समाजसेवा की अनूठी मिसाल बने कुरुक्षेत्र के संदीप, जरूरतमंदों की सहायता करने से कभी पीछे नहीं हटाए पांव, आगे पढ़ेंं

तरूण वधवा : कुरुक्षेत्र
कहते हैं कि अगर मन में कुछ ठान लो तो हर मुश्किल आसान होती जाती है। समाज के लिए कुछ करने का जज्बा हो तो कोई भी काम कठिन नहीं हो लगता। ऐसी ही मिसाल पेश कर रहे है समाजसेवी संदीप गर्ग लाडवा। वे पिछले कई वर्षों से समाज सेवा का बीड़ा उठाए हुए हैं।
कुरुक्षेत्र ही नहीं अन्य जिलों में भी उन्होंने जरूरतमंदों की सहायता करने से पांव कभी पीछे नहीं हटाए। हाल ही में उन्होंने कुरुक्षेत्र जिला के उपमंडल लाडवा में एक रसोई की शुरूआत की थी, जहां रोजाना करीब 800 लोगों को पांच रुपये प्रति व्यक्ति के हिसाब से भरपेट खाना दिया जाता है। इतना ही नहीं उन्होंने 100 से ज्यादा जरूरतमंद परिवारों के बच्चों को गोद भी लिया हुआ है, जिनकी पढ़ाई का सारा खर्च वह खुद वहन करते हैं। इसके अलावा उन्होंने जरूरतमंद परिवारों से 35 बेटियों की धूमधाम से शादियां भी करवाई।
संदीप गर्ग बताते हैं कि समाज सेवा करने की प्रेरणा उन्हें अपने दादा सुरेंद्र नाथ गर्ग से मिली है। समाज के लिए उनके द्वारा किए गए अच्छे कार्यों को देख उनके मन में भी जरूरतमंदों के लिए कुछ कर गुजरने की तमन्ना जागी। संदीप गर्ग अनेक समाजसेवी संस्थाओं को भी सहयोग देते रहते हैं, जिनमें हैल्पर्स सोसायटी शाहाबाद, लायंस क्लब, ब्लड बैंक शाहाबाद, रोटरी क्लब शाहाबाद, सहयोग फाऊंडेशन बाबैन व रोटरी क्लब बाबैन सहित कई संस्थाएं शामिल हैं। गर्ग का कहना है कि किसी की जिंदगी में खुशियां भरकर तो देखो बदले में सैकड़ों दुआएं मलेंगी। यह दुआएं ही उन्हें लोगों की सेवा करने की शक्ति प्रदान करती हैं।
बाबैन में भी रसोईघर की शुरुआत
संदीप गर्ग ने बताया कि वह अपने दादा की पुण्यतिथि पर 14 मई को एक रसोईघर की शुरुआत की है। यहां भी लाडवा रसोई की तरह पांच रुपये में लोगों को भरपेट खाना दिया जा रहा है। संदीप गर्ग ने बताया कि 28 जून से एक मोबाइल अस्पताल भी शुरू किया जाएगा। इसमें एक डॉक्टर व कुछ स्टाफ होगा जो हर रोज दो से तीन तीन गांवों में मेडिकल सुविधा उपलब्ध करवाएंगे।
पांच एंबुलेंस की भेंट
संदीप गर्ग द्वारा अलग-अलग समय पर स्वास्थ्य सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए पांच एंबुलेंस भी भेंट की जा चुकी हैं। इतना ही नहीं लॉकडाउन के समय में जब कई परिवारों के आगे खाने पीने का संकट खड़ा हो गया था तो संदीप गर्ग ने घर-घर भोजन पहुंचाने का नेक कार्य भी किया। उन्होंने लाडवा में अनाथ आश्रम के पास कॉलोनी में अपने निजी कोष से एक ट्रांसफार्मर भी लगवाया। यह उन कॉलोनीवासियों की लंबे समय से मांग थी। इसके साथ-साथ चौक पर मजदूरों के लिए शेड बनवाया और वहां पंखे व कूलर का इंतजाम भी करवाया।
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