लोग, जानें पूरा मामला

हरिभूमि न्यूज: रोहतक
जाट कॉलेज के अखाड़े में हुए नरसंहार की सुनवाई अब एडीएसजे डॉ. गगन गीत कौर की क्राइम अगेंस्ट वुमेन स्पेशल कोर्ट में होगी। जिसमेें फास्ट ट्रैक कोर्ट की तरफ तेजी से केस को फैसले तक ले जाया जाएगा। मामले में एसआईटी ने 8 अप्रैल को कोर्ट में चालान पेश कर दिया था। लेकिन कोविड नियमों की वजह से कोर्ट बंद होने की वजह से सुनवाई नहीं हो पा रही थी, जिसमें अब पहली सुनवाई 24 जून को हाेगी। आरोपितों की वीसी से पेशी की जाएगी।
12 फरवरी को जॉट काॅलेज के अखाड़े में हुई छह हत्याओं के सनसनीखेज मामले ने देशभर को हिला दिया था। हर जगह यही खबर सुर्खियों में थी। हत्याकांड पीजी से आ रही कमाई के बंटवारे की वजह से हुआ था। मामले में एसआईटी ने कोच एवं मुख्य आरोेपित सुखवेंद्र और उसे हथियार बेचने वाला आरोपित मनोज को गिरफ्तार किया था। दोनों रोहतक जेल में बंद हैं। वहीं इस मामले में मनोज का हथियार बेचने वाले दर्शन की तलाश में छापेमारी चल रही है। तीन बार बयान बदलने वाले शातिर कोच सुखवेंद्र के खिलाफ एसआईटी ने तकनीकि आधार पर सबूत एकत्रित कर चालान कोर्ट में जमा करवाया है।
आठ अप्रैल को पेश किया था चालान
सूत्रों की माने तो पीजीआई पुलिस ने मामले में 8 अप्रैल को कोर्ट में चालान पेश किया। चालान में 250 पेज की चार्जशीट, कॉल डिटेल, गवाहों के बयान, आरोपितों का कबूलनामा, पोस्टमार्टम रिपोर्ट, मौके के निरीक्षण की रिपोर्ट, बरामद किए गए हथियार और वाहनों का डाटा, एसआईटी के जांच अधिकारियों के बयान और पुलिस की फाइनल रिपोर्ट है। मामले में 63 लोगों को गवाह बनाया गया है।
जाट कॉलेज के अखाड़े में 12 फरवरी की शाम को सुखवेंद्र ने गोली मारी थी
जाट कॉलेज के अखाड़े में 12 फरवरी की शाम को आरोपित बराेदा निवासी कोच सुखवेंद्र ने सरगथल सोनीपत निवासी मनोज, उसकी पत्नी साक्षी, बेटे सरताज, पूजा, प्रदीप और सतीश समेत अमरजीत को गोली मार दी थी। घायलों को उपचार के लिए पीजीआई ले जाया गया, जहां पांच की मौत हो गई थी। अमरजीत घायल हो गया था। कुछ दिन इलाज के बाद सरताज की भी मौत हो गई थी। पीजीआई पुलिस ने मृतक मनोज के भाई प्रमोज की शिकायत पर सुखवेंद्र के खिलाफ हत्या और जानलेवा हमले का मामला दर्ज किया था। दिल्ली पुलिस ने उसे काबू कर रोहतक पुलिस को सौंप दिया था।
24 जून को दोनों की होगी पेशी
शिकायत पक्ष के अधिवक्ता जय हुड्डा ने बताया कि सुखवेंद्र को हथियार बेचने वाले मनोज कुमार की जमानत दो बार खारिज हो चुकी है। वह और सुखवेंद्र रोहतक जेल में बंद हैं। मामले में 24 जून को दोनों की पेशी होनी है। सम्भावना है कोरोना के चलते पेशी वीसी से ही होगी।
अब दर्शन की तलाश
हथियार बेचने वाले मनोज ने बयान में बताया कि उसने दर्शन निवासी ढुंगर से 50 हजार में हथियार खरीदे थे। इसके बाद वह पांच हजार में सुुखवेंद्र के मांगने पर दोबारा गोलियां खरीद कर लाया था। दर्शन सिंह यूपी केेे मुजफ्फरनगर में मिलता था। अब पुलिस उसे गिरफ्तार करने के लिए प्रयास कर रही है।
अखाड़े की कमाई को लेकर था झगड़ा
तीसरी बार दिए बयान में सुुखवेंद्र ने बताया कि मेहर सिंह अखाड़े में उसकी कोच अमरजीत से रंजिश हो गई थी। जिसके बाद मनोज ने उसे जाट कॉलेज के अखाड़े में प्रशिक्षण देने के लिए रख लिया। कुछ समय बाद उन्होंने पीजी खोल लिया, जिससे अच्छी कमाई होने लगी। आमदनी मनोज, सतीश और सुखवेंद्र में बंटती थी। मनोज और उसकी पत्नी सरकारी नौकरी में थे, इसके बावजूद मनोज तीसरा हिस्सा ले जाता था जिससे उसके मन में रंजिश थी। मनोज का दोस्त प्रदीप, साक्षी, पूूजा उसे अखाड़े से भगाना चाहते थे। इसलिए उस पर लड़कियों को परेशान करने के आरोप लगाए गए। उसे अखाड़े से निकाल दिया गया था। इससे परेशान होकर उसने सभी को यह कह कर कमरे में बुलाया कि उसका मामला सुलझाना है।
सुखवेंद्र ने पुलिस के समक्ष तीन बार बयान बदले
सुखवेंद्र ने एसआईटी को पूछताछ के दौरान तीन बार बयान बदले। उसने बताया कि उसका और उसकी पत्नी का 2016 में तलाक हो चुका है। उसका चार साल का बेटा गांव में दादा दादी के पास रहता है। 2017 में एनआईएस पटियाला से डिप्लोमा कर मेहर सिंह अखाड़े में कोच का काम शुरू किया। इसके बाद जाट कॉलेज में अखाड़ा शुरू किया। उनका आपस में अखाड़े को लेकर विवाद चल रहा था। 12 फरवरी की शाम उसने सोचा कि यह सही मौका है दूसरे पक्ष के लोगों को मारने का। उसने अखाड़े पर बने कमरे में प्रदीप मलिक को बुलाया और उसके सिर में गोली मार दी। फिर मनोज को बुलाकर उसके सिर में गोली मारी। इसके बाद सतीश दलाल को फोन कर कमरे में बुलाया और उसे गोली मार दी। फिर पूजा को बुलाकर गोली मारी। इसके बाद साक्षी को कमरे में बुलाकर गोली मार दी। वह मनोज के बेटे सरताज को कमरे में ले गया और उसे गोली मार दी। वह हत्याकांड को अंंजाम देने के बाद नीचे आ गया। उसने फोन कर कोच अमरजीत को बुलाया और उसे गोली मार दी। फिर वह रेलवे राजस्थान में कार्यरत अपने मित्र मुकेश की गाड़ी लेकर दिल्ली भाग गया। जिस पिस्तौल से गोली मारी गई वह और 20 गोली प्रदीप ने 2018 में उसे 25 हजार में दिए थे। इसके बाद वह दिल्ली भाग गया और कार में सो गया। सुबह चैकिंग के दौरान वह पकड़ा गया। दूसरी बार दिए बयान में बताया कि उसने झूठ बोला था। पिस्तौल और गोली जम्मू से नहीं बल्कि यूपी के राजपुर निवासी मनोज से नवम्बर माह में 70 हजार में खरीदी थी। इसके बाद फरवरी के पहले सप्ताह में सात हजार में उससे 13 गोलियां खरीद कर लाया था।
न्याय दिलाने के लिए कर परिवार कर रहा प्रार्थना
मनोज, उसकी पत्नी, मासूम सरताज समेत सभी मृतकों को न्याय दिलाने के लिए मनोज का परिवार दिन रात प्रार्थना करता है। उनके मन में सबसे बड़ा दुख इस बात का है कि हत्यारे को उनके मासूम पोते पर भी रहम नहीं आया। मनोज के भाई प्रमोज कुमार रेलवे में टीटी हैं। उनका कहना है कि परिवार इसी उम्मीद में जिंदा है कि आरोपित को सख्त से सख्त सजा मिले ताकि सभी मृतकों की आत्मा को शांति मिल सके। मनोज के भाई प्रमोज अपने पिता चंद्र सिंह, मां बीरमती और अपनी पत्नी व बच्चों के साथ गांव सरगथल में ही रहते हैं। उन्होंने कहा कि उन्हें पुलिस और न्यायापालिका पर पूरा भरोसा है उन्हें न्याय जरूर मिलेगा।
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