Rohtak : खेत व दलित बस्ती डूबोने वाली कान्हीं जसिया लिंक ड्रेन की बदलेगी सूरत

Rohtak : खेत व दलित बस्ती डूबोने वाली कान्हीं जसिया लिंक ड्रेन की बदलेगी सूरत
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  • पानीपत - रोहतक रेलवे लाइन के साथ-साथ RCC से बनेगी लिंक ड्रेन
  • सरकार से प्रोजेक्ट मंजूर होने पर सिंचाई विभाग के अधिकारियों के साथ सरपंच ने रखी आधारशिला
  • करीब 5 करोड़ की लागत से एक साल में पूरा होगा RCC लिंक ड्रेन का निर्माण

Rohtak : गढ़ी-सांपला-किलोई हल्के के करीब आधा दर्जन गांवों के लोगों के लिए राहत भरी खबर कि अब काहनी-जसिया लिंक ड्रेन की वजह से हर साल होने वाले जलभराव की समस्या के समाधान की उम्मीद जगी है। राज्य की मनोहर सरकार से प्रोजेक्ट मंजूर होने के बाद अब काहनी - जसिया लिंक ड्रेन को सीमेंट कंक्रीट से बनाया जाएगा। गांव के सरपंच ओम प्रकाश जसिया ने सिंचाई विभाग के एसडीओ उदयभान सांगवान के साथ मिलकर आरसीसी से होने वाले नवनिर्माण की आधारशिला रख दी और ड्रेन निर्माण का कार्य भी शुरू करवा दिया।

बताते चलें कि यह लिंक ड्रेन इस इलाके के गांव घिलौड़ खेड़ा, कहनी, रिठाल, जसिया, ब्राह्मणवास, बसंतपुर, धामड़ और चमरिया आदि गांवों के बरसाती पानी का मुख्य जरिया है, लेकिन दशकों से इस ड्रेन की तरफ किसी ने ध्यान नहीं दिया और कभी राहत के लिए बनाई गई यह ड्रेन हजारों लोगों की परेशानी का कारण बनती चली गई। हर साल बरसात के दिनों में यह ड्रेन ओवरफ्लो होकर ग्रामीणों को डूबोती रही और खास करके जसिया गांव की दलित बस्ती के लिए तो यह ड्रेन बरसों से अभिशाप साबित हो रही थी, क्योंकि इस ड्रेन की बदौलत ही पूरी दलित बस्ती बरसाती पानी में डूब जाती थी। पिछले महीनों भी ऐसा ही नजारा देखने को मिला था, जब दलित बस्ती के लोगों को अपने कच्चे पक्के मकान पानी में डूबे छोड़कर चौपाल में शरण लेनी पड़ गई थी। इतना ही नहीं, गांव के किसानों की तकरीबन जमीन भी जलमगन हो गई थी जिससे किसानों को बड़ा नुकसान उठाना पड़ा था। तब भी सरपंच ओम प्रकाश जसिया ने सिंचाई विभाग के अधिकारियों से तारतम्य बैठाकर कई पम्पिंग सेट लगवाए और जैसे तैसे गांव को बाढ़ से बचाया था।

इस तरह से सिरे चढ़ी योजना

सरपंच ओमप्रकाश जसिया ने सिंचाई विभाग के अधिकारियों के साथ संपर्क करके करीब 40 वर्ष से चली आ रही इस समस्या का स्थाई समाधान खोजने पर ध्यान लगाया और लिंक ड्रेन को आईसीसी से पक्का करने का प्रोजेक्ट तैयार करवाया। लेकिन, इसे सिरे चढ़ाना इतना आसान भी नहीं था, क्योंकि जिस वक्त यह प्रोजेक्ट बनाया गया उससे पहले राज्य का फ्लड एजेंडा पास हो चुका था। ऐसे में सरपंच ओम प्रकाश जसिया ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल से मुलाकात की और चीफ इंजीनियर बिजेंद्र नारा से लेकर इंजिनियर इन चीफ सतबीर कादियान के दफ्तरों तक पहुंचे। एसडीओ उदयभान सांगवान के अलावा एसई दिनेश राठी का इस योजना को सिरे चढ़वाने में खासा योगदान रहा। इन अधिकारियों के ईमानदारी से किए गए प्रयासों का नतीजा ही कहा जाएगा कि गांव पहुंचने पर आज लोगों ने तालियां बजाकर उनका स्वागत किया।

RCC निर्माण कार्य शुरू होने पर क्या बोले लोग

लिंक ड्रेन के RCC कार्य शुरू होने के मौके पर काफी संख्या में ग्रामीण मौके पर पहुंचे, जिन्होंने अधिकारियों से बातचीत में अपनी खुशी जाहिर की। एक बुजुर्ग किसान ने कहा कि वे 1980 से इस समस्या को देखते आए हैं लेकिन किसी सरपंच या सरकार ने कभी इसका हल निकालने की नहीं सोची। अब यह समस्या निपटने जा रही है तो उन्हें खुशी है। इसी तरह के विचार किसान ओमप्रकाश के भी सुनने को मिले जिन्होंने कहा कि उन लोगों ने तो उम्मीद ही छोड़ दी थी लेकिन सरपंच ने हिम्मत नहीं हारी और आखिरकार अब हमारी समस्या का स्थाई समाधान होने जा रहा है और वे बहुत खुश हैं। जसिया की दलित बस्ती के लोगों को तो सबसे ज्यादा खुशी महसूस हो रही है। स्थानीय निवासियों ने कहा कि हर बार बरसात होते ही सबसे पहले दलित बस्ती डूबती थी लेकिन किसी ने भी हमारी बस्ती की सुध नहीं ली। अब वर्तमान सरपंच ने हमारी समस्या दूर करने पर ध्यान लगाया है।

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