Rohtak : नहीं दे पाएं पाई-पाई का हिसाब, अधिकारियों से लेकर कर्मचारियों के वेतन पर मंडराए काले बादल, जाने कैसे

अमरजीत एस गिल. रोहतक
जिला परिषद के मार्फत राज्य सरकार ने ग्रामीण विकास के लिए पंचायत विभाग को पैसा (money) जारी कर दिया। लेकिन यह पैसा कैसे खर्च किया गया है या नहीं। इसकी जानकारी फिलहाल तक जिला परिषद को नहीं मिली है।
पिछली दो-तीन बैठकों से यह मामलाउठाया जा रहा है। बावजूद इसके आज तक पंचायत विभाग ने जिला परिषद को पैसे खर्च करने की जानकारी नहीं दी है। ऐसे में यह आशंका बढ़ने लगी है कहीं विकास कार्य का पैसा गोलमोल तो नहीं कर दिया गया है।
पंचायत विभाग के अधिकारी कह रहे हैं कि पैसा का गोलमाल बिल्कुल भी नहीं किया गया है। पैसा जिस कार्य के लिए जारी किया गया था, उस पर ही खर्च किया गया है। उपयोगिता प्रमाणपत्र क्यों नहीं दिए जा रहे, इस पर अधिकारी यह कह रहे हैं कि कोई बड़ा मुद्दा नहीं है।
सोमवार को जिला विकास भवन में बैठक हाल में परिषद की मीटिंग हुई। इसमें फिर से यह मामला जाेर-शोर से उठा। आखिर में सदन ने तय किया कि जिन अधिकारियों की जिम्मेदारी पैसा का हिसाब-किताब देने की है, अगर ये अपनी ड्यूटी (Duty) में कोताही बरतते हैं तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। कार्रवाई के रूप में अधिकारियों और कर्मचारियों का वेतन रोका जाएगा।
तकनीकी विंग की जिम्मेदारी
किसी भी विकास कार्य में पैसा कैसे खर्च किया गया है। इसकी पूर्ण जानकारी देने की ड्यूटी पंचायत विभाग के कनिष्ठ अभियंता, उप मंडल अधिकारी, कार्यकारी अभियंता समेत दूसरे तकनीकी अधिकारियों की जिम्मेदारी सरकार ने तय की हुई है। लेकिन रोहतक का पंचायत विभाग शायद यह जिम्मेदारी पूरी नहीं कर पा रहा है। तभी तो जिला परिषद की बैठक में हर बार मुद्दा उठाया जाता है कि सरकार द्वारा जारी की गई राशि के उपयोगिता प्रमाणत्र तकनीकी अधिकारी और कर्मचारी नहीं दे रहे हैं।
ऐसे जानें उपयोगिता प्रमाणपत्र के बारे में
कोई भी विकास कार्य कई चरणों में पूरा करवाया जाता है। इसलिए सरकार एक विकास कार्य का पैसा एक बार में जारी नहीं करती। जैसे-जैसे काम होता रहता है, वैसे-वैसे काम करने वाले विभाग को पैसा मिलता रहता है। पैसा तभी जारी होता है, जब पहले जारी किए गए पैसे के उपयोगिता प्रमाणपत्र सरकार को मिल जाते हैं। यह प्रावधान इसलिए किया गया है ताकि सरकार को विकास कार्य की प्रोग्रेस मिलती रहे।
पीआरआई बजट की मांगी जा रही जानकारी
मीटिंग के तीसरे प्रस्ताव में जिन विकास कार्याें के जिला परिषद उपयोगिता प्रमाणपत्र मांग रही है, वे पंचायती राज संस्थान यानि की पीआरआई स्कीम के हैं। बताया जा रहा है कि जिला परिषद ने इस स्कीम के कामों के लिए संबंधित खंड विकास एवं पंचायत अधिकारियों का पैसा जारी किए हुए काफी लम्बा समय हो गया है। लेकिन अधिकारी इस पैसे का हिसाब नहीं दे रहे हैं। सोमवार को हुई बैठक में जिला परिषद के अध्यक्ष सतीश भालौठ ने कहा कि अगर अधिकारी उपयोगिता प्रमाणपत्र परिषद को नहीं दे रहे हैं तो उनका वेतन रोक लिया जाए। इस पर बैठक में मौजूद पार्षदों ने सहमति जताई।
अफसरों के खिलाफ नहीं होती कार्रवाई
ग्रामीण विकास से सीधे-सीधे जुड़े 29 अधिकारियों को बैठक में शामिल होने के लिए बकायदा जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी की तरफ से पत्र भेजा जाता है। लेकिन इनमें कई अफसर मीटिंग में शामिल नहीं होते हैं।
हर बार जिला परिषद के कर्ता-धरता यह कहते हैं कि इन अफसरों के खिलाफ कार्रवाई को लेकर सरकार को लिखा जाएगा। बावजूद इसके सभी अफसर बैठक में नहीं पहुंच रहे हैं। ये सिलसिला पिछले साढ़े चार-साल से जारी है।
अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने की बात करते बलराज सिंह कुंडू जिला परिषद अध्यक्ष से महम के विधायक बन चुके हैं। लेकिन मजाल की किसी अफसर के खिलाफ वे कोई कार्रवाई कर पाए हों। परिषद के वर्तमान अध्यक्ष सतीश भालौठ को कार्यभार सम्भाले हुए आठ महीने से अधिक का समय हो चुका है।
हर बैठक में वे कहते हैं कि बैठक से गैर हाजिर रहने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई को सरकार को लिख दिया गया है। लेकिन अफसरों के खिलाफ कार्रवाई ये भी नहीं करवा पा रहे हैं। जनवरी-फरवरी में इनका अल्प कार्यकाल पूरा हो जाएगा। क्योंकि इससे पहले पंचायती राज संस्थाओं के आम चुनाव होने हैं।
स्टॉक के बारे में कराएं अवगत
मीटिंग में अध्यक्ष सतीश भालौठ ने कहा कि गांवों में भी सीएचसी व पीएचसी केंद्रों के बाहर सूचना पट्ट पर उपलब्ध दवाओं के नाम व स्टॉक की जानकारी उपलब्ध करवाई जाए ताकि आमजन को सुविधा रहे।
बैठक में उन्हाेंने समस्त संबंधित अधिकारियों से गांव व शहरी क्षेत्र में चल रहे समस्त विकास कार्यों की प्रगति रिपोर्ट का जायजा लिया और अधिकारियों से समय अनुसार आमजन को सरकार द्वारा आमजन हेतु शुरू की गई तमाम सुविधाएं पहुंचाने की अपील भी की।
उन्होंने कोरोना महामारी को देखते हुए विशेष तौर पर उन गांवों में जहां मेडिकल स्टाफ ना के बराबर है अथवा बिल्कुल नही है, वहां तुरन्त प्रभाव से चिकित्सा स्टाफ उपलब्ध करवाने पर जोर दिया ताकि आमजन को इस महामारी अथवा अन्य बीमारियों का समय पर इलाज उपलब्ध हो सके।
ठीक करवाएं लिफ्ट
चेयरमैन भालौठ ने बुजुर्गों को मिल रही सम्मान राशि को तय समय में उनके खातों में पहुंचाने के लिए कहा और साथ ही उन्होंने जिला विकास भवन में काफी समय से खराब पड़ी लिफ्ट की मुरम्मत करवाने को कहा ताकि बुजुर्गों आदि को किसी भी प्रकार की असुविधा ना हो।
जिला परिषद के चेयरमैन सतीश ने मुख्य कार्यकारी अधिकारी सतीश यादव के साथ चिकित्सा अधिकारियों से करोना महामारी से आमजन के बचाव हेतु विचार विमर्श करते हुए कहा कि कि वे अस्पताल में पहुंचने वाले समस्त मरीजों का समय रहते इलाज करें ताकि जिला में इसके नुकसान को कम किया जा सकें।
उन्होंने इस अवसर पर आमजन से भी अपील करते हुए कहा कि वे सरकार द्वारा जारी सभी हिदायतों का पालना करें। आपस में दो गज की दूरी बनाकर रखें तथा मास्क अवश्य पहने ताकि इस महामारी को फैलने से रोका जा सके।
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