रोहतक चौहरा हत्याकांड : मनोचिकित्सकों ने दी रिपोर्ट-आरोपित अभिषेक ने दिया वारदात को अंजाम

विजय अहलावत /रोहतक। विजय नगर चौहरा हत्याकांड में जो पिस्तौल हत्या में प्रयुक्त किया गया वह भी 32 बाेर का पिस्टल था। इस बात से पुलिस को यकीन हो गया कि कातिल घर का ही कोई सदस्य है। इसके बाद अभिषेक के बार बार बयान बदलने पर शक हुआ तो उससे पूछताछ की गई, जिसमें उसने हत्याकांड का खुलासा कर दिया। इस दौरान कस्टडी में वह हंसता रहा तो कभी रोता रहा। इसलिए पुलिस को पीजीआई के डॉक्टरों ने उसकी मानसिक स्थिती की जांच करवानी पड़ी। जांच में वह पूरी तरह स्वस्थ पाया गया। मतलब उसने पूरे होशो-हवाश में हत्याकांड को अंजाम दिया। अपनों की जान लेते वक्त उसके हाथ नहीं कांपे थे। एसआईटी की जांच में अभी तक अभिषेक ही मुख्य और अकेला आरोपित है। साजिश में कोई और संलिप्त नहीं पाया गया है। उसके दोस्त के खिलाफ भी पुलिस को कोई सबूत नहीं मिला है। आरोपित को रिमांड खत्म होने पर कोर्ट में पेश किया जा सकता है।
चर्चा है कि अगर चौहरे हत्याकांड में पिस्तौल प्रदीप के पास से बरामद हो जाती तो हालात बिल्कुल ही अलग हाेते। सभी शक करते कि प्रदीप ने ही सभी की हत्या कर खुद भी गोली मारकर आत्महत्या कर ली है। लेकिन होनी को कुछ और मंजूर था। पिस्तौल नहीं मिलने पर शक अभिषेक पर गया और वह पकड़ा गया।
डीएसपी गोरखपाल राणा ने बताया कि आरोपित के खिलाफ जांच लगभग पूरी कर ली गई है। उसके खिलाफ पर्याप्त सबूत एकत्रित किए गए हैं। बेशक हत्याकांड का कोई गवाह नहीं है। उसके खिलाफ जल्द ही चालान कोर्ट में पेश किया जाएगा। उसका मुकदमा फास्ट ट्रैक कोर्ट में चलाने की कोर्ट से मांग की गई है। उसेे सख्त से सख्त सजा हो, इसके लिए पुुलिस जल्द चालान पेश करेगी।
दो गोली लगने के बाद भी उठ गया था पहलवान : जब आरोपित ने प्रदीप पहलवान को दो गोली मारी तो वह लेटा हुआ था। दोनों गोली लगने के बाद भी वह उठ गया था। जिसके बाद एक और गोली प्रदीप के माथे में मारी गई। इसके बाद उसकी मौत हो गई। इसके अलावा बहन को गोली मारने के बाद नानी को यह कहकर बुुलाया था कि वह उसे गिटार बजा कर सुुनाएगा। लेकिन गिटार सामने दीवार पर ही टंगा हुआ था। नानी अंदर आई तो उसे पीछे से गोली मार दी। फिर मां को कहा कि देखो पता नहीं नानी को क्या हो गया है। मां छत पर आई तो उसे भी गोली मार दी। इसके बाद पिता को गोली मारी।
डॉक्टरों ने बताया स्वस्थ है अभिषेक : मोनू कभी रोने का नाटक करता था तो कभी हंसने लगता था। उसने कई बार मां बाप को याद किया और कई बार कहा कि भगवान को यही मंजूर था। उनकी मानसिक स्थिति का पता लगाने के लिए ही पुलिस ने पीजीआई के मनोचिकित्सकों से जांच करवाई थी। चिकित्सकों ने उसे बिल्कुल स्वस्थ बताया है।
लूट की कहानी की वारदात बनाना चाहता था : हत्याकांड को अंजाम देने के बाद अभिषेक ने माता-पिता के जेवर चुरा लिए थे। ऐसा उसने इसलिए किया था ताकि लोगों को लगे कि घर में लूटपाट हुई। बदमाशों ने लूट के इरादे से घरवालों का कत्ल किया। हालांकि अपनी बहन तमन्ना के जेवर नहीं निकाले थे। पुलिस जांच में यह बात सामने आई है।
विजय नगर तक लगाए तीस मिनट : पुलिस जांच में सामने आया कि मोनू ने हत्याकांड को अंजाम देने के बाद दिल्ली बाईपास होटल तक जाने के लिए रास्ते में तीस मिनट का समय लिया। इस दौरान उसने रास्ते में स्कूटी रोक कर नहर के पास पिस्टल छिपा दिया था। वह कई जगहों पर कैमरों पर नजर आया। इससे पुलिस को अभिषेक पर शक गहराता जा रहा था। पुलिस ने अभिषेक से सख्ती दिखाई और फिर वह टूटता चला गया। उसने सारे राज खोलने शुरू कर दिए। उसने पूछताछ में सबकुछ बताया कि कैसे उसने घरवालों को जान से मारा। कारण में सबकुछ साफ है कि हत्या किन वजहों से की गई।
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