सेना भर्ती के लिए फिजिकल और मेडिकल पास कर चुका था सचिन, दो साल से कर रहा था पेपर की तैयारी, 'अग्निपथ' के कारण दे दी जान

सेना भर्ती के लिए फिजिकल और मेडिकल पास कर चुका था सचिन, दो साल से कर रहा था पेपर की तैयारी, अग्निपथ के कारण दे दी जान
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रोहतक में एक पीजी में रहकर सेना की भर्ती की तैयारी कर रहे लजवानां कलां के सचिन ( 22) ने अग्निपथ योजना से मायूस होकर आत्महत्या कर ली। सचिन दो साल से रोहतक में कोचिंग ले रहा था।

हरिभूमि न्यूज : जींद

रोहतक में एक पीजी में रहकर सेना की भर्ती की तैयारी कर रहे लजवानां कलां के सचिन ( 22) ने अग्निपथ योजना से मायूस होकर आत्महत्या कर ली। सचिन दो साल से रोहतक में कोचिंग ले रहा था। सरकार की नई योजना आते ही सचिन मायूस हो गया और बुधवार को अपने पिता सत्यपाल को भी फोन किया कि वो जल्द ही गांव आ रहा है लेकिन खरकरामजी निवासी उसकी बहन पुनम को बताया कि वो अपने सपने पूरे नही कर पाएगा। सचिन के पिता सेना से सेवानिवृत हो चुके हैं और बड़ा भाई बेरोजगार है। परिवार का खर्च चलाने और पिता के कदमों पर चलते हुए वह सेना में भर्ती होकर देश की सेवा करना चाहता था।

मृतक सचिन की बहन पुनम ने कई बार उसका समझाया लेकिन उसके दिमाग पर तो केवल सेना में जाने का ही भूत सवार था। रात को ही उसने कमरे में पंखे से लटककर आत्महत्या कर ली। सुबह जब उसके दोस्तों ने देखा कि अभी तक कमरे का गेट नही खुला तो उन्होंने आवाज लगाई। कमरा अंदर से बंद था तो उन्होंने गेट को तोड़ दिया और इसकी सूचना पुलिस और परिजनों को दी गई। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर शव को कब्जे में लेकर रोहतक पीजीआई में पोस्टमार्टम करवाकर परिजनों को सौंप दिया। दोपहर बाद परिजनों ने शव का अंतिम संस्कार गांव लजवाना कलां में किया।

शील स्वभाव का था सचिन

मृतक सचिन के रूम मेट रूपेश ने बताया कि सचिन काफी शील स्वभाव का था और सभी के साथ घुल मिलकर रहता था। रात को उसने कहा कि वो एक बर्थ डे पार्टी में जा रहा है। आप दूसरे कमरों में सो जाना मेरे साथ कई साथी आएंगे। सुबह तक जब कमरे का गेट नही खुला तो उन्होंने आवाज लगाई लेकिन दरवाजा नही खोला गया तो उन्होंने गेट को तोड़ दिया।

परिवार पर टूट पड़ा दुखों का पहाड़

मृतक सचिन के पिता सत्यपाल ने बताया कि वो सेना से सेवानिवृत है और उनके परिवार में चार लड़कियां हैं जोकि चारों शादीशुदा हैं और दो लड़के हैं जिनमें से मंगत की शादी भी हो चुकी है लेकिन वो बेरोजगार है। सचिन अभी तक अविवाहित था। अपने परिवार के सपनों को पूरा करने के लिए सचिन लगातार मेहनत कर रहा था। सचिन ने दो साल पहले गोवा रिलेशन भर्ती में फिजीकल और चिकित्सा को पूरा कर लिया था लेकिन पेपर होना बाकी था। दो साल से कई बार पेपर आगे से आगे स्थगित हो रहा था। सेना में जाना उसने जनून बना लिया था। दो साल से सचिन सेना में जाने की कोचिंग ले रहा था।

स्टेडियम के साथ वाले शमशान घाट में किया गया अंतिम संस्कार

मृतक सचिन का अंतिम संस्कार स्टेडियम के साथ वाले शमशान घाट में किया गया। इस स्टेडियम में ही सचिन खेलता था। इस स्टेडियम में अकालगढ़, लजवाना कलां, मेहरड़ा और फतेहगढ़ के युवा खेलने आते हैं और सेना और पुलिस में भर्ती के लिए मेहनत करते हैं। सचिन की मौत से मायूस युवाओ ने कहा कि सरकार की गलत नीति के तहत यह घटना घटी है। शनिवार को चारों गांवों में युवा जुलाना पहुंचकर जींद रोहतक मार्ग को जाम करेंगे।

मृतक के पिता ने दिया युवाओं को संदेश

मृतक के पिता और पूर्व सैनिक सत्यपाल ने कहा कि किसी भी प्रकार के फैसले से अगर युवा घबरा जाते हैं तो वो सेना में जाने के काबिल नही हैं। युवाओं को धैर्य बनाए रखने की जरूरत है। युवाओं को चाहिए कि वो अपने परिवार के हितों को देखते हुए ऐसे कदम ना उठाएं ताकि उनके कदम परिजनों पर भारी ना पड़ें। उन्होंने कहा कि उनके बेटे का वक्त आ गया था इसमें किसी का कोई दोष नही है।

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