रोहतक अखाड़ा हत्याकांड : सुखवेंद्र ने नवम्बर में ही जुटा लिए थे हथियार, मौका मिलते ही फरवरी में एक साथ मार दिए छह लोग

हरिभूूमि न्यूज :रोहतक
जाट कॉलेज के अखाड़े में फरवरी माह में हुए नर संहार के आरोपित कोच सुखवेंद्र ने नवम्बर माह में ही हत्याकांड की साजिश रच डाली थी। क्योंकि उस दौरान डीपी मनोज और सुखवेंद्र में अखाड़े की कमाई के बंटवारे को लेकर खिंचतान बढ़ गई थी। मनोज ने सतीश और अन्य खिलाड़ियों को अपनी तरफ मिला लिया था। सुखवेंद्र को साजिश रच कर अखाड़े से बाहर किया जा रहा था। जब सब कुछ सुखवेंद्र के मन मुताबिक नहीं हुआ तो उसने दरिंदगी की योजना बनाई। वह यूपी के मुज्फ्फरनगर निवासी मनोज से नवम्बर माह में ही 70 हजार में हथियार खरीद कर लाया था। मनोज से उसकी जान पहचान अखाड़े में प्रेक्टिस कर रहे मनोज के भतीजे के जरिये हुई थी लेकिन इन दिनों में सुखवेंद्र के निशाने पर रहे लोग एक जगह एकत्रित नहीं हो पा रहे थे।
उसने कई बार हत्याकांड की प्लानिंग की लेकिन बात सिरे नहीं चढ़ी। हर बार कोई न कोई अखाड़े से बाहर होता था। उसने एक बार फिर से फरवरी के पहले सप्ताह में हत्याकांड की तैयारी की। यूपी से दोबारा सात हजार रुपये में 13 गोलियां मंगवाई गई। जिसके बाद 12 फरवरी की शाम को हत्याकांड को अंजाम दिया गया। एसआईटी द्वारा कोर्ट में पेश की चार्जशीट में मनोज ने खुद इन बातों का खुलासा किया है। हालांकि उसने कई बार बयान भी बदले हैं। एसआईटी ने सुखवेंद्र को हथियार देने वाले मनोज को भी गिरफ्तार कर लिया था। मनोज का कहना है कि उसने दर्शन से हथियार खरीदे थे, अब दर्शन की तलाश में छापेमारी चल रही है। मामले में 24 जून को पहली सुनवाई होनी है।
मुकेश की गाड़ी में हुआ फरार
सुखवेंद्र ने हत्याकांड के बाद भागने के लिए अपने दोस्त मुकेश की कार ली हुई थी। मुकेश राजस्थान रेलवे में कार्यरत है। वह कार में खरखौदा सोनीपत क्षेत्र होते हुए दिल्ली भाग गया था। जहां दिल्ली पुलिस ने चेकिंग के दौरान उसे पकड़ लिया और फिर रोहतक पुलिस को सौंप दिया।
2016 से चल रहा था जीवन में उतार चढ़ाव
बरोदा निवासी सुखवेंद्र के जीवन में 2016 से उतार चढ़ाव आने शुरू हो गए थे। इस दौरान उसके पास रोजगार नहीं था और आर्थिक हालत खराब होती जा रही थी। ऐसे हालात में उसका अपनी पत्नी से तलाक हो गया। उसका एक बेटा चार साल है, जो गांव में दादा दादी के पास रहता है। उस समय उसने 2017 में एनआईएस पटियाला से डिप्लोमा कर मेहर सिंह अखाड़े में कोच का काम शुरू किया। इसके बाद जाट कॉलेज में अखाड़ा शुरू किया। जहां पीजी की कमाई को लेकर मनोज, सुखवेंद्र में तनाव रहने लगा था।
तेज आवाज में बजाया गया था म्यूजिक
मनोज ने एसआईटी के समक्ष बताया है कि उसने इस बात का फायदा उठाया कि प्रेक्टिस के दौरान अखाड़े में तेज आवाज में म्यूजिक बजता है। हॉल बड़ा होने के कारण आवाज गूंजती है, जिसमें गोलियों की आवाज दब जाएंगी। हुआ भी ऐसा ही कि उसने एक के बाद एक कर छह लोगों को गोली मार दी और उनमें से किसी ने गोली की आवाज नहीं सुनी। मनोज ने एसआईटी के समक्ष बताया है कि उसने इस बात का फायदा उठाया कि प्रेक्टिस के दौरान अखाड़े में तेज आवाज में म्यूजिक बजता है। हॉल बड़ा होने के कारण आवाज गूंजती है, जिसमें गोलियों की आवाज दब जाएंगी। हुआ भी ऐसा ही कि उसने एक के बाद एक कर छह लोगों को गोली मार दी और उनमें से किसी ने गोली की आवाज नहीं सुनी।
यह है मामला
जाट कॉलेज के अखाड़े में 12 फरवरी की शाम को आरोपित बराेदा निवासी कोच सुखवेंद्र ने सरगथल सोनीपत निवासी डीपी मनोज, उसकी पत्नी साक्षी, बेटे सरताज, पूजा, प्रदीप और सतीश समेत अमरजीत को गोली मार दी थी। घायलों को उपचार के लिए पीजीआई ले जाया गया, जहां पांच की मौत हो गई थी। अमरजीत घायल हो गया था। कुछ दिन तक उपचार के बाद सरताज की भी मौत हो गई थी। पीजीआई थाना पुलिस ने मृतक मनोज के भाई प्रमोज की शिकायत पर सुखवेंद्र के खिलाफ हत्या और जानलेवा हमले का मामला दर्ज किया था। जिसमें उसे दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार कर रोहतक पुलिस को सौंप दिया था।
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