Rohtak : शिवाजी कॉलोनी की दुकानों का मामला सीएम दरबार में गूंजेगा

Rohtak : शिवाजी कॉलोनी की दुकानों का मामला सीएम दरबार में गूंजेगा
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सीएम की तरफ से पंचकूला, अंबाला, यमुनानगर, करनाल, पानीपत, सोनीपत, हिसार और रोहतक के मेयर को मीटिंग के लिए 12 सितम्बर को आमंत्रित किया गया है।

विजय अहलावत:रोहतक। शिवाजी कॉलोनी की 40 दुकानों का मामला गरमा गया है। जिसे अब सीएम मनोहर लाल के दरबार में रखा जाएगा। सीएम की तरफ से पंचकूला, अंबाला, यमुनानगर, करनाल, पानीपत, सोनीपत, हिसार और रोहतक के मेयर को मीटिंग के लिए 12 सितम्बर को आमंत्रित किया गया है।

शहरी स्थानीय निकाय निदेशालय की तरफ से सभी मेयर को पत्र भेजा गया है। बैठक में नगर निगम से जुड़े अहम मसलों सफाई व्यवस्था, सफाई कर्मचारियों की लम्बित समस्याओं और विकास कार्यों को लेकर चर्चा होगी। इसी दौरान मेयर मनमोहन गोयल दुकानों के मामले को सीएम के समक्ष रखेंगे। मेयर को उम्मीद है कि समस्या का समाधान निकाल लिया जाएगा।

दुकानदारों ने की मेयर से मुलाकात

दरअसल, शिवाजी कॉलोनी के प्रभावित दुकानदार बुधवार को मेयर से मिलने उनके कार्यालय में पहुंचे। उन्होंने बताया कि सड़क करीब 60 फीट चौड़ी है। उनकी दुकानें राेड पर बताई जा रही हैं। जिसमें से अब 45 फीट का रोड बचा हुआ है। इसलिए दुकानों की रजिस्ट्री उनके नाम नहीं की जा रही। वह रोजाना परेशानी में अधिकारियों के चक्कर लगा रहे हैं। उनका कारोबार भी प्रभावित हो रहा है। मेयर ने उनकी समस्या का निवारण करने का आश्वासन दिया है। साथ ही कहा है कि वे इस मामले को सीएम की जानकारी में लाएंगे। इसके बाद कोई न कोई रास्ता निकाला जाएगा।

रद करना था तो आवेदन क्यों करवाया गया

दुकानदारों ने मेयर के समक्ष पूरा मामला रखा। उन्होंने कहा कि उनसे दो अधिकारियों ने कह कर आवेदन करवाया। इसके बाद सभी कागजात के साथ आवेदन किया गया। लेकिन अधिकारियों ने आवेदन रद्द कर दिया। जब फाइल रिजेक्ट ही करनी थी तो उनसे आवेदन क्यों करवाया गया। उनका कहना है कि मानसिक तौर पर परेशान करने के लिए ऐसा किया गया।

सर्वे रिपोर्ट ठीक

दुकानदारों ने बताया कि यहां का सर्वे पहले पटवारी ने किया। उसने बताया कि रिपोर्ट पूरी तरह से ठीक है, जिसे अफसराें के पास भेज दिया गया। इसके बाद उन्हें पता चला कि चंडीगढ़ से अधिकारियों की टीम ने दुकानों का सर्वे किया। इसके आधार पर ही उनके आवेदन रद्द कर दिए गए। इससे पहले चंडीगढ़ से कोई अधिकारी सर्वे करने के लिए नहीं आया। दुकानदारों का कहना है कि शिवाजी काॅलोनी के दुकानदारों के साथ भेदभाव हो रहा है। कई जगह दुकानें नालें पर बनी हैं। जिनकी रजिस्ट्री हो चुकी हैं। लेकिन इतना सब होने के बाद भी उनकी दुकानें मालिकों के नाम नहीं हो पा रही।

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