नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही : निजी बसों में फर्स्ट एड बॉक्स और अग्निशमन यंत्र की व्यवस्था नहीं, यात्रियों से करते दुर्व्यवहार

Fatehabad News : जाखल व कुलां से विभिन्न रुटों की ओर फर्राटा भर रही प्राइवेट बसों में से कुछ बसों में नियमों की सरेआम धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। अधिकतर प्राइवेट बसों में न तो फर्स्ट एड बॉक्स की व्यवस्था है और अग्निशमन यंत्र भी गायब है या फिर इनके सिलेंडर खाली पड़े हैं। यह अव्यवस्था बस संचालकों की मनमानी को दर्शाने को नाकाफी है। नियमानुसार हर बस में अग्निशमन यंत्र व फर्स्ट एड बॉक्स का होना अनिवार्य है, लेकिन कुछ बसों में आलम ये है कि जिस बॉक्स में दवा होनी चाहिए, उसमें चाबी और औजार रखें रहते हैं। ऐसे में कोई हादसा या कई बार बस में बैठे लोगों को परेशानी होने की दशा में भी फर्स्ट एड बॉक्स के उपयोग से सुविधा नहीं मिल पाती है। यदि बस में कोई आगजनी की घटना होती हैं तो यात्रियों के बचाव की कोई व्यवस्था नहीं हैं।
बता दें कि कुछ दिन पहले फतेहाबाद में एक प्राइवेट बस में आगजनी की घटना भी घटित हो गई थी। यात्रियों ने बड़ी मुश्किल से बाहर निकलकर अपनी जान बचाई थी। इस घटना के बाद भी ज्यादातर बसों में अग्निशमन यंत्र की पुख्ता व्यवस्था नहीं हैं। ऐसी स्थिति में परिवहन विभाग भी इन बसों में क्या सुविधा है या नहीं, इसकी जांच करने की जहमत नहीं उठा रहा हैं। लापरवाही का नतीजा हैं कि यात्रा करने वाले लोग जान जोखिम में डालकर यात्रा करने को मजबूर हैं। यहीं नहीं, अधिकतर बसों में इमरजेंसी के दौरान काम आने वाले नम्बरों की जानकारी भी नहीं दर्शाई गई हैं।
घटना के दौरान नहीं मिलता प्राथमिक उपचार
बसों में मौजूद फर्स्ट एड बॉक्स घटना के दौरान घायलों को प्राथमिक उपचार मरहम पट्टी आदि के लिए होता है, लेकिन ज्यादातर बसों में फर्स्ट एड बॉक्स का प्रबंध न होने से आपातकाल स्थिति में लोगों को इसका इलाज नहीं मिल पाता है। यदि बस में कोई अचानक ब्रेकर या झटका लगने से यात्री के चेहरे या शरीर पर कहीं चोट आ जाएं या रक्त बहने लगें तो फर्स्ट एड बॉक्स से रूई, पट्टी, डिटॉल या अन्य उपचार संबधी मरहम आदि से प्राथमिक उपचार कर तत्काल चोट से बह रहे रक्त को रोककर उपचार केंद्र में पहुंचाया जा सकता हैं, लेकिन अधिकतर बसों में फर्स्ट एड किट गायब होने या उसमें उपचार सामग्री ना होने से इमरजेंसी में ये सुविधा नहीं मिल पाती हैं।
वर्दी का नियम भी नहीं मान रहें चालक परिचालक
ज्ञातव्य है कि नियमानुसार बस के ड्राइवर और परिचालक के लिए ड्यूटी समय बकायदा वर्दी में रहना अनिवार्य किया गया है, लेकिन अधिकतर बसों में चालक, परिचालक सादे कपड़ों में ही ड्यूटी टाइम में बसों को चला रहे हैं।
बस स्टाफ के दुर्व्यवहार से परेशान, आरटीओ को शिकायत दी
टोहाना-फतेहाबाद रूट पर चल रही एक निजी बस ऑपरेटर द्वारा सरकारी नियमों का मजाक उड़ाया जा रहा है। दरअसल सरकार द्वारा बसों में मुफ्त यात्रा और किराए में रियायत को लेकर कैटेगरी तय कर बकायदा नियम बनाया गया हैं, लेकिन टोहाना-फतेहाबाद रूट पर संचालित प्राइवेट ऑपरेटर इन नियमों की अनदेखी कर रहा है। इसे लेकर ही निजी बस के स्टाफ द्वारा विद्यार्थियों और वरिष्ठ नागरिकों से दुर्व्यवहार किया जा रहा हैं। यहीं नहीं, उक्त बस के स्टाफ द्वारा अन्य सवारियों से भी पूरा भाड़ा वसूली कर उसे सही ठिकाने पर नहीं उतारा जा रहा हैं। आरोप हैं कि बस चालक अत्यंत तेज गति से बस चलाता है। जिससे हादसे का खतरा बना रहता हैं। प्राइवेट बस स्टाफ की इस मनमानी से बस में यात्रा करने वाले लोग परेशान हो गए हैं। गांव धारसूल निवासी शमशेर सिंह ने पत्र लिखकर बतौर नाम एक बस ऑपरेटर की मनमानी की शिकायत आरटीओ को कर कार्यवाही की मांग की हैं। पत्र में उन्होंने बताया हैं कि जो प्राइवेट बस टोहाना से फतेहाबाद चल रही हैं वो डबल समय में चलाई जा रही हैं। उन्होंने पत्र में आरटीओ से आग्रह किया है कि ऐसी बस को सिंगल टाइम चलाया जाएं।
सभी बसों में फर्स्ट एड किट व अग्निशमन यंत्र की पुख्ता व्यवस्था होना अनिवार्य है। यदि कोई नियमों की अवहेलना करता पाया जाता है तो संबंधित बस ऑपरेटर खिलाफ कार्यवाही की जाएगी। इस संबंधित कोई शिकायत उनके पास नहीं आई हैं। किसी प्राइवेट बस के स्टाफ द्वारा यात्रियों से दुर्व्यवहार या अन्य कोई समस्या है तो इसकी लिखित शिकायत हमें दे तो उस पर तत्काल प्रभाव से कार्यवाही की जाएगी - संजय बिश्नोई, आरटीओ फतेहाबाद
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