स्टाफ की कमी झेल रहे रोहतक पीजीआई पर नया संकट, अब डीएमईआर ने मांगे 33 डॉक्टर

स्टाफ की कमी झेल रहे रोहतक पीजीआई पर नया संकट, अब डीएमईआर ने मांगे 33 डॉक्टर
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ये डॉक्टर स्वास्थ्य विभाग, कल्पना चावला मेडिकल कॉलेज और शहीद हसन खान मेवाती मेडिकल कॉलेज में दो महीने के लिए डेपूटेशन पर ड्यूटी करेंगे। लेकिन पीजीआई असमंजस में है। डॉक्टर दे दिए तो मुसीबत खड़ी हो सकती है।

मनोज वर्मा : रोहतक

पीजीआई में हालात किस तरह बिगड़ रहे हैं, यह किसी से छिपा नहीं। हर रोज डॉक्टर, नर्स, बियरर, स्वीपर संक्रमित हो रहे हैं। स्टाफ की कमी है, मरीज बढ़ रहे हैं। स्टाफ की कमी से जूझ रहा पीजीआई संकट में है। फिलहाल पीजीआई के पास स्टाफ भी सीमित है और संसाधन भी। फिर भी जैसे-तैसे करके संस्थान का स्टाफ कोविड से लड़ रहा है। स्टाफ की कमी झेल रहे पीजीआई से अब डायरेक्टर ऑफ मेडिकल एजूकेशन एंड रिसर्च (डीएमईआर) ने 33 डॉक्टर मांग लिए हैं।

ये डॉक्टर स्वास्थ्य विभाग, कल्पना चावला मेडिकल कॉलेज और शहीद हसन खान मेवाती मेडिकल कॉलेज में दो महीने के लिए डेपूटेशन पर ड्यूटी करेंगे। लेकिन पीजीआई असमंजस में है। डॉक्टर दे दिए तो मुसीबत खड़ी हो सकती है। गौर करने लायक है कि पीजीआई में एक हजार बेड कोविड मरीजों के लिए बनाए जाने हैं, इन्हें संभालने के लिए भी स्टाफ चाहिए। जबकि करीब 35-40 प्रतिशत स्टाफ संक्रमित है या हो चुका है।

एक मई को होनी थी डेपूटेशन

डीएमईआर ने 30 अप्रैल को एक पत्र हेल्थ यूनिवर्सिटी के वीसी, डायरेक्टर और संबंधित विभाग के प्रिंसिपल्स को भेजा। इसमें लिखा है कि एनिस्थिसिया के 15, मेडिसन के 14, पलमोनेरी और रेसपेरेटरी मेडीसन और पलमोनरी मेडीसन के 4 डॉक्टर अलग-अलग जगहों के लिए उपलब्ध करवाएं जाएं। इन डॉक्टर्स को 1 मई को सुबह 10 बजे नए संस्थानों में रिपोटिंग करनी होगी। अभी तक डॉक्टर देने पर असमंजस बना हुआ है।

एनिस्थिसिया पर बड़ा असर

डीएमईआर ने 15 डॉक्टर अकेले एनिस्थिसिया विभाग से मांगें हैं। लेकिन यह भी सच्चाई है कि पीजीआई में कोेरोना वायरस ने सबसे ज्यादा एनिस्थिसिया विभाग के डॉक्टर्स को ही संक्रमित किया है। माड्यूलर आईसीयू, हो या ट्रामा आईसीयू या ट्रामा ट्रायज सभी में एनिस्थिसिया विभाग के डॉक्टर्स का अहम रोल है। फिलहाल भी 26 डॉक्टर पॉजिटिव चल रहे हैं।

हर रोज पॉजिटिव हो रहा स्टाफ

पिछले दिनों 953 कर्मचारी एसे थे जो पॉजिटिव हुए हैं। इनमें डॉक्टर, नर्स, स्वीपर, बियरर और पैरामेडिकल स्टाफ शामिल हैं। कई तो ऐसे हैं जो दो-दो बार पॉजिटिव हो चुके हैं। कोविड ने एनिस्थिसिया विभाग के बाद गायनी पर सबसे ज्यादा मार की है। यहां भी हर रोज स्टाफ संक्रमित मिल रहे हैं। पीजी भी बड़ी संख्या में स्रकंमित हुए हैं। करीब 35 कर्मचारी अब भी संक्रमित हैं।

फैकल्टी में 350 सदस्य मौजूद

पीजीआई में 33 विभाग हैं। इनमें करीब 350 फैकल्टी सदस्य हैं। सीनियर रेजिडेंट्स की संख्या 100 है। इसके साथ ही करीब 450 पीजी छात्र हैं। 100 हाउस सर्जन हैं और 200 इंटर्न हैं। 30 डेमोस्टे्रटर भी हैं। नर्सिंग स्टाफ की संख्या इनसे अलग है। कुल मिलाकर कोविड के लड़ने के लिए डॉक्टर्स का यह अमला पीजीआई के पास है।

डॉ. एसके सिंघल बने नोडल ऑफिसर

एनिस्थिसिया विभाग के अध्यक्ष और ट्रॉमा सेंटर के इंचार्ज डॉ. एसके सिंघल को कोविड नोडल ऑफिसर बना दिया गया है। यह जिम्मेदारी डॉ. कत्याल के पास थी। उनके संक्रमित होने के बाद डॉ. राजेश राजपूत के पास काम देख रहे थे। अब डॉ. एसके सिंघल को जिम्मेदारी दी गई है।

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