RTA विभाग में हड़कंप : लोकेशन के लिए माफिया ने DTO की गाड़ी में ही लगवा दिया GPS

हरिभूमि न्यूज : जींद
डीटीओ की गाड़ी में चोरी छुपे जीपीएस सिस्टम लगाए जाने से महकमे में हडकंप मच गया। जीपीएस सिस्टम के माध्यम से चेकिंग के दौरान डीटीओ स्टाफ की लोकेशन का पता लग जाता था। जिसके चलते ओवरलोड गाड़ियां जांच से बचकर निकलने में कामयाब हो रही थी। गाडी में लगाए गए जीपीएस सिस्टम के पकड़े जाने के बाद मोटर वाहन अधिकारी की शिकायत पर सिविल लाइन थाना पुलिस ने अज्ञात लोगों के खिलाफ सरकारी कार्य में बाधा पहुंचाने समेत विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी।
डीटीओ कम क्षेत्रीय सचिव ट्रांसपोर्ट अथोरटी संजीव कुमार ने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि 13 जुलाई को विभाग की टीमें जींद-हांसी मार्ग, नरवाना-उचाना, नगूरां-सफीदों मार्गो पर चेकिंग के लिए निकली थी। बावजूद इसके टीमें लम्बे समय तक मार्गों पर डेरा डाले रही। बावजूद इसके कोई भी ओवरलोड वाहन उन सड़कों से नहीं गुजरा और न ही कोई भारी वाहन वहां से आया। जिस पर चेकिंग स्टाफ को संदेह हुआ। जब चेकिंग स्टाफ गाड़ी की जांच की गई तो उसमे जीपीएस सिस्टम लगा हुआ पाया गया। जिसमे एयरटेल कंपनी की सिम डाली गई थी। गाड़ी में चोरी छुपे लगाए गए जीपीएस सिस्टम से चेकिंग स्टाफ की लोकेशन का पता चल रहा था। जिसका फायदा ओवरलोड वाहनों के माध्यम से टैक्स चोरी करने वाला माफिया उठा रहा था। विभाग ने जीपीएस सिस्टम को कब्जे में ले पुलिस के हवाले कर दिया। जीपीएस सिस्टम किसने लगाया, कब लगाया गया, जीपीएस सिस्टम के माध्यम से किन लोगों ने फायदा उठाया समेत तमाम पहलूओं की जांच सिविल लाइन थाना पुलिस ने शुरू कर दी है। फिलहाल पुलिस ने अज्ञात लोगों के खिलाफ सरकारी कार्य में बाधा पहुंचाने समेत विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है।
सिविल लाइन थाना के जांच अधिकारी बलजीत ने बताया कि गाड़ी में चोरी छुपे जीपीएस सिस्टम लगाया गया था। जिससे डीटीओ की लोकेशन का पता लग रहा था। जीपीएस को कब्जे में ले लिया गया है, साइबर सैल की सहायता से यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि जीपीएस में लगा सिम किसके नाम पर है और फिलहाल मामले की जांच की जा रही है।
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