रोहतक के स्टेट नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के इंस्पेक्टर समेत दो कर्मचारी सस्पेंड, सोनीपत पुलिस के सिपाही की जांच के आदेश

हरिभूमि न्यूज :रोहतक
नशीले पदार्थ के तस्कर के साथ मिलीभगत करने के आरोप के चलते हरियाणा स्टेट नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एचएसएनसीबी) के रोहतक के इंस्पेक्टर और एक अन्य कर्मचारी को सस्पेंड किया गया है। साथ ही सोनीपत पुलिस के सिपाही की विभागीय जांच के लिए सोनीपत पुलिस को आदेश दिए गए हैं। एडीजीपी श्रीकांत जाधव के आदेशों के बाद थाना बहुअकबरपुर पुलिस ने तीनों के खिलाफ भ्रष्टाचार अधिनियम समेत अन्य धाराओं के तहत केस दर्ज कर लिया है। एडीजीपी की कार्रवाई के बाद रोहतक की यूनिट में हड़कम्प मचा हुआ है।
अनूूप की शिकायत पर बहुअकबरपुर थाने में केस दर्ज
अनूप निवासी गांव मदीना ने थाना बहुअकबरपुर को दी शिकायत में बताया कि वह 19 अगस्त को घर पर आराम कर रहा था। तभी पुलिस ने रेड कर उसे काबू कर लिया। उस समय निरीक्षक शिवदर्शन, सिपाही राजीव व 5 अन्य पुलिस कर्मचारी रेड में शामिल थे। वह दो गाड़ियों में उसके घर आए थे। वह उसे पकड़ कर साथ ले गए। निरीक्षक ने उसे प्लास्टिक की थैली में काले रंग का पदार्थ दिखा कर कहा कि तुम्हारे घर से नशीला पदार्थ बरामद हुआ है और केस दर्ज किया जाएगा। उसने कहा कि उसे इस बारे में कोई जानकारी नहीं है। वह उसे गाड़ी में बैठाकर दिल्ली रोड पर एक फ्लैट में ले गए।
वहां पर उसके गांव का रहने वाला सोनीपत पुलिस का कर्मचारी पवन आया और उससे कहा कि वह पैसे लेकर उसे मामले से बचा लेगा। उससे एक लाख रुपये मांगे गए लेकिन उसने कहा कि व खेती बाड़ी करता है। अभी उसके पास कुछ नहीं है वह बाद में 20 हजार रुपये दे सकता है। जिसके बाद पवन ने कहा कि अब कोई कार्रवाई नहीं करेंगे। उसके भाई जयभगवान को बुलाया गया और एक कागज पर निरीक्षक ने कुछ लिखकर उसके व उसके भाई के हस्ताक्षर करवा लिए। फिर उन्हें घर भेज दिया गया। आरोप है कि उसने गांव में रामकुमार से 20 अगस्त को 20 हजार रुपये उधार लिए और पवन को दे दिए। दो दिन बाद ही पवन रुपये वापिस दे गया। पुलिस ने शिकायत के आधार पर इंस्पेक्टर शिवदर्शन, सिपाही राजीव और पवन निवासी मदीना के खिलाफ केस दर्ज किया है।
यह है मामला
18 अगस्त को गांव मदीना के अनूप के पास नशीले पदार्थ होने की सूचना सोनीपत के पुलिस कर्मचारी पवन को मिली। उन्होंने मामले की जानकारी रोहतक के एचएसएनसीबी के इंस्पेक्टर शिवदर्शन को दी। सूचना के आधार पर इंस्पेक्टर ने पुलिस कर्मचारी के साथ मिलकर गांव में छापेमारी की। छापेमारी के दौरान आरोपित के पास से चरस बरामद कर ली गई। लेकिन मदीना के ही पुलिस कर्मी ने मिलीभगत कर इंस्पेक्टर से मामला निपटवा दिया।
न कोई केस दर्ज किया गया और न ही आलाधिकारियों को कोई सूचना दी गई। इस मामले की जानकारी किसी तरह एडीजीपी श्रीकांत जाधव को लग गई। उन्होंने अम्बाला के डीएसपी राजेश कुमार से केस की जांच करवाई। जांच में पाया गया कि नशा तस्कर को पकड़ कर छोड़ दिया गया। पहले रुपये ले लिए और बाद में रुपये वापिस कर दिए गए। डीएसपी की रिपोर्ट में आरोप सही पाए जाने के बाद एडीजीपी ने रोहतक एसपी को पत्र लिखकर केस दर्ज करने के आदेश दिए।
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