कोरोना की तीसरी लहर के संक्रमण से बच्चों को बचाने के लिए सरकारी और प्राइवेट स्कूलों में विद्यार्थियों के लिए जाएंगे सैंपल

कोरोना की तीसरी लहर के संक्रमण से बच्चों को बचाने के लिए सरकारी और प्राइवेट स्कूलों में विद्यार्थियों के लिए जाएंगे सैंपल
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विशेषज्ञ चिकित्सक दो से तीन फीसदी बच्चों में कोरोना का गंभीर संक्रमण की संभावना मान रहे हैं, लेकिन नियमित मॉनिटरिंग और सजगता से इस खतरे को टाला जा सकता है। इसी राह पर अभी स्वास्थ्य विभाग चल पड़ा है

हरिभूमि न्यूज:नारनौल

कोरोना महामारी (Corona pandemic) की तीसरी लहर में बच्चों को संक्रमण होने का सबसे ज्यादा खतरा माना जा रहा है। इसमें विशेषज्ञ चिकित्सक दो से तीन फीसदी बच्चों में कोरोना का गंभीर संक्रमण की संभावना मान रहे हैं, लेकिन नियमित मॉनिटरिंग और सजगता से इस खतरे को टाला जा सकता है। इसी राह पर अभी स्वास्थ्य विभाग चल पड़ा है। सिविल सर्जन ने आदेश जारी किए है कि जिले में हर सरकारी व प्राइवेट स्कूलों में आने वाले प्रत्येक विद्यार्थी कोविड-19 का सैंपल करवाएं, ताकि कोरोना वायरस के संक्रमण को समय रहते नियंत्रण में लाया जा सके और बच्चों को महामारी से बचाया जा सके। 

जिला शिक्षा अधिकारी के नाम भेजे पत्र आईडीएसपी/21/67 में सीएमओ डा. अशोक कुमार ने कहा है कि चार अगस्त को अतिरिक्त मुख्य सचिव स्वास्थ्य प्रदेश सरकार द्वारा वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में कोविड-19 की तीसरी लहर को देखते हुए यह निर्देश दिए गए है। जिले के अंतर्गत आने वाले सभी सरकारी व निजी स्कूलों के विद्यार्थियों के कोविड-19 के सैंपल लिए जाए। कारण, कोविड-19 की आने वाली तीसरी लहर बच्चों पर ज्यादा प्रभावित है। इसलिए आपके अंतर्गत जिला महेंद्रगढ़ में आने वाले सभी सरकारी व गैर सरकारी स्कूलों के प्रधानाचार्यों को आदेश देवें कि वे स्कूल में आने वाले सभी विद्यार्थियों को कोविड-19 का सैंपल करवाएं ताकि जिला में फैलने वाले कोविड-19 के केसों को नियंत्रण में रखा जा सके। सीएमओ ने यह सूचना उपायुक्त के पास भी भेजी है।

शिशु रोग विशेषज्ञ डा. मदनलाल यादव की माने तो परिजनों की सजगता से बच्चों को संक्रमण से बचाया जा सकता है। इसलिए परिजनों को नियमित बच्चों की मॉनिटरिंग करनी चाहिए। जिससे संक्रमण न फैले। यदि बच्चों में शारीरिक रूप से व्यवहार में थोड़ा परिवर्तन नजर आए तो डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए। वहीं सामान्य बुखार भी कोरोना हो सकता है। इसमें यदि घर का कोई सदस्य संक्रमित हो तो बच्चे की जांच करानी चाहिए। इसमें आटीपीसीआर व रेपिड एंटीजन टेस्ट करा सकते हैं।

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