रोहतक पीजीआई में नए काेविड मरीजों की भर्ती पर रोक, 285 बेड, 305 एडमिट, 18 का स्ट्रेचर पर इलाज

रोहतक पीजीआई में नए काेविड मरीजों की भर्ती पर रोक, 285 बेड, 305 एडमिट, 18 का स्ट्रेचर पर इलाज
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चिकित्सा अधीक्षक डॉ. पुष्पा दहिया ने रविवार शाम 8 बजे से नए संक्रमितों की भर्ती पर पाबंदी लगाई है। फिलहाल जो मरीज भर्ती हैं, उन्हीं का इलाज किया जाएगा। यानी आपको वायरस ने चपेट में ले लिया है तो पीजीआई न जाएं। सिविल अस्पताल या प्राइवेट अस्पतालों का रुख करें। वहीं प्रशासन द्वारा बनाए गए कोविड केयर सेंटर में जा सकते हैं। वायरस का गंभीर असर है तो हेल्पलाइन नंबर पर संपर्क किया जा सकता है।

हरिभूिम न्यूज : रोहतक

पीजीआई में हालात बेकाबू हो गए हैं। दिन-रात काम करके अधिकारी अब तक स्थिति को संभाले हुए थे। लेकिन अब बात उनके हाथ से निकल चुकी है। ऑक्सीजन की कमी के कारण नए कोविड मरीजों की भर्ती पर रोक लगा दी गई। ट्रॉमा सेंटर में अब नए संक्रमित भर्ती नहीं किए जाएंगे। पीजीआई में जैसे ही ऑक्सीजन की कमी पूरी होगी नए मरीजों की भर्ती शुरू कर दी जाएगी। यहां गौर करने लायक है कि पीजीआई में फिलहाल 285 बैड कोविड मरीजों के लिए हैं, जबकि 308 मरीज यहां भर्ती हैं। करीब 200 वेंटिलेटर बैड समेत सभी बिस्तर फुल हैं। 18 मरीजों का इलाज स्ट्रेचर पर चल रहा है। चिकित्सा अधीक्षक डॉ. पुष्पा दहिया ने रविवार शाम 8 बजे से नए संक्रमितों की भर्ती पर पाबंदी लगाई है। फिलहाल जो मरीज भर्ती हैं, उन्हीं का इलाज किया जाएगा। यानी आपको वायरस ने चपेट में ले लिया है तो पीजीआई न जाएं। सिविल अस्पताल या प्राइवेट अस्पतालों का रुख करें। वहीं प्रशासन द्वारा बनाए गए कोविड केयर सेंटर में जा सकते हैं। वायरस का गंभीर असर है तो हेल्पलाइन नंबर पर संपर्क किया जा सकता है।

कोविड आईसीयू मैन पॉवर बढ़ाई

रविवार को पीजीआई में इमरजेंसी बैठक बुलाई गई। यह बैठक 12 से 3 बजे तक चली। स्टाफ की कमी से जूझ रहे कोविड वार्ड के लिए नया स्टाफ उपलब्ध करवाया गया। ट्रामा और मॉड्यूलर आईसीयू में करीब 100 बियरर, 70 स्वीपर समेत नर्सिंग स्टाफ, मल्टीपर्पज हेल्थ वर्कर की संख्या भी बढ़ाई गई है। कई दिनों से कोविड आईसीयू मैन पावर की कमी से जूझ रहे थे।

तैयार हो रहे 650 बेड

हालांकि पीजीआई में 650 नए बैड तैयार हो रहे हैं। लेकिन इसमें पेंच ये है कि इन बैड पर आॅक्सीजन सप्लाई कैसे होगी। सेंट्रल पूल पर पहले ही दबाव है। वहां से बात नहीं बनती है तो हर बैड पर आॅक्सीजन सिलेंडर का प्रबंध करना पड़ेगा। ये बिस्तर शुरू होने पर मरीज़ों को राहत मिलेगी।

चिंताजनक दौर से गुजर रहा संस्थान

डॉक्टर, नर्स, बियरर और स्वीपर समेत हेल्थ वर्कर हर राज संक्रमित हो रहे हैं। पीजीआई इन दिनों चिंताजनक दौर से गुज़र रहा है। अधिकारी प्रयास कर रहे हैं। जितना स्टाफ बचा है वो भी कोविड ड्यूटी के कारण थककर चूर है। ऐसे में पीजीआई को सरकार ने नहीं संभाला तो हालात इससे भी ज्यादा बिगड़ने वाले हैं।

सेलरी नहीं मिली

संस्थान में एक बड़ी परेशानी ये भी है कि मार्च महीने का वेतन अभी तक नहीं मिल पाया है। हेल्थ वर्कर्स का कहना है कि हम हौसला बनाकर काम कर रहे हैं, लेकिन समय पर वेतन नहीं मिला। कोविड में ड्यूटी करने वालों को डबल सेलरी का वादा अब तक पूरा नहीं किया गया।

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