Rohtak : मैट्रिक छात्रवृति की आड़ में करोड़ो रुपये हड़पने वाला ओपीजेएस विश्वविद्यालय का संचालक जोगेंद्र दलाल गिरफ्तार

हरिभूमि न्यूज. रोहतक
प्रदेश में हुए पोस्ट मैट्रिक छात्रवृति घोटाले में विजिलेंस ब्यूरो (Vigilance Bureau) ने ओपीजेएस यूनिवसिर्टी के संचालक जोगेंद्र दलाल को गिरफ्तार किया है। संचालक पर विजिलेंस की तरफ से आरोप है कि उसने छात्रों के फर्जी एडमिशन दिखाकर करोड़ों रुपये की छात्रवृति की राशि हड़प ली है। आरोपित को कोर्ट में पेश कर चार दिन के रिमांड पर लिया गया है। जिससे छात्रों के दाखिले से संबंधित तैयार किए गए फर्जी दस्तावेज, रिकार्ड और बैंक खातों की पासबुक आदि बरामद की जाएगी। पूछताछ के बाद अन्य आरोपितों के बारे में भी जानकारी मिल सकती है। जल्द ही अन्य कई लोगों की गिरफ्तारी हो सकती है।
रोहतक और झज्जर के छात्रों के दिखाए एडमिशन
राज्य चौकसी ब्यूरो के डीएसपी सुनील कुमार ने बताया कि इस मामले में चिड़ी निवासी जोगेंद्र सिंह दलाल को गिरफ्तार किया गया है। वह रामगोपाल कालोनी में रहता है। वह राजस्थान के चुरू में ओपीजेएस के नाम से चल रही यूनिवर्सिटी का संचालक है। जोगेंद्र ने रोहतक और झज्जर के अनुसुचित जाति एवं पिछड़ा वर्ग के छात्रों के अलग-अलग कोर्स में अपनी यूनिवर्सिटी में दाखिला दिखाकर उनसे मिलने वाली छात्रवृति की रकम हड़पी है। छात्रवृति के लिए उसने ऑनलाइन आवेदन किया और अलग-अलग बैंकों में खाते खुलवाकर करोड़ों रुपये की राशि निकलवाई गई। आरोपित को कोर्ट में पेश कर चार दिन के रिमांड पर लिया गया है। उसके साथ इस काम में और काैन कौन लाेग शामिल हैं, इसकी जांच की जा रही है। सबूत मिलने पर अन्य कई की गिरफ्तारी हो सकती है।
यह है मामला
प्रदेश के सोनीपत, रोहतक समेत कई जिलों में जुलाई 2019 में छात्रवृति घोटाला सामने आया था। सरकार के आदेश के बाद विजिलेंस ने मामले की जांच की थी। इसके बाद रोहतक विजिलेंस में केस दर्ज किया गया। अनुसूचित जाति एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग के उप निदेशक अनिल कुमार, सेवानिवृत उप निदेशक आरएस सांगवान, सहायक जितेंद्र सिंह, सहायक बलिंद्र सिंह, डाटा एंट्री आपरेटर कुलजीत सिंह, जिला कल्याण अधिकारी सोनीपत सुशील कुमार, कार्यवाहक जिला कल्याण अधिकारी सोनीपत रेणू सिसोदिया, सेवानिवृत जिला कल्याण अधिकारी रोहतक बलवान सिंह, लेखाकार कम लिपिक कार्यालय जिला कल्याण अधिकारी सोनीपत सुरेंद्र कुमार आदि काे आरोेपित बनाया गया।
कई अधिकारियों की गिरफ्तारी हो चुकी है। जांच के बाद आयकर विभाग के लेखाकर राहुल को भी गिरफ्तार किया गया था। सभी आरोपित मिलीभगत कर छात्रों के आधार और खाता नंबर बदलकर उनकी छात्रवृति की राशि हड़प कर आपस में बांट लेते थे। कई आरोपितों को कोर्ट से जमानत मिल चुुकी है।
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