कुलपतियों के लिए भाग्यशाली है रोहतक पीजीआई

मनोज वर्मा: रोहतक
पंडित भगवत दयाल शर्मा यूनिवर्सिटी ऑफ हेल्थ साइंस को जल्द ही नए वीसी मिलने वाले हैं। अभी ये तो तय नहीं कि तीसरे वीसी कौन होंगे लेकिन उनकी तलाश के लिए सर्च कमेटी गठित करने के निर्देश दिए जा चुके हैं। स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज की ओर से नए नाम भी मांगें गए हैं, यानी बदलाव होना लगभग तय है। बता दें कि फिलहाल हेल्थ यूनिवर्सिटी के वीसी डॉ. ओपी कालरा हैं। उनका दूसरा कार्यकाल इसी साल मई में पूरा होने वाला है।
वीसी की कुर्सी पर किसे बैठाया जाए इसके लिए एसीएस स्वास्थ्य और मेडिकल एजूकेशन एवं रिसर्च विभाग को तैयारियां शुरू करने के निर्देश दिए गए हैं। खास बात ये है कि इस हेल्थ यूनिवर्सिटी की सबसे ऊंची कुर्सी कुलपतियों को खूब रास आती है। यूनिवर्सिटी उनके लिए भाग्यशाली है, क्योंकि अब तक दो कुलपति रह चुके हैं और दोनों ने ही दो-दो कार्याकाल पूरे किए हैं। दोनों का ही कार्यकाल 3-3 साल से बढ़ाकर 6-6 साल कर दिया गया था। यूनिवर्सिटी में कुछ भी हो जाए, लेकिन दूसरा कार्यकाल कुलपति को मिल ही जाता है। अब तीसरे कुलपति को कमेटी सर्च करेगी।
तीन साल होता है कार्यकाल
जाने-माने नेफ्रोलोजिस्ट डॉ. ओपी कालरा मई 2015 में हेल्थ यूनिवर्सिटी के कुलपति बनाए गए थे। वैसे तो वीसी का कार्यकाल तीन साल का होता है, लेकिन उपलब्धियों को देखते हुए उनका कार्यकाल तीन साल के लिए बढ़ा दिया गया था। ऐसे ही यूनिवर्सिटी के पहले कुलपति डॉ. एसएस सांगवान ने भी दो कार्यकाल पूरे किए थे।
1960 में शुरू हुआ कॉलेज
रोहतक में 1960 में मेडिकल कॉलेज के नाम से शुरू किया गया था। बाद में बहुमुंखी विस्तार किया गया और चिकित्सा के सभी प्रमुख विषयों में संस्थान को चिकित्सा शिक्षा और अनुसंधान के रूप में विकसित केंद्र बना दिया गया। 2008 में पंडित भागवत दयाल शर्मा स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय की स्थापना के बाद, इसे विश्वविद्यालय में शामिल कर लिया गया।
यूनिवर्सिटी में भी हो सकते हैं दावेदार
2014 में डॉ. एसएस सांगवान सेवानिवृत्त हुए तो कुलपति की कुर्सी के लिए संस्थान में ही कई दावेदार थे। इनमें से कई अब सेवानिवृत्त हो चुके हैं। लेकिन दिल्ली से डॉ. ओपी को कुलपति की कुर्सी पर बैठाकर सभी दावेदारों को चौका दिया गया था। इस बार भी वीसी की कुर्सी के लिए संंस्थान में कई दावेदार सामने आ सकते हैं।
उपलब्धि भी
संस्थान में बहुप्रतिक्षित ट्रामा सेंटर डॉ. ओपी कालरा के कार्यकाल में ही शुरू किया गया। इसके अलावा मदर एंड चाइल्ड केयर, मॉड्यूलर ओटी एवं आईसीयू कॉम्प्लेक्स भी उपलब्धि में गिने जाएंगे। इसके साथ ही संस्थान में बिस्तरों की संख्या बढ़ाना, नई मशीनों से इलाज करवाना भी शामिल होंगे।
फजीहत भी कम नहीं
हेल्थ यूनिवर्सिटी हमेशा सुर्खियों में रहती है। 2017 में पीजीआई से बच्चा चोरी होने पर जमकर फजीहत हुई थी। कई दिन तक धरना-प्रदर्शन भी चला। बाद में बच्चे की मां को नौकरी का आश्वासन देकर धरना खत्म करवाया गया, लेकिन बच्चा अब तक नहीं मिल पाया। 2019 में बच्चा चोरी की दूसरी घटना हुई, लेकिन चुराने वाली महिला को पकड़ लिया गया। इसे अलावा इंप्लांट मामले में भी संस्थान के अधिकारी अब तक कोर्ट की तारीखे भुगत रहे हैं। इसके अलावा भी कई ऐसी घटनाएं हैं, जिनके कारण संस्थान पर सवालियां निशान लगे।
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