अब हवा शुद्ध करेगा रोहतक नगर निगम, शहर के मुख्य चौराहों पर लगेंगे एयर प्यूरीफायर

अब हवा शुद्ध करेगा रोहतक नगर निगम, शहर के मुख्य चौराहों पर लगेंगे एयर प्यूरीफायर
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ये निर्णय वित्त अनुबंध कमेटी की बैठक में लिया गया। बैठक में मौजूद कमेटी के सभी सदस्यों ने इस पर अपनी सहमति जाहिर की। इतना ही नहीं शहर में पेड़ पौधों को धोने के लिए दो मशीनें आएंगी। इसके अलावा 25 शौचालयों साइट पर विज्ञापनों के लिए टेंडर भी होगा।

रोहतक। शहर की आबो हवा को प्रदूषण रहित बनाने के लिए शहर के तीन मुख्य चौराहों पर नगर निगम अब एयर प्यूरीफायर (हवा शुद्ध करने वाला यंत्र) लगाने की तैयारी में है। इस यंत्र का दायरा 50 हजार मीटर का होगा, यानी 50 हजार मीटर के अंदर हवा को यंत्र हाथों हाथ शुद्ध करेगा। सबसे पहले इस यंत्र को भिवानी स्टैंड पर लगाया जाएगा। अगर सफलता मिली यानी प्रदूषण कंट्रोल हुआ तो इसे शहर के दो अन्य चौराहों पर भी लगाया जाएगा। ये निर्णय वित्त अनुबंध कमेटी की बैठक में लिया गया। बैठक में मौजूद कमेटी के सभी सदस्यों ने इस पर अपनी सहमति जाहिर की। इतना ही नहीं शहर में पेड़ पौधों को धोने के लिए दो मशीनें आएंगी। इसके अलावा 25 शौचालयों साइट पर विज्ञापनों के लिए टेंडर भी होगा।

कमाई से ज्यादा निगम का खर्च

बता दें कि वित्त अनुबंध कमेटी की बैठक हर तीन महीने बाद होती है। सोमवार की इस बैठक में पिछले नौ महीने के आमदनी व खर्चों का लेखा-जोखा नगर निगम ने कमेटी के सामने रखा। यहां गौर करने वाली बात से है कि निगम का हर महीने का खर्च करीब 13 करोड़ रुपये है और इन नौ महीनों में नगर निगम के खजाने में केवल 27 करोड़ आए हैं, यानी हर महीने 3 करोड़। इससे साफ जाहिर है कि निगम को हर महीने करीब 10 करोड़ रुपये का नुकसान हो रहा है।

यहां से आए 27 करोड़

बता दें कि नगर निगम का चालू वित्त वर्ष में 55 करोड़ रुपये का लक्ष्य है, कमेटी सदस्यों ने बताया कि जो 27 करोड़ निगम के खजाने में अभी तक आए हैं उनमें से 12 करोड़ प्रापर्टी टैक्स और बाकी डेवलपमेंट चार्ज और किराया राशि से जमा हुआ है। हालांकि बैठक में मौजूद निगम के अधिकारियों ने इस प्रापर्टी टैक्स के लक्ष्य को कम होने की बात कही। जिसका कारण बिलों में त्रुटियां और टैक्स में दी गई छूट बताया गया।

108 करोड़ खर्च हुआ

वहीं नगर निगम अभी तक चल रहे वित्त वर्ष में 108 करोड़ रुपये खर्च कर चुका है। इनमें सड़क-सफाई, डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन पर करीब 36 करोड़ खर्च किए गए हैं। इसके अलावा सोलिड वेस्ट मैनेजमेंट पर भी करीब 12 करोड़ खर्च किए हैं। इसके अलावा अन्य खर्च भी इसमें शामिल हैं।

विकास पर केवल 3 करोड़ हुए खर्च

वहीं शहर में विकास के नाम पर पिछले नौ महीनों में केवल 3 करोड़ रुपये की खर्च किए गए हैं। जबकि इसके लिए प्रस्तावित राशि 27 करोड़ रखी गई थी। इसके अलावा पार्कों के रख-रखाव पर करीब 5 करोड़ की राशि खर्च हुई है।

मेडिकल मोड़ पर निगम की जमीन को किराये पर देने को होगा टेंडर

मेडिकल मोड़ पर जहां वीटा बूथ लगा हुआ है उसके पीछे की जमीन नगर निगम की है। पिछले आठ महीनों से ये खाली पड़ी है। इससे पहले इसे करीब चार लाख रुपये महीना किराए पर दिया गया था। अब इसे टेंडर के जरिए जल्द लीज पर देने की तैयारी है ताकि निगम की आमदनी में बढ़़ोतरी हो। बता दें कि शहर में करीब 80 सार्वजनिक शौचालय हैं। इनमें से 25 शौचालयों पर विज्ञापन का टेंडर हो चुका है। इससे निगम को आमदनी होगी। यह 25 शौचालय शहर के मुख्य बाजारों में हैं।

नगर निगम के खर्चे हर महीने करीब 13 करोड़ के हैं। इन 9 महीनों में अब तक निगम के खाते में 27 करोड़ आए हैं। यानी निगम को नुकसान हो रहा है। - मेयर, मनमोहन गोयल

भिवानी स्टैंड पर एयर प्यूरीफायर लगवाया जाएगा। इससे प्रदूषण कंट्रोल करने में मदद मिलेगी। सफलता मिली तो शहर के दो अन्य भीड़ वाली जगहों पर इन्हें लगाया जाएगा। -सीनियर डिप्टी मेयर, राज कमल सहगल

बैठक में निगम के खर्च को 108 करोड़ बताया गया है। जिसमें से विकास पर केवल 3 करोड़ ही खर्च किए गए हैं। मेडिकल मोड के रेस्टोरेंट सहित कम्यूनिटी सेंटर का टेंडर न होने से साल में करोड़ों रुपये का नुकसान हो चुका है।- पूर्व पार्षद, अशोक खुराना


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