रोहतक अखाड़ा नरसंहार : एसआईटी की चार्जशीट पर उठे सवाल, मृतकों के परिजनों ने उठाई यह मांग

रोहतक अखाड़ा नरसंहार : एसआईटी की चार्जशीट पर उठे सवाल, मृतकों के परिजनों ने उठाई यह मांग
X
पहले ही सीबीआई से जांच की मांग कर चुके हैं परिजन, एसआईटी के इंचार्ज को नहीं बनाया गया गवाह, सुखवेंद्र से हथियार बरामदगी का सेंक्शन ऑर्डर चालान में नहीं।

हरिभूमि न्यूज : रोहतक

फरवरी में जाट कॉलेज में हुए नरसंहार में एसआईटी द्वारा तैयार की गई चार्जशीट पर सवाल उठने शुरू हो गए हैं। सोमवार को मृतक मनोज, सतीश और प्रदीप के परिजन एसपी राहुल शर्मा से मिले और एसआईटी की रिपोर्ट में रही खामियों को दूर करने की मांग की। परिजनों ने कहा कि बेहद संवेदनशील मामला होने के बाद भी लापरवाही की गई। जबकि वह शुरू से ही मामले की जांच सीबीआई से करवाने की मांग करते रहे हैं। एसपी ने मामले में पूरी मदद करने का आश्वासन दिया है।

एसपी को दी शिकायत में उन्होंने बताया कि चार्जशीट में कमी पाई गई हैं। एसआईटी का इंचार्ज नरेंद्र कादयान को बनाया गया था। उन्होंने मामले की जांच कर 342, 201 धारा जांच रिपोर्ट में दर्ज की थी। लेकिन नरेंद्र कादयान का नाम गवाहों की लिस्ट में ही नहीं है। इन धाराओं का किसी ओर पुलिस अधिकारी की रिपोर्ट में जिक्र नहीं है। इसके अलावा एसआईटी ने सुखवेंद्र के किराये के कमरे से दो अवैध हथियार बरामद किए थे। जिसकी सेंक्शन रिपोर्ट डीसी द्वारा ली जानी थी, लेकिन एसआईटी ने सेंक्शन रिपोर्ट नहीं ली। इस मामले में एक हथियार दिल्ली पुलिस पहले ही सुखवेंद्र से बरामद कर चुकी थी। एसपी से मिलने आए मनोज के भाई प्रमोज, मांडौदी से सतीश के भाई राजबीर, मोखरा से प्रदीप के भाई ने बताया कि आरोपितों को सख्त से सख्त सजा मिलनी चाहिए। एसपी ने पीड़ित परिवार की बात सुनकर सम्बंधित पुलिस को कार्रवाई के आदेश दिए हैं। उनका कहना है कि आरोपितों के खिलाफ पुलिस ने मजबूत केस तैयार किया है। आरोपितों को कोर्ट से सख्त सजा मिलेगी।

यह है मामला

12 फरवरी 2021 को जाट कालेज के अखाड़े में शाम के समय नर संहार किया गया था। सोनीपत के बरौदा गांव निवासी कुश्ती कोच सुखवेंद्र ने एक-एक कर डीपी मनोज, उसकी पत्नी साक्षी, कोच प्रदीप उर्फ फौजी, कोच सतीश, पहलवान पूजा, मनोज व साक्षी के तीन वर्षीय बेटे सरताज व कोच अमरजीत को गोली मारी गई थी। अमरजीत बच गया था जबकि बाकी की मौत हो गई थी। दूसरे ही दिन आरोपित सुखवेंद्र को दिल्ली पुलिस की टीम ने गिरफ्तार कर लिया था। पीजीआई थाना पुलिस की तरफ से चार्जशीट आठ अप्रैल को कोर्ट में पेश कर दी गई थी। जिसमें करीबन 63 लोगों को गवाह बनाया गया है। अब इस मामले में सुनवाई 8 जुलाई को होनी है। सुखवेंद्र और हत्याकांड में प्रयोग किए गए हथियार सप्लाई करने वाला आरोपित मनोज निवासी यूपी जेल में बंद हैं। मनोज की जमानत भी खारिज हो चुकी है।

केस कमजोर हो सकता है

पुलिस ने निर्मल कालोनी में किराये के कमरे से सुखवेंद्र से दो हथियार बरामद किए थे। लेकिन उपायुक्त से सेंक्शन ऑर्डर नहीं लिया गया। जिसमें उपायुुक्त का रिडर या अन्य कर्मचारी गवाह होता है। इसके अलावा एसआईटी इंचार्ज नरेंद्र कादयान ने आईपीसी 342,201 जांच रिपोर्ट में दर्ज की थी लेकिन उन्हें गवाह नहीं बनाया गया। जिससे केस कमजोर हो सकता है। पीड़ित परिवार पहले ही केस की जांच सीबीआई से करवाने की मांग कर चुके हैं। -एडवोकेट जय हुड्डा, शिकायत पक्ष

Tags

Next Story