सहारा कार्यालय पर महिला एजेंटों ने ताला लगाया, जानें क्यों

हरिभूमि न्यूज : रोहतक
सहारा कंपनी के कार्यालय पर एजेंटाें ने सोमवार को ताला जड़ दिया। आरोप लगाया कि कंपनी जमाकर्ता के पैसे उन्हें लौटाने को नहीं दे रही। जिससे वह उनके घर के चक्कर काट रहे हैं। इस कारण उनका घर से बाहर निकलना मुश्किल हो गया है। हंगामे की सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची और एजेंटों को समझाने का प्रयास किया, लेकिन उन्होंने पुलिस की एक नहीं सुनी। एजेंटों ने कहा कि इस बारे में जब अधिकारियों से बात करो तो उनके पास कोई संतोषजनक जवाब नहीं होता। पिछले करीब आठ सालाें से ऐसा हो रहा है। उधर अधिकारियों का कहना है कि मामला कोर्ट में विचाराधीन है। जल्द ही सबका पैसा वापस लौटा दिया जाएगा। फिलहाल दोनों पक्षों ने पुलिस को लिखित शिकायत दी है।
शिकायत के बाद पुलिस एजेंटों को साथ ले गई
करीब एक घंटे की नोंक झोंक के बाद एजेंटों ने पुलिस को लिखित में शिकायत दी। जिसमें कहा गया कि एजेंट और जमाकर्ता जब रोहतक में मैनेजर से मिलने आए तो उन्होंने अभद्र व्यवहार किया। ये भी कहा गया कि वे वर्ष 2012 से परेशान हैं क्योंकि कंपनी पैसा वापस नहीं कर रही और जमाकर्ता उन्हें परेशान कर रहे हैं। शिकायत देने के बाद पुलिस एजेंटों को अपने साथ जीप में बिठाकर ले गई। उधर कंपनी कार्यालय के अधिकारी ने भी शिकायत दी और कहा कि बेरी से काफी एजेंट आए और उन्होंने हंगामा किया। स्टाफ के साथ अभद्र व्यवहार करके उन्हें बाहर निकाल दिया और ताला लगा दिया। जबकि कंपनी का कोर्ट में केस चल रहा है।
सुबह 11 बजे शुरू हुआ हंगामा
हंगामा सुबह करीब 11 बजे शुरू हुआ। जिन महिला एजेंटाें ने हंगामा किया वह बेरी की हैं। वह सुबह रोहतक स्थित सहारा कंपनी के कार्यालय पहुंची और वहां मौजूद कर्मचारियों को बाहर बुलाकर दरवाजे पर ताला लगा दिया। इसके बाद वहां के कर्मचारियों ने अपने अधिकारी को इसकी सूचना दी। अधिकारी द्वारा फोन पर उन एजेंटों से बात की गई और कुछ देर रुकने को कहा गया। लेकिन उनके आने से पहले ही एजेंटों ने हंगामा कर दिया।
12 बजे पहुंची पुलिस
इसी बीच कार्यालय के अधिकारियों ने पुलिस को सूचना दी। जिसके बाद पुलिस मौके पर पहुंच गई। पुलिस ने कहा कि ताला लगाना आपका अधिकार नहीं है, ताला खोल दीजिए। अगर आपको कोई परेशानी है तो शिकायत दीजिए उचित कार्रवाई की जाएगी। लेकिन महिला एजेंट उनकी सुनने को तैयार ही नहीं थी। उनका कहना था कि जमाकर्ता उनके दरवाजे पर तकाजा कर रहे हैं। अधिकारी अनदेखी कर रहे हैं, ऐसे में वे कहां जाएं।
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